Student by profession and a writer by passion
कुछ तो मायने होंगे इस पल के, वरना यूँ ही किसी से मुलाक़ात नहीं होती। कुछ तो मायने होंगे इस पल के, वरना यूँ ही किसी से मुलाक़ात नहीं होती।
अगली सुबह दोनों बाबा विश्व्नाथ की नगरी में उतरे तो मौसम खुशनुमा लग रहा था। अगली सुबह दोनों बाबा विश्व्नाथ की नगरी में उतरे तो मौसम खुशनुमा लग रहा था।
एक छोटी सी पर्ची मिलती है। उस पर किसी रेस्टोरेंट का एड्रेस और टाइम लिखा है और नीचे लिखा है, "मैं इ... एक छोटी सी पर्ची मिलती है। उस पर किसी रेस्टोरेंट का एड्रेस और टाइम लिखा है और न...
एक और मुलाकात...। एक और मुलाकात...।
"तुम कहानियां अच्छी लिखते हो और मैं तुम्हारी कहानियां पढ़ना नहीं तुम से सुनना ज्यादा पसंद करूंगी....... "तुम कहानियां अच्छी लिखते हो और मैं तुम्हारी कहानियां पढ़ना नहीं तुम से सुनना ज्...