लालची युगल
लालची युगल


एक गांव में एक गरीब अदमी रहता था। उन का नाम रागु। वह सब शादी में पकाना काम करता था। काम के बाद एक वन के द्वारा वापस सलना पड़ा। उन्हें बहूत हिम्म्त वाले थे।
तब एक शैतान उनको पकडा आर बोला। में तुमे काने वाला हूं। मुजे बहुत बूखि हूँ। तो रागु ने ज़वाब दिया। ख्या फायदा मुजे खाकर। बदले में में तुम्हें कई प्रकार के मिटाई दूँगी।
तुम्हें कालो बहुत खूब रहेगा।
बोलकर उसने थैली से अनेक मिटायें उठा रका तो शैतान बहुत खुश हो गया। तो रोज भी लाकर दो में तुमें ढेर पैसा दूंगा कहकर पेड़ से कई सोने का मोगर दिया। रागु बहुत खुश हुआ।
सीदे गर जाकर अपनी पत्नी से सारे बाद कहा। बाज़ू घरवाली सुनली तो उनके पति से कही अगला दिन मेरे दिए हुए मिठाई कोशैतान के पास देदो। मोगरे ले आ। क्यूंकि रागु के पत्नी शैतान के पास जाने का मना करदी। तो पड़ोस वाला पत्नि का बोल मान लिया। अगला दिन उसने शैतान के पास गया और मिठाई बानड्डा तो शैतान खुश हुआ। लेकिन रागु जैसा पड़ोसी हिम्मतवाला नहीं था। तो पत्नी से कहने पर,उसने कहा अगला दिन सुबह जाकर पेड़ को तोड़कर मोहरा ले आए। अगला दिन जाकर पेड़ काटने पर वहां मोगर नहीं था। सिर्फ मिट्टी ता ,तो उन्हें गबरा गया। उनके लालच के वास्ते कुछ नहीं मिला। डरपोक होने वास्ते रोज जाना मना कर दिया। फलस्वरूप में इनाम नहीं मिला, मिट्टी ही मिला।