Vidya Sharma

Inspirational

5.0  

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लाल बत्ती की मुसीबत

लाल बत्ती की मुसीबत

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मयूरी कितनी भी जल्दी कर ले वह ऑफिस लेट ही पहुंचती है अब तो स्टाफ के साथ-साथ बॉस भी उसकी लेटलतीफी के आदी हो गए थे पर मयूरी का टाइम मैनेजमेंट गजब का था जिससे लेट होने के बावजूद वह अपना काम हमेशा समय से खत्म करती और बेहतर तरीके से करती। इसीलिए सभी उसकी इस आदत को अनदेखा कर देते हैं पर आज मयूरी ने तय कर लिया कि वह ऑफिस जल्दी पहुंचकर रहेगी जल्दी से तैयार होकर घड़ी देखा तो अभी पूरे 1 घंटे का समय था वह आराम से पहुंच सकती थी। उसने अपनी स्कूटी निकाली और चल दी मुस्कुराती, गुनगुनाती।

अभी वह थोड़ी दूर पहुंची थी कि उसने देखा काफी जाम लगा था पर वजह समझ नहीं पा रही थी उसने बगल में खड़े एक बाइक सवार से पूछा तो वह गुस्से में बोला "अरे मैडम ! यह सब लाल बत्ती वालों की मेहरबानी है, उनके स्वागत में हमारी जान मुसीबत में पड़ जाती है।

"मतलब कोई बड़ा नेता आ रहा है ?"

" हां जी.. यह नेता तो लाल बत्ती लगाकर खुद को जाने क्या समझते हैं। जिस जनता ने उन्हें इस लायक बनाया यह उसी को परेशान करते हैं, खुद तो चैन से बैठे रहते हैं और जनता पिसती रहती है।"

सड़क पर जाम बढ़ता जा रहा था।नेताजी कब आएंगे, कुछ पता नहीं था।

मयूरी को बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि आज फिर वह लेट हो रही थी। जाम इस कदर था कि ना वो आगे जा सकती थी ना पीछे।

तभी एक गाड़ी से चीखने की आवाज आई पास जाकर देखा तो उसमें एक गर्भवती महिला थी और उसे फौरन मदद की जरूरत थी। मयूरी परेशान हो गयी कि कैसे उस महिला को अस्पताल पहुंचाया जाए। इसी भीड़ में कुछ ऐसे विद्यार्थी भी थे जो बहुत ही जरूरी परीक्षा देने जा रहे थे, कुछ व्यक्ति इंटरव्यू देने जा रहे थे पर सब का भविष्य अधर में दिख रहा था।

भारी जाम की वजह से चारों तरफ चीख-पुकार बढ़ने लगी तो पुलिस ने लाठी पटकना शुरू किया जिससे भगदड़ वाली स्थिति बन गई। कुछ यात्री तो पुलिस से भी उलझ बैठे।

1 घंटे से ऊपर समय हो गया पर नेताजी का पता नहीं मयूरी ने पुलिस वाले से जाकर विनती की, कि महिला को अस्पताल पहुंचना जरूरी है पर वह आना कानी करने लगा तब उसने धमकाया कि अगर किसी को कुछ हुआ तो वह बहुत बड़ा आंदोलन करेगी और फिर यही नेता लोग तुम्हें सस्पेंड भी करेंगे। अब तक मयूरी के समर्थन में कई लोग इकट्ठे हो गए, लोगों के आक्रोश को देखते हुए और नेताजी के आने में विलंब को देखते हुए पुलिस वाले ने फिर महिला को अस्पताल जाने का रास्ता दियाऔर जाम खुलवाया। मयूरी भी ऑफिस पहुंची पर आज और भी ज्यादा लेट थी पर ऑफिस वालों को उसके हिम्मत की खबर लग चुकी थी सब ने तालियों से उसका स्वागत किया और वह हमेशा की तरह अपनी चिर परिचित मुस्कान के साथ अपने काम में लग गई।


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