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Vidya Sharma

Drama

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Vidya Sharma

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बंधन

बंधन

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"सागर यह ठीक नहीं, यह हमारी संस्कृति नहीं है और फिर हमारे पेरेंट्स... उनके बारे में तो सोचो"।

"देखो नेहा ! मुझे इन सब से कोई मतलब नहीं। यह शादी, बंधन और रीति रिवाजो मे मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। हम एक दूसरे को प्यार करते हैं और इसे प्रूफ करने के लिए शादी जैसे तमाशे की जरूरत नहीं है"।

" सागर यह अमेरिका नहीं है ,इंडिया है समझे ! 

नेहा अगर तुम इसी तरह गवारो वाली बातें करती रही तो एम सॉरी.. मैं वापस अमेरिका चला जाऊंगा।

नेहा उसे हैरान देखती रही .."सागर थोड़ी देर पहले तो तुमने कहा कि तुम मुझसे प्यार करते हो और अभी छोड़कर जाने की बात कर रहे हो , यही है तुम्हारा प्यार ?

"नेहा !अब ये मेलोड्रामा मत करो ..मैंने तुम्हारे साथ रहने से मना नहीं किया बस मुझे स्टुपिड से रीति-रिवाज पसंद नहीं"।

" पर मुझे पसंद है , हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है और विवाह बंधन हमें मर्यादा में रहकर जीना सिखाता है मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं पर शादी के बाद अगर तुम मुझे प्यार करते हो तो इन रीति-रिवाजों के साथ मुझे अपना ना वरना तुम अपनी जिंदगी जीने के लिए आजाद हो।

इतना कहकर नेहा चली गई और सागर उसे देखता रह गया।


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