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Gita Parihar

Inspirational

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Gita Parihar

Inspirational

कुछ तथ्य अनसुने

कुछ तथ्य अनसुने

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"बच्चो,आज हम बात करेंगे कुछ ऐतिहासिक तथ्यों की जो आपको शायद ज्ञात न हों।आज हम इस कड़ी में 22 नाम रखेंगे,तो सर्वप्रथम हैं,

* खगोल विज्ञान के जनक आर्यभट्ट,जिन्होंने आर्यभट्टीयम् पर काम किया।

 *दूसरे आते हैं,ज्योतिष के जनक: वराहमिहिर ।इनकी रचनाएं हैं; पंचसिद्धांतिका, बृहत् होराशास्त्र ।

 *सर्जरी के जनक,चरक और सुश्रुत का नाम तो सब ने सुना है।इनकी चरकसंहिता व अन्य पुस्तकें हमारी अमूल्य निधि हैं।

* शरीर रचना विज्ञान (एनाटॉमी) के जनक हैं ,पतंजलि, इनका कार्य योगसूत्र प्रथम शोधपत्र है। 

 *अर्थशास्त्र के जनक से भी आप सब भलीभांति परिचित हैं,आचार्य चाणक्य, जिनका अर्थशास्त्र आज भी मार्गदर्शन देता है ।

* परमाणु सिद्धांत के जनक ऋषि कणाद का नाम शायद किसी ने नहीं सुना होगा। इन्होंने कणाद सूत्र लिखा था।

*वास्तुकला के जनक थे विश्वकर्मा।इनका कार्य सूर्यसिद्धांतिका के नाम से संग्रहित है। 

*वायुगति शास्त्र (एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी) के जनक थे भारद्वाज ऋषि, जिन्होंने विमान शास्त्र पर कार्य किया।

*आयुर्वेद का प्रचार करने वाले प्रथम चिकित्सक थे धन्वंतरि ।

*व्याकरण की दीपिका, अष्टाध्यायी के जनक या यूं कहें कि व्याकरण के जनक, तो वे थे ,पाणिनि ।

*नाट्यशास्त्र के जनक थे भरतमुनि।उनका कार्य था नाट्यशास्त्र ।

*काव्य परम्परा के जनक (साहित्य)कृष्ण द्वैपायन (वेदव्यास); रचित महाभारत, अष्टादशा पुराण सर्वविदित है।

*नाट्यलेखन के जनक कालिदास से कौन अपरिचित है?उनकी महान कृतियों में मेघदूतम, रघुवंशम, कुमारसम्भवम आदि हैं।

*गणित के जनक थे भास्कर द्वितीय।उनका कार्य था,

लीलावती ।

*युद्ध कला (वारफेयर और वेपनरी ) के जनक the परशुराम।उनके महान कार्यों में कलरीपायतु व सुलबा सूत्र प्रमुख हैं।

*कहानी लेखन के जनक विष्णु शर्मा की पंचतंत्र की नीति कथाएं पढ़कर बच्चे बड़े होते हैं ।

 *चाणक्य को अगर राजनीति के जनक  कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।उनकी कृतियां अर्थशास्त्र व नीतिशास्त्र हैं ।

*वात्स्यायन को कामदर्शन (सेकसुअल एनेटोमी) का जनक कहा जाता है उनका लिखा कामसूत्रः है । *दर्शनशास्त्र के जनक थे भगवान श्रीकृष्ण।उनके विषय में और भी जानना हो तो श्रीमदभगवदगीता का अध्ययन करना चाहिए ।

*अद्वैतवाद के जनक आदि गुरु शंकराचार्य कहलाते हैं।उनकी बेजोड़ रचनाएं टीका (भाष्य), पंचदशी, विवेकचूडामणि आदि हैं ।

*रसायन शास्त्र (ऐल्कमि) के जनक नागार्जुन कहलाते हैं।उनका लिखा प्रज्ञापारमिता सूत्र आज भी रसायनशास्त्र में प्रमुख स्थान पर है।

*कपिल ऋषि का सांख्यसूत्र उनके ब्रह्मांड विज्ञान के जनक होने का पुख्ता प्रमाण है।

देखा बच्चों ,भारत को इसलिए विश्व गुरु की उपाधि मिली है। हमें गर्व होना चाहिए ।हमारा इतिहास इतना गौरवशाली रहा है।"

"जी चाचाजी, तभी तो हम सभी मंत्रमुग्ध होकर केवल सुनते ही जा रहे थे।"सभी एकसुर में बोल उठे।

"सही कहा,इन बातों पर मनन भी करना।अब मैं चलता हूं । जय हिंद।"

"धन्यवाद, चाचाजी।"



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