कुछ सीख लो रे मानव
कुछ सीख लो रे मानव
तुलसी पूर्व के पाप से हरिचर्चा नहीं सुहाय।
जैसे ज्वर के जोर से भूख विदा हो जाय।।"
मनुष्य के पूर्वजन्मों के पापों की वजह से बहुत से लोगो को हरि के कीर्तन, हरि की चर्चा, हरि का भजन। चौपाइयां आदि अच्छे नही लगते क्योकि पूर्वजन्म के पाप उन्हें हरि के नज़दीक नही जाने देते।
जैसे मनुष्य को बुखार आने पर भूख नही लगती। चाहे आप उसे कितने ही पकवान क्यो न खिलाये भूख विदा हो जाती है। वैसे ही पूर्व जन्म के पापों की वजह भगवान की चर्चा अच्छी नही लगती।
सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं।
जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं।।
भगवान राम कहते है । जीव ज्यों ही मेरे सन्मुख होता है, त्यों ही उसके करोड़ो जन्मो के पाप नष्ट हो जाते हैं।
इसलिए , कुछ सीख लो रे मानव!
अच्छे कर्म कर। हो सके तो संतो का संग कर, गलत संगत से बचना सीख। अच्छे लोगो का संग कर।।
तो जीवन में हम क्या करें?
पापो से दूरी बनाकर रखे। ये जीवन अगले जीवन की तैयारी है। पिछले जीवन को अब हम भोग रहे है।। अब जो करेंगे वो अगले जन्म में काम आ आयेगा ।
हरे राम हरे राम। राम राम हरे हरे।।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण। कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।
