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Keshab Chandra Dash

Others Children

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Keshab Chandra Dash

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कमल मन्दिर (Lotus Temple)

कमल मन्दिर (Lotus Temple)

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सभी धर्मों का मिलन केंद्र ,दिल्ली का कमल मंदिर (Lotus Temple)


दिल्ली में स्थित लोटस टेम्पल से जुड़ी कुछ रोचक और दिलचस्प बातें इस प्रकार हैं –


दिल्ली के नेहरू प्लेस में स्थित लोटस टेम्पल बहाई धर्म की आस्था से जुड़ा एक पवित्र और धार्मिक स्थल है। जिसकी स्थापना बहा-उल्लाह ने की थी। जबकि कनाडा के रहने वाले मशहूर वास्तुकार फरीबर्ज सहबा ने इसका डिजाइन तैयार किया था।

कमल मंदिर में बने इसके भव्य प्रार्थना सभागार में एक बार में करीब ढाई हजार लोग आ सकते हैं।

अपनी अद्भुत वास्तुशिल्प के लिए मशहूर इस लोटस टेम्पल को देखने रोजाना करीब 10 हजार लोग आते हैं।

लोटस टेम्पल एशिया महाद्धीप का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मूर्ति पूजा नहीं होती है, यह मंदिर प्रभु की उपस्थिति में विश्वास रखता है एवं यह सभी धर्मों के लिए खुला हुआ है। यह मंदिर ”अनेकता में एकता’ के सिद्धांत को यथार्थ रुप देता है एवं सभी धर्मों का आदर करता है।


करीब 42 मीटर लंबा यह प्रसिद्ध कमल मंदिर दुनिया के बहाई समुदाय के 7 प्रमुख स्थलों में से एक है। भारत के अलावा बहाई धर्म के अन्य स्थल पनामा, अपिया, विलेमेट, सिडनी, कंपाला, फ्रैंकफर्ट आदि शहरों में स्थित है।

आधे खिले हुए कमल के फूल के आकार के बने इस मंदिर ने अपनी अद्भुत वास्तुशिल्प और डिजाइन के लिए कई आर्किटेक्चरल अवॉर्ड भी जीते हैं। दुनिया के कोने-कोने से लोग इसकी खूबसूरती को देखने आते हैं।

1986 में निर्मित आधुनिक वास्तुशिल्प पर आधारित इस कमल मंदिर को मॉडर्न भारत अर्थात 20वीं सदी का ताजमहल भी कहा जाता है।

दिल्ली के प्रमुख आकर्षणों में से एक यह कमल मंदिर करीब 40 मीटर लंबा है और चारों तरफ से 9 तालाबों से घिरा हुआ है।

विश्व के सात बहाई केन्द्रों में से एक लोटस टेम्पल के 9 दरवाजे एवं 9 कोने हैं, जिसे लेकर यह माना जाता है कि 9 सबसे बड़ा नंबर है जो कि विस्तार, एकता एवं अखंडता को प्रदर्शित करता है।

करीब 26 एकड़ के क्षेत्रफल में बने इस मंदिर को करीब 700 टेक्नीशियन, इंजीनियर और कलाकारों ने मिलकर बनाया है।

कमल के आकार में बने हुए इस मंदिर में 27 खड़ी हुईं कमल के फूल की पंखुड़ियां बनी हुई हैं, जिसे जंग से बचाने के लिए इसके शेल्स को स्टील से गेल्वनाइज्ड किया गया है।

यह मंदिर अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, यहां जोर-जोर से प्रार्थना करना या फिर किसी तरह का संगीत बजाने की अनुमति नहीं है।

लोटस टेम्पल में बनी लाइब्रेरी में लोग बैठकर कई धार्मिक किताबें भी पढ़ सकते हैं।

आधुनिक वास्तुशैली से निर्मित इस आर्कषक कमल मंदिर की सुरक्षा को लेकर इसे कांच और स्टील से बनी छत से कवर किया गया है, वहीं गिलास की कवर की वजह से इस मंदिर के मुख्य हॉल में नैचुरल प्रकाश भी आसानी से आता है।

मंदिर को कमल के फूल के आकार देने का यह एकमात्र उद्देश्य है कि कमल सभी धर्मों के लोगों के लिए पवित्र और पूज्य है, इसलिए यहां सभी धर्मों के लोग मन की शांति प्राप्त करने के लिए आते हैं।


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