संविधान के कुछ जानकारियां
संविधान के कुछ जानकारियां
भारतीय संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही भाषाओं में हस्तलिखित रूप में तैयार की गयी थी और दोनों भाषाओं में आज भी सुरक्षित रूप से उपलब्ध है। इसमें टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
अंग्रेजी में लिखे भारतीय संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी।
भारतीय संविधान की हिंदी व अंग्रेजी की मूल प्रतियां भारतीय संसद की लाइब्रेरी में विशेष हीलियम भरे केस में रखी हुई हैं। संविधान की हिंदी कॉपी मेरठ में भी उपलब्ध है।
भारतीय संविधान की प्रतियों की छपाई देहरादून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया की प्रिंटिंग प्रेस में की संविधान लिखने के लिए रायजादा ने कोई पारिश्रमिक नहीं लिया था। उन्होंने हर एक पेज पर अपना नाम लिखने की शर्त रखी थी, जो सभी पेजों पर दिखता है।
मूल संविधान को चित्रों के माध्यम से खूबसूरती दी थी शांतिनिकेतन के प्रसिद्ध चित्रकार नंद लाल बोस ने। उनकी कला ने मूल संविधान को सजाया और अलंकृत किया। उन्होंने अपना काम चार साल में पूरा किया।
सजावट का काम देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सुझावों के मुताबिक किया गया। कागज के किनारों पर नक्काशी असली सोने के स्प्रे से किया गया। चित्रकार ने इस प्रतिष्ठित दस्तावेज के 221 पन्नों में कला और इतिहास का एक साथ अनोखे सम्मिश्रण का जटिल काम पूरा किया।
मूल संविधान में मोहनजोदड़ो काल, वैदिक काल, महाकाव्य काल, महाजनपद और नंदकाल, मौर्य काल, गुप्त काल, मध्य काल, मुगल काल, ब्रिटिश काल, भारत का स्वतंत्रता संग्राम, स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए क्रांतिकारी आंदोलन और प्राकृतिक विशिष्टता श्रेणियों में 22 तस्वीरें प्रयोग की गई हैं। मूल संविधान की तस्वीरों को देखें तो पता चलता है कि भारत के सभी धर्मों को ध्यान में रखकर चित्रों का चयन किया गया है।
संविधान में इस्तेमाल किए गए चित्रों में मोहजोदड़ो काल की मुहर, वैदिक आश्रम का दृश्य, रामायण से लंका विजय और सीता उद्धार का दृश्य, महाभारत से भगवद्गीता का कथन, बुद्ध के जीवन की झांकी, महावीर के जीवन की झांकी, अकबर का चित्र व मुगल वास्तुकला, शिवाजी और गुरु गोविंद सिंह का चित्र, टीपू सुल्तान और रानी लक्ष्मीबाई के चित्र, गांधी जी की डांडी यात्रा आदि के कुल 22 चित्र शामिल किये गए हैं।
