.*क्रूरता की पराकाष्ठा
.*क्रूरता की पराकाष्ठा
वह कमसिन थी नाजुक थी कोमल अधखिली कली , अभीअभी तो यौवन की दहलीज पर कदम रखा था। पैदायशी बेमिसाल बेदाग सौंदर्य मिला था, उसने सुंदरताकी सब सिमांए पार की थी, जो देखता वहं देखते ही रह जाता.कईयौकै वह दिलमें जा बैठी, कईयौकै सपनोमें, किसीकी आहोमें, किसीकी धड़कनोंमें जा बैठी
देखते ही देखते भंवरोंमें बहारे छानें लगी, और वहं आगे-पीछे उस फुलपर मंड़राने लगे थे, ताकांझांकी कर इक नजर देखनेकों तरस जाते, ना दिखीतो आह्हे भरते ।
वह यौवन की दहलीज पर पहूंच गई अभीअभी सोलहं पार कर गई , वहं अपने सुहाने सपनोंमें खों जाती, पढनेंमें होशीयार तरह तरहकी कलाकुसर पढ़ाई के साथ करती, न जाने कैसे दिलकें हातो मजबूर होकर उसने इश्कीयां इजहार कर लिया किसी युवक के प्यारमें अपने आपको भूल गई, पर उसने दिल से प्यार किया और प्यारपर खूदसे ज्यादा भरोसा कर लिया, देखते ही देखते प्यार के चर्चे होने लगे, हवाकें झोकेंकीं तरह दिन गुजरते चले गए। कहते है प्यार तो एक हवा का झोंका है वह कहीं भी किसी भी तरह अंदर समा जाता है, यंह इक अंतरात्माकी झंकार है, इक अहसास है, मीठीमीठी सूरीली धून है, और सुंकून भी है, यही तो जीवनमें कुछ क्षण मिलते है जिन्हे यादगार बनाकर प्यार मुहब्बत में डूब जाते है, इक नशासा छा जाता है, और उसीमें सराबोर रहना चाहते है।
मगर ऐसा कभी होता नही है, आसानीसे कह
ां मिल पाता प्यार को पाना साधना है, बहूतही मुश्कीलसे मिलता है, आजतक कई हस्तीया इस प्यारकी खोजमें मिट गई बर्बाद हो गई , कहते है सच्चा प्यार किसी बिरले को ही मिलता है और वह किस्मतमें भी तो होना चाहिए,
वहं कमसिन बाला ग्रॅज्युएशन पुरा करके यूनिवर्सिटी में पढ़ानें जाने लगी थी, वह समझदार होनेके साथ पारीवारीक जिम्मेदारीको भी समझती थी, मगर प्यार के हाथों मजबूर होकर अपनी जिंदगी को दाव पर लगा बैठी, एक अनजान हादसा उसके साथ घटा, वह नहीं जानती थी कि उसके साथ क्या होने वाला है, प्यारे प्यारे सपनों में खो गई थी, इस मामले में वह बहुत ही नासमझ निकली, वह सपने में भी नहीं सोच सकी ना समझ पाई , प्यार के रूप में उसकी बर्बादी उसके बहुत ही निकट खड़ी थी लेकिन उसको भनक तक नही लगी, उसके साथ क्या होने वाला है, वह अपने जीवन के सपनों में खोई रहती थी सच्चे प्रेम की उसे तलाश थी वह तो 'समर्पण और त्याग' लिए बैठी थी लेकिन उस अमानुष हत्यारे ने उसके दिल का जरा भी ख्याल नहीं किया.
वह सरफिरा उसे शक की निगाह से देखता रहा और एक दिन उसने उस कमसिन बाला की जान ही ले ली. पेट्रोल छिड़ककर उसका जीवन ही समाप्त कर डाला.क्या उस अमानुष हत्यारे को जीने का अधिकार है, नहीं तो तुरंत ही उसे फांसी पर लटका दिया जाए, ताकि बाकी की कमसिन बालाएं तथा महिलाओं को बचाया जा सकता है।