Meenakshi Kilawat

Others

5.0  

Meenakshi Kilawat

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भाते नहीं विचार हमें.

भाते नहीं विचार हमें.

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जनम लेना समझे पाप, भाते नहीं विचार हमें  

मतवाली में भूले साथ, भाते नहीं विचार हमें


कल यहाँ अंधेरा था वह, अब भी वैसे ही दिखता 

खत्म कभी होगी लड़ाई, वक्त ने दी आसार हमें


बात सच्ची बोल दो यारो, तो मशहूर होंगे ही  

मांगते हम सरल बोली, दो वह समाचार हमें ..


लौट आएँगे कभी तो, कोशिशों के फल लगेंगे  

कभी कामयाबी तो कभी मिलेगा पत्थहार हमें


याद आना भूल जाना, कौन किसका है प्यारा  

बदल जाते पल में रंग, दिखे फिर समझदार हमें


रंग चढ़ा चेहरे पर है, यहां ख्वाबों का नज़ारा

जो नूर ये गुलशन बना, वो करते दरकार हमें


जोड़ ले रिश्ते दिलों के, राहें अमन की चून कर 

ये नयी दुनियाँ बसा कर, प्यार भरा दो शहर हमें..



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