कर्तव्य पालन
कर्तव्य पालन
राहुल और नीलम बचपन से साथ पढ़े थे चाहे विद्यालय हो या महाविद्यालय दोनों अच्छे दोस्त थे। जैसे जैसे दोनों बड़े हो रहे थे वैसे वैसे उनके मन में दोस्ती के इतर भी भाव पैदा हो रहे थे। एक दिन हिम्मत करके राहुल ने नीलम को अपने मन की बात की कह दी कि वह उसे बहुत पसंद करता है नीलम खुश थी दोनों साथ मे खुश थे। लेकिन बात जब परिवार की आती उनके बारे में सोच कर ही नीलम घबरा जाती की क्या होगा उनसे कैसे कहूंगी। नीलम जानती थी कि उसका परिवार उसकी जाति के बाहर विवाह नहीं करेगा धीरे धीरे उसने राहुल से दूरियाँ बनाना शुरू कर दी ताकि उसे तकलीफ़ न हो। राहुल परेशान रहने लगा पर किस्मत में शायद यही था दोनों ने परिवार की जिम्मेदारी निभाई और जहां परिवार की मर्ज़ी थी वहां विवाह करके अपने कर्तव्य का पालन किया।