आकिब जावेद

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5.0  

आकिब जावेद

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कर्म

कर्म

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ट्रिन-ट्रिन दरवाजे से आवाज आ रही थी,देखिये जी कौन है। किचन से बहुत तेज आवाज आयी।तभी कमरे के अंदर से बाहर आते हुए कमल ने दरवाजे के तरफ़ कदम बढ़ाया तो सामने अपने दोस्त को पाता है। अरे किशन तुम कहाँ। अचानक कैसे आना हुआ। कुशल क्षेम मित्र से पूछता हुआ दोनों अंदर की तरफ आते है। कमल और उसकी पत्नी आरती दिल्ली में रहते है। कमल पेशे से इंजीनियर था,और वह दिल्ली में जॉब करता था। आरती एवं कमल की अभी नई नई शादी हुई थी ।

कमल उसे अपने साथ दिल्ली ले आया था। किशन दिल्ली सिविल की तैयारी के सिलसिले में आया हुआ था। किशन को कमल घर में रुकने के लिए कहता है कि आज वह उसके घर में ही रुके लेकिन किशन डिनर करने के बाद वापस अपने घर वापस चला जाता है। आरती किशन के जाने के बाद कमल से उसके बारे में पुछती है। कमल उसे सब कुछ बताता है कि कैसे वह दिल्ली में रहता है एवं किस प्रकार तैयारी कर रहा है ।

किशन बहुत होनहार लड़का है, वह एक हाथ से विकलांग होने के बावजूद किसी से मदद नही मांगता है। अपने कार्यो को स्वयं ही करता है। किसी के ऊपर बोझ नही बनता है। गरीब घर से होने के बावजूद वह जॉब करके तैयारी कर रहा है। यह सब बात कमल आरती को बताता है।

आरती यह सब सुन बहुत परेशान सी रहने लगी,कमल से वह कहती कि कुछ भी करके उसकी मदद कीजिए। एक स्त्री के अंदर की ममत्त्व की भावना उमड़ सी उठी। कमल किशन को एक स्कालरशिप का फार्म भरवाता है,

किशन उस फार्म को भरने के बाद स्कालरशिप प्राप्त कर लेता है, वह अब दिन-रात पढ़ाई करने लगा। किशन ने सिविल के इम्तिहान को पास कर लिया एवं एक अच्छे पद को प्राप्त कर लेता है,लेकिन वह सदैव कमल एवं आरती के सहयोग को याद करता है।

उसे जब भी मौका मिलता वह उनकी मदद करता। इंसान को हमेशा जब भी मौका मिले दूसरे इंसान की मदद करनी चाहिए एवं हमें दूसरे की मदद करके जिसने हमारे साथ मदद की है उसका बदला ऐसे चुकाना चाहिए।इससे समाज में अच्छा कर्म करने का हौसला बढ़ेगा। लोग एक-दूसरे की भलाई इसी बहाने ही करेंगे। क्यों कि समाज हमारा दिशाविहीन होते जा रहा है। लोगो की नैतिकता खत्म होती जा रही है। लोगों के अंदर विश्वास की कमी का ह्यस होता जा रहा है।


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