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Raj sharma

Tragedy

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Raj sharma

Tragedy

कोरोना (लघु -कथा)

कोरोना (लघु -कथा)

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वीरसेन पिछले रविवार को स्टेशन से बस में सफर कर रहा था वह सब से घुल मिल गया क्योंकि वह सबसे हंस हंस के बात करता था और वह बहुत ही मजाकिया किस्म का आदमी था । बस में सफर कर रहे सभी यात्रियों से वह जल्द ही घुलमिल गया ।वीरसेन अपने घर पहुंच चुका था । इधर जो यात्री वीरसेन के सम्पर्क में आ चुके थे वह सबके सब बीमार पड़ चुके थे । वीरसेन के घर वालों ने वीरसेन के घर आने की सूचना गुप्त रख ली । पुलिस ने जब पूछताछ की तब भी यही जबाब दिया कि वीरसेन तो दुबई में ही है । देखते ही देखते कोरोना वायरस उन सबको अपनी चपेट में लिया जा रहा था जो लोग वीरसेन के सम्पर्क में थे । 

इधर जो लोग बस में वीरसेन के साथ सफर कर रहे थे । उनके साथ और लोगों का जब सम्पर्क हुआ तो वो भी कोरोना ग्रस्त हो गए । अब तो समस्या बड़ी गम्भीर होती जा रही थी । कोरोना वायरस प्रति व्यक्ति फैलता ही जा रहा था । अनेक जिंदगियां कोरोना की चपेट में आ गयी थी । वीरसेन ने न ही कोई सावधानी बरती न ही इलाज के लिए अस्पताल में गया  परन्तु जब हालात जब गम्भीर होते जा रहे थे । तब निजी अस्पताल में जांच से यह पता चला कि वीरसेन तो काफी दिनों से कोरोना ग्रस्त है ।

अगर वीरसेन और उसके परिवारजन समय रहते समाज और दुनिया को यह सच्चाई बता देते हो सकता कि अनेक जिंदगियां कोरोना से ग्रस्त न होती । परन्तु सच्चाई कब तक छिप सकती । तरह दिन के बाद वीरसेन कोरोना वायरस के चलते चल बसा । उसके सम्पर्क में आने वाले सभी सत्ताईस लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए । अगर वीरसेन ने कुछेक सावधानियों को अपनाया था तो स्वयं के साथ-साथ दूसरों को भी बचा सकता था ।



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