कॉलेज का पहला दिन था

कॉलेज का पहला दिन था

1 min
2.5K


कॉलेज का पहला दिन था। दिलचस्प माहौल था। विचलित मेरा मन था। तू सहेली के साथ मुस्कुरा रही थी। मैं तुझे देखता रहा। नज़रों से नज़रें मिली। हाय-हेलो से बात आगे बढ़ी। रोज का मिलना, कैंटीन लाइब्रेरी में घंटों बैठना, फिर अपनी जान-पहचान बढ़ी। मुलाकातें होती रही। देखते-देखते ही हम अच्छे दोस्त बने।

पता ही नहीं चला, दोस्ती प्यार में बदल गई। दोस्तों से मोहल्ले से होकर घर तक पहुँची। फिर क्या होना था सब कुछ तय था, फिल्म जैसी कहानी, मोहब्बत के दुश्मन सक्रिय हुये।

तेरा कॉलेज बंद। मिलना-जुलना, सब कुछ खत्म और अचानक तेरी शादी का कार्ड पहुँचा। तुने तो बसाया अपना घर बेझिझक और मैं भला क्या करता ? सिर्फ तमाशा देखता रहा।

गलती सिर्फ तेरी नहीं थी। वक्त की नज़ाकत को मैं नहीं पहचाना। सपना और वास्तविक जीवन में बहुत अंतर था। देर से पता चला। वक्त किसी का इंतजार नहीं करता। जाने दो ना, जो हुआ सो हुआ। अब तू ही बता। क्या लिखूँ ? कैसे लिखूँ ? आखिर कब तक...


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama