कमाई
कमाई
लंच ब्रेक में थक कर ऑफिस से बाहर निकले थे कि चलो सामने वाले ठेले की बढ़िया चाय पी कर, थोड़ा फ्रेश होकर , लंच ब्रेक के बाद फिर से आकर ऑफिस का काम आगे बढ़ाया जायेगा ।
ठेले वाले से बोला , 'ए छोटू, एक कड़क चाय पिलाओ , बहुत थक गया हूँ ।'
छोटू चाय लाया पर थोड़ी चाय उससे छलक गयी । काम के बोझ से दिमाग गर्म था । उसे हड़काते हुए बोला , 'स्साले, दो कौड़ी के कामचोर ठीक से काम भी नहीं कर सकते ? '
' क्या साहब , ऐसे तो मत बोलिये । दो कौड़ी का कौन है यहाँ ? और किसे बोल रहे हैं ? यहाँ ऑफिस में बैठ कर आप महीने का ज्यादा से ज्यादा पचास साठ हजार कमा लेते होंगे । और मैं इसी ठेले से महीने का ठाठ से एक लाख कमा कर घर ले जाता हूँ ।
अपना सा मुँह ले कर सोचना पड़ गया कि किसकी कमाई ज्यादा है और दो कौड़ी का कौन है ? पर उसके बाद उसके लिये मन आदर से भर गया ।
