ख्वाब
ख्वाब
इन ख्वाब का क्या करें, जो पल में खुशी दे जाते हैं। तम्मना पूरी करने मे थोड़ी देर लगाते हैं, क्षण भर की खुशी में कुछ दिन तो कट जाते हैं।
जो हकिकत में नहीं हुआ वो ख्वाब में कर दिखाते हैं, अजीब है ये ख्वाब भी पल में आते और जाते हैं।
कभी अन्जानी यादों को सामने ले आते हैं, जीवन के इस चक्र को सुलझाते, उलझाते हैं।
कभी-कभी ये ख्वाब दिव्य स्वप्न बन जाते हैं, जो चाहते हैं वो कर दिखाते हैं।
इन ख्वाब का क्या करे जो पल में खुशी दे जाते हैं।
काश जो सपने में हो जाता वो सच हो जाता जिन्दगी में ना जाने कितने पल हमारी पसन्द के नहीं होते बडे़ होने पर बार रास्ते उलझते हैं, रिश्ते लड़खड़ाते हैं पर सम्भल जाते हैं या ये कह लो संभाल लिये जाते। कभी जिन्दगी खुशियों का घर बनाती है कभी बन्द खिड़कियों में खुशी सीमित रह जाती है, पखँ फैलाकर उड़ना चाहते हैं पर उड़ नहीं पाते जो शेखचिल्ली की तरह सपने देखकर खुश हो जाते हैं और उस सपने को सच में बदलने की कोशिश भी नहीं करते।
आज समाचार में एक कुली जो दिन रात सामान ढोता था पर वो दिव्य स्वप्न देखता कि सपने को हकिकत में बदलना है। रेलवे ने वाई फाई सुविधा दी कुली ने जो दक्षिण भारत का रहने वाला है उसने काम करते समय भी यू टयूब से ईयर फोन से पढाई की और रेलवे कि परिक्षा उर्तिण की।
ये वो उदाहरण है जो अपने ख्वाब को हकिकत में बदलने कि हिम्मत रखते हैं ऐसे ना जाने कितने है जिन्हें सुविधा नहीं, या समय नहीं कि बचपन पढ़ाई नहीं कर पाये और अब करना चाहें तो हालात ऐसे हैं कि घर के लिए रोटी कमाये या पढ़ाई करें। कुछ जो जीवन की परीक्षा से हार गये पर जिसने हकीकत का सामना किया वो जीत गया अपने सपने सच करने कि लड़ाई तो लड़नी होगी ख्व़ाब को हकिकत मे पूरा करना ही होगा हारी बाजी को जीतना जिसे आता है वो सिकन्दर ही दोस्तों कहलाता है।