ख्वाब

ख्वाब

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"अच्छा तो बोलो एक डाल पर तोता,मैना और चुंगी बैठे थे ।तोता उड़ गया तो क्या बचा।" झट से बोल पड़ी वह " मैंना चुंगी। " यानी तुमने कहा "मैं नाचूँगी।तो चलो नाचो।" और वह उसे चिढ़ाते हुये नाचने को मजबूर कर देता। बस इसी तरह किलोल करते हुये बचपन की दहलीज पार कर कब एक दूसरे को दिल दे बैठे पता भी न चला। पर समय की चाल कौन जान पाया।आकस्मिक दुर्घटना में पैर गवाने के बाद वह स्वयं को एकान्त में कैद कर जिन्दगी को निराशा के सागर में डूब कर नष्ट करती उससे पहले ही वह उसके नकली पैर लगवाने के लिये उसे लिम्ब सेन्टर ले गया ।जहाँ अपनी तरह के अन्य लोगों को देख उसके हौसले को नये पंख मिलने से उसे बचपन से देखा ख्वाब पूरा होते दिखने लगा और जल्द ही वह नकली पैरों पर खड़े होकर"बस इतना सा ख्वाब है।"गुनगुनाते हुये उसके साथ नृत्य करनें के लिए चल दी।फिर से पैरों पर थिरकते देख बरबस ही उसकी आँखों से ढुलके मोतियों को उसने आगे बढ़ कर पोंछ दिया और आगे बढ़ उसके साथ नृत्य करनें लगा।


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