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ashok kumar bhatnagar

Inspirational

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ashok kumar bhatnagar

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“खुद के लिए उड़ान (10)”

“खुद के लिए उड़ान (10)”

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टैक्सी के ड्राइवर से मैंने खिड़की खुलवाने को कहा। जैसे ही खिड़की खुली, ठंडी हवा ने मेरे चेहरे को छू लिया। मैंने आँखें बंद कीं और उस हवा को अपने अंदर गहराई से महसूस किया। यह हवा मुझे बता रही थी कि जीवन की इस नई शुरुआत के लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं।

मेरा मन उस लड़के की पर्ची की ओर गया, जिसमें उसका मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। एक पल के लिए मैंने सोचा, लेकिन फिर मैंने अपने आप को समझाया कि यह मेरा अतीत है—एक ऐसा अतीत जिसे मैंने खुद से अलविदा कह दिया है।

फिर मैंने एक ठान लिया। मैंने उस पर्ची को निकालकर टैक्सी की खिड़की से बाहर फेंक दिया। वह कागज़ का टुकड़ा हवा में उड़ता हुआ चला गया, जैसे मेरी पुरानी यादें, मेरी चिंताएं, और उन सभी चीज़ों का बोझ जो मुझे पीछे खींच रही थीं।

उस क्षण में, मुझे लगा जैसे मैंने अपने दिल के सारे बंधन तोड़ दिए हों। अब मैं एक नई उड़ान भरने के लिए तैयार थी। एक नई जिंदगी की ओर बढ़ते हुए, मैंने सोचा कि अब मेरे पास सिर्फ मेरे सपने हैं, और मैं उन सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगी।

टैक्सी आगे बढ़ रही थी, और मैं अपनी आँखों के सामने नए साल का सपना बुन रही थी। मेरी मुस्कान और बढ़ गई, और मुझे महसूस हुआ कि जीवन में नई संभावनाएं मेरे इंतज़ार में हैं। मुझे अपने भीतर की आवाज़ सुनाई दी, जो कह रही थी, “उड़ो, क्योंकि तुम अब एक नई शुरुआत कर रही हो।”

यह संकल्प लेकर मैंने खिड़की से बाहर देखा। बारिश की बूंदें ठंडी हवा में उड़ी हुई थीं, और मैं समझ गई कि यह एक नई शुरुआत है। नए साल में हर चीज़ संभव है, और मैं अपनी उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।

जैसे-जैसे टैक्सी आगे बढ़ती गई, मैं अपने मन में नए साल के वादों को बुनने लगी। मेरे भीतर की उत्सुकता और उम्मीद ने एक नए उत्साह का संचार कर दिया था। खिड़की से बाहर देखते हुए, मैंने सड़क पर बिखरी रोशनी और खुशियों से भरे चेहरों को देखा। हर कोई नए साल के स्वागत के लिए तैयार था, और मैं भी अपनी नई यात्रा का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार थी।

वहां से गुजरते हुए, मैंने उन लोगों को देखा जो मिठाइयों की दुकान के बाहर खड़े थे, नए कपड़े खरीद रहे थे और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बाँट रहे थे। उनके चेहरों पर जो खुशी थी, वह मेरे दिल में भी बसी हुई थी। मैंने अपने सपनों को पूरा करने का वादा किया, और यह सोचकर मेरी आँखें चमक उठीं कि अब मैं अपने लिए जीने वाली हूँ।

मेरे मन में अतीत की घटनाएँ गूंजने लगीं। मैंने अपने संघर्षों, चुनौतियों, और उन मुश्किल घड़ियों को याद किया, जो मैंने पार की थीं। लेकिन अब, मैं उन यादों से मुक्त हो चुकी थी। मैंने खुद को इस सोच से बाहर निकाला कि मैं अपनी जिंदगी को किस तरह जीना चाहती हूँ। अब मैं एक नई दिशा में बढ़ने वाली थी—एक ऐसी दिशा जहाँ मैं अपनी इच्छाओं और सपनों का सम्मान कर सकूँ।

“क्या मैं सच में उड़ सकती हूँ?” मैंने खुद से सवाल किया। हाँ, मैं उड़ सकती हूँ। मेरे अंदर की ताकत, मेरे आत्मविश्वास, और नए सपनों की चाहत मुझे उन ऊँचाइयों तक ले जाने वाली थी, जहाँ मैंने पहले कभी नहीं सोचा था। टैक्सी की गति में जो तेजी थी, वही मेरे मन में चल रही थी।

अचानक, ड्राइवर ने कहा, “मैडम, हम आपके घर पहुँच गए हैं।” मैंने धीरे-धीरे आँखें खोलीं और अपने चारों ओर देखा। मैं एक नई दुनिया में कदम रख रही थी, जहाँ हर चीज़ मुझे नया लग रहा था।

टैक्सी से उतरते हुए, मैंने गहरी सांस ली। मेरा घर, जो अब तक मुझे एक स्थिरता का प्रतीक लगता था, अब मुझे एक नई शुरुआत का मंच लग रहा था। मैंने अपने मन में ठान लिया कि मैं यहाँ अपने नए सपनों को सच करने की शुरुआत करूंगी।

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, मेरे मन में कई विचार चल रहे थे। मैं सोचने लगी कि अब मुझे अपने जीवन को किस तरह जीना है। क्या मुझे अपने करियर में बदलाव करना चाहिए? क्या मुझे अपने शौक पर ध्यान देना चाहिए? मैंने अपने मन में सभी संभावनाओं को जगह दी और अपने दिल की आवाज़ को सुनने की कोशिश की।

घर में घुसते ही, मैंने अपने आपको बधाई दी कि मैंने अतीत को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करने का साहस किया है। यह निर्णय आसान नहीं था, लेकिन अब मैं अपने भविष्य को लेकर उत्साहित थी। मेरे भीतर एक नई ऊर्जा थी, जो मुझे खुद के लिए जीने का एहसास करा रही थी। इस नई यात्रा में मैं केवल एक महिला नहीं, बल्कि एक साहसी माँ बनने जा रही थी, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। मैंने जैसे ही अपने कमरे में कदम रखा, एक नए जोश और दृढ़ निश्चय से भर गई।

नए साल में मैंने ठान लिया था कि अब मैं अपने सभी लक्ष्यों की ओर पूरी शिद्दत से बढ़ूँगी। मेरे मन में एक स्पष्ट योजना थी—मैं अपने सपनों का पीछा करूंगी, खुद को हर रोज़ बेहतर बनाऊंगी, और अपने भविष्य को अपने तरीके से आकार दूंगी। मुझे अब कोई पछतावा या भय नहीं था, बल्कि एक अद्भुत साहस और आत्मविश्वास से भरी हुई थी।

कमरे की हल्की-हल्की रोशनी में मैंने अपने लिए एक नई दिशा तय कर ली। मैं जानती थी कि यह सफर आसान नहीं होगा, लेकिन मैं हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थी। हर दिन को एक नई शुरुआत, एक नई चुनौती के रूप में स्वीकार करूँगी। मेरे दिल में जोश, उत्साह, और कुछ बड़ा हासिल करने की ख्वाहिश थी।

यह नया साल केवल एक और साल नहीं था, बल्कि मेरे जीवन का वह मोड़ था, जहाँ से मैं अपनी उड़ान भरने के लिए पूरी तरह तैयार थी। अब मेरे लिए कोई सीमा नहीं थी। मैं अपने सपनों को साकार करने के लिए हर कदम उठाऊंगी, और इस नए साल को अपने जीवन का सबसे यादगार और सशक्त साल बनाऊंगी।

जैसे ही मैंने अपने आप से यह वादा किया, मेरे मन का बोझ हल्का हो गया। हर मुश्किल जो अब तक मेरे जीवन में आई थी, वो एक धुंधली याद बनकर पीछे छूट गई थी। अतीत की सारी निराशाएं, कड़वाहट, और असफलताएं मानो पीछे कहीं गुम हो गईं थीं। मैंने एक गहरी सांस ली, और मन में ठान लिया कि अब मैं सिर्फ अपने लिए जीऊँगी।

अब मैं खुद को एक नयी पहचान देना चाहती थी। एक ऐसी पहचान, जो किसी की पत्नी या किसी के कहने पर बनाई गई छवि नहीं थी, बल्कि वह थी जिसे मैंने खुद चुना था। मैं एक माँ बनने जा रही थी, लेकिन यह माँ बनने का सफर मेरा खुद का चुनाव था, जो मैंने स्वतंत्र रूप से किया था। इस सफर में अब कोई मुझे नहीं रोकेगा, कोई मुझे यह नहीं बताएगा कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

कमरे की खिड़की से हल्की-हल्की बारिश की बूँदें बाहर की दुनिया को साफ कर रही थीं, जैसे प्रकृति भी मेरे इस नए सफर का स्वागत कर रही हो। मैंने खिड़की खोली और बारिश की ठंडी हवा को महसूस किया। हर बूँद मेरे चेहरे पर ताजगी ला रही थी, जैसे मेरी आत्मा को नया जीवन मिल रहा हो।

इस पूरे सफर में, मेरे भीतर का साहस मेरी सबसे बड़ी ताकत था। मैं जानती थी कि समाज के कई नियम, कई बंधन अब भी मेरे खिलाफ खड़े होंगे, लेकिन अब मैं किसी भी डर से परे थी। मैं अपने जीवन के हर पहलू को खुद नियंत्रित करना चाहती थी। और इस सफर में कोई समझौता नहीं होगा।

मेरे मन में एक मजबूत इरादा था—एक माँ, एक महिला, और सबसे बढ़कर एक स्वतंत्र इंसान बनने का। मैंने जो रास्ता चुना था, वह शायद पारंपरिक नहीं था, लेकिन यह मेरा रास्ता था। और यही बात मुझे हर कदम पर प्रेरित कर रही थी।

अब मुझे यकीन था कि यह नया साल सिर्फ मेरे जीवन में बदलाव नहीं लाएगा, बल्कि यह एक नयी शुरुआत का प्रतीक होगा। एक ऐसी शुरुआत, जहां मैं अपनी शर्तों पर जीवन जीऊंगी, और किसी भी चुनौती को सिर उठाकर स्वीकार करूंगी।

“यहाँ से शुरू होती है मेरी नई कहानी,” मैंने खुद से कहा, मानो अपने भीतर के सारे संदेह और डर को एक ही पल में पीछे छोड़ दिया हो। यह पल सिर्फ एक शुरुआत नहीं थी, बल्कि एक नये जीवन की, नये सफर की पहली सीढ़ी थी। मेरे अंदर एक गहरी शक्ति थी, जिसने मुझे आगे बढ़ने की हिम्मत दी। मैं जानती थी कि इस राह में चुनौतियाँ आएँगी, समाज के पुराने नियम मुझे रोकने की कोशिश करेंगे, लेकिन अब मैं अडिग थी। यह मेरा निर्णय था, मेरी यात्रा थी और इसमें मैं पूरी तरह से अकेली, परंतु आत्मविश्वास से भरी हुई थी।

नया साल जैसे मेरे जीवन का प्रतीक बन गया था—बीते हुए कल को अलविदा कहने का और भविष्य को खुले दिल से गले लगाने का। मैं तैयार थी उन सभी नियमों को तोड़ने के लिए, जो मुझे अब तक बाँधते आए थे। अब मैं अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जिऊँगी। मैंने अपने दिल में एक मजबूत फैसला लिया कि इस नये अध्याय में मैं हर चुनौती को स्वीकार करूँगी, हर सपने को साकार करूँगी और अपने जीवन को अपनी शर्तों पर गढ़ूँगी।

मुझे एहसास हुआ कि असली खुशी और सुकून तब आता है, जब हम अपने जीवन के फैसले खुद करते हैं—बिना किसी सामाजिक दबाव या किसी और की इच्छाओं के। आज, मैं उसी खुशी के करीब थी। एक नयी सुबह, एक नयी शुरुआत का स्वागत करने के लिए मैंने अपने कदम बढ़ाए। यह न सिर्फ एक साल का अंत था, बल्कि मेरे पुराने जीवन के पन्नों का समापन था। और अब मेरे सामने खुली थी एक पूरी किताब, जिसके हर पन्ने पर मैं अपने सपनों को लिखने जा रही थी।

बारिश की बूँदें जैसे मेरे इस सफर को आशीर्वाद दे रही थीं, और ठंडी हवा मेरे चेहरे को छूते हुए मुझे आगे बढ़ने का इशारा कर रही थी। मैं अपने आपको आज़ाद महसूस कर रही थी, और इस आज़ादी का स्वाद अद्भुत था। “अब मैं तैयार हूँ,” मैंने खुद से कहा। यह नया साल नहीं, बल्कि मेरा नया जीवन था।



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