खुद ही न्यौता
खुद ही न्यौता
इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक देव जी की 550 वी जयंती का हर तरफ उल्लास है। अब श्रद्धालु सीमा पार कर पाकिस्तान के करतारपुर से दरबार साहब के दर्शन कर सकेंगे। 9 नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करने वाले हैं। उधर भारतीय खुफिया एजेंसियां आशंका जता रही हैं कि इस गलियारे का इस्तेमाल सिख आतंकवाद को फिर से जिंदा करने में इस्तेमाल हो सकता है। खुद पंजाब के मुख्यमंत्री यह चिंता जता रहे हैं। उसके अलावा उद्घाटन से पहले जो आधिकारिक रूप से वीडियो जारी किया गया है, उसमें जनरल भिंडरावाला शाहबेग सिंह, अमरीक सिंह खालसा, जो 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए थे, उनकी तस्वीरें हैं। नवजोत सिंह सिद्धू भी नजर आ रहे हैं। उनके पीछे भिंडरावाले की तस्वीर लगी है।
डियो में अमेरिका का एक अनाम खालिस्तानी ग्रुप 'सिख फोर जस्टिस ' का भी पोस्टर नजर आ रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर यह ग्रुप कथित रूप से अलगाववादी मूवमेंट' रेफरेंडम' 2020 को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। पहले कॉरिडोर के लिए गठित समिति में खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को रखा गया था। जिसे भारत के कड़े विरोध के बाद कमेटी से बाहर निकाला गया।
अब जो श्रद्धालुओं के लिए राजनीतिक मंजूरी की जरूरत नहीं रखी गई है, पासपोर्ट की जरूरत नहीं है। क्या यह 72 साल से नासूर रहे 1947 के जख्मों पर मरहम लगाना है ?करता हमारे पड़ोसी की नियत पाक है ?
यह खबर पढ़कर मुझे क्यों ऐसा लग रहा है कि भारत ने मानो खुद ही न्यौता दिया है - आ बैल मुझे मार।