खिलौने वाला

खिलौने वाला

1 min
814


रिसेप्शप गार्डन से जब बचे-खुचे मेहमान भी अपनी महंगी गाड़ियों में बैठकर चले गए तो ठंड और भूख से त्रस्त महेश कम्पकम्पाता हुआ काठी कँधे पर रख कर उठ खड़ा हुआ। ठंड के कारण खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। ऊपर से भूख के मारे पेट में आग लगी थी।एक पर्दे के उस पार आज न जाने कितने अन्न की बर्बादी हुई होगी और इस पार एक पेट भूख से बिलबिला रहा है।

आज उसका एक भी खिलौना नहीं बिका। कई बच्चे डंडे पर लटके पप्पी, टेड्डी, मिक्की को देखकर मचले लेकिन माता-पिता ने नाक-भौं चढ़ाकर मना कर दिया "मॉल से ला देंगे। ये गन्दे हैं। महँगे भी देगा।"

दिल टूट गया महेश का। 

दो किलोमीटर चलकर वह बस्ती में अपने झौंपडे पर पहुंचा। खिलौने वाला डंडा उसने कोने वाली दीवार से टिका दिया और फटी दरी पर लेट गया। झोंपड़े के एक कोने में घुटने पेट मे दिए ठंड से ठिठुरते तीन बच्चे सोए थे जो खिलौनों को तरसते रहते थे। एक कोने में बच्चों की गोद और किलकारियों को तरसते उदास खिलौन पन्नी में बंद डंडे पर लटके थे और इन दोनों के बीच भूख से संघर्ष करता एक पेट कल की चिंता में कँपकँपाया जाग रहा था।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy