कड़वा सच
कड़वा सच
कड़वा सच मुझे पचास 55 साल पीछे हुई एक घटना का वह कड़वा सच ।हमारे यहां मध्यमवर्गीय परिवारों में अगर कहीं ऊंचे पैसे वाले घरों से रिश्ता आता है, तो ज्यादातर लोग बहुत खुश हो जाते हैं ।और वह लोग यह सोचते हैं की हम भाग्यशाली हैं जो हमारे यहां इतने पैसे वाले घर से रिश्ता आया है ।लड़की का रिश्ता आया है ,या लड़के का रिश्ता आया है ।
उसके अंदर बहुत खोज भी नहीं करते हैं ।लड़की के रिश्ते में तो सोचते हैं दहेज नहीं देना पड़ेगा, और लड़की बहुत अच्छे पैसे वाले घर में चली जाएगी ,तो पीछे वालों की भी जिंदगी सुधर जाएगी और पीछे की लड़कियों की भी शादी अच्छी तरह हो जाएगी। मगर इसके पीछे जो कड़वा सच होता है, जानने की कोशिश नहीं करी जाती ।कि कोई भी अपने बराबरी के परिवार को छोड़कर के आपके यहां एकदम सामान्य परिवार में अपने लड़के या लड़की की शादी क्यों कर रहा है ।
हो सकता है उस लड़के में या लड़की में कोई खोट हो ।मगर उस समय कोई रिश्तेदार या कोई मित्र या पड़ोसी ऐसी बात बोलता भी है कि जरा लड़के या लड़की की तपास कर लें, कैसा घर है ,कैसा चाल चलन है ,कैसे लोग हैं ,तो जिनके पास में रिश्ता आता है उनको बहुत बुरा लग जाता है ।और वह उन लोगों को जो रिश्तेदार और मित्र होते हैं उनको अपना दुश्मन समझने लगता है। ऐसा ही एक वाकया मेरी जानकारी में हुआ था।
एक दिन अचानक उनकी बीच वाली लड़की के लिए बहुत धनवान घर से रिश्ता आया। वे दीदी बहुत ही सुंदर सुशील और पढ़ी लिखी थी। और वह बहुत ही व्यवहार कुशल थी ।जब सामने वालों का रिश्ता आयातो उसने अपनी आवाज उठाने की कोशिश भी करी ,कि पहले आप लड़के को और घर को देख लो।मगर घर वालों ने एक ना सुनी ।उन्होंने बोला कि तुम्हारी शादी हुई तो यह छोटे और बड़े दोनों बहनों की शादी अच्छे से हो जाएगी।जब घर बैठे इतना अच्छा रिश्ता मिल रहा है ।घर पर लक्ष्मी आ रही है तो मुंह धोने क्यों जाया जाए ।उस समय तो सारे घर वाले बहुत खुश थे। उन्होंने उस लड़की की बातें एक ना सुनी।
उस जमाने के अंदर ज्यादा लड़कियां बोलती नहीं थी अपनी शादी के लिए इसलिए उन दीदी की आवाज भी दबा दी गई ।एक ही दिन में रिश्ता तय हुआ और तीसरे दिन शादी कर दी गई। शादी करके ससुराल पहुंच गई ।जब ससुराल पहुंच करके उनको सच्चाई का पता लगा की बहुत बड़ा बिजनेस वाले हो बहुत पैसे वाले हो, मगर इन लोगों के लिए गरीब की लड़की मध्यम परिवार की लड़की खाली घर में सजाने के लिए लाई गई ।लड़का जो है अपनी विधवा भाभी के साथ अनैतिक संबंधों में था ।घर वाले सब जानते थे। तो भी उन लोगों ने इसके विरुद्ध आवाज नहीं उठाई ।और एक और लड़की की जिंदगी बर्बाद करी। वह दीदी आज भी अपने ससुराल में ही रह रही हैं। सबकी बहुत चहेती हैं ।
विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने वापस अपने घर की अपने पीहर की तरफ मुंह नहीं मोड़ा ।क्योंकि उस समय उनकी किसी ने नहीं सुनी थी ,तो फिर बाद में वह जाते तो उनकी क्या परिस्थिति होती।पर उन्होंने इसके विरुद्ध ज्यादा कोई कदम भी नहीं उठाया जो बराबर नहीं था ।आज की परिस्थितियों में वह बराबर नहीं है। कभी-कभी जब हम उनके बारे में सोचते हैं तो बहुत तकलीफ होती है। और जब भी ऐसा कोई वाकिया होता है ,तो मन बहुत दुखी हो जाता है ।खाली रुपए पैसे का सुख ही दुख सुख नहीं होता है ।
शादी खाली रूपए पैसे से नहीं करी जाती इंसान और इंसानियत से करी जाती है । अगर वही नहीं हो तो जिंदगी बोझ लगने लगती है। और उन्होंने इसके विरुद्ध आवाज नहीं उठा करके मैं समझती हूं अच्छा नहीं करा ।पढ़ी लिखी थी कोई जॉब कर सकती थी। अपनी जिंदगी वापस सवार सकती थी। लेकिन या तो वह डर गई थी यह हिम्मत नहीं कर पाई।उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। और जिंदगी आज भीघिसट घिसट कर कर चल रही है। यह एक समय के साथ बिसरा हुआ कड़वा सच है ।
