Arya Vijay Saxena

Horror Thriller

4.7  

Arya Vijay Saxena

Horror Thriller

कब्रिस्तान का रहस्य

कब्रिस्तान का रहस्य

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एक बार फिर से हाजिर हूँ आपके सामने एक डरावना किस्सा लेकर। उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा भी आपको पहले की तरह पसंद आएगा।

यह कहानी है राजसी की जो मुंबई के गवर्नमेंट हॉस्पिटल में हार्ट विशेषज्ञ हैं। पिछले महीने ही राजसी का नागपुर से मुंबई ट्रांसफर हुआ है। राजसी का परिवार नागपुर के पास एक छोटे से गाँव मे रहता है। परिवार मे माँ, पापा और एक छोटा भाई है।

राजसी बचपन से ही होनहार थी, एक मेधावी छात्रा होने के साथ साथ एक अच्छी एथलीट भी थी। बचपन से ही एक डॉक्टर बनने का ख्वाब देखती थी। अपनी मेहनत और माँ बाप के आशिर्वाद से अपना सपना साकार किया।

राजसी के मम्मी पापा को हमेशा राजसी की शादी की चिंता रहती थी। परियों के जैसी खूबसूरत थी राजसी। अच्छे अच्छे घरों से राजसी के रिश्ते आ रहे थे। पर राजसी पहले अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी कुछ बनना चाहती थी, इसलिए शादी के लिए हर बार मना कर देती थी।

मुंबई ट्रांसफर होने के बाद कुछ दिन राजसी होटल में रही। फिर जल्दी ही साथ काम करने वाली नर्स फातिमा के घर रेंट पर एक रूम मिल गया। फातिमा मुंबई से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटे से गांव मे अकेली रहती थी। फातिमा के माँ बाप पिछले साल रोड एक्सीडेंट मे मारे गए थे।

फातिमा का कोई भाई या बहन नहीं थी, अपने माँ बाप की इकलौती सन्तान थी। किसी चीज़ की कमी नहीं थी। माँ बाप अच्छा खासा बैंक बैलेंस और एक आलीशान मकान छोड़ कर गए थे। अकेले रहने के कारण राजसी को अपने यहां रेंट पर रूम से दिया। जिससे उसका भी अब मन लग जाता था।

रात के आठ बज रहे थे।

फातिमा - मैडम घर नहीं जाना आज, काफी लेट हो गया है। बहुत रात हो गई है।

राजसी - फातिमा तुम जाओ, मुझे अभी कुछ काम है, मैं काम खत्म करके आती हूँ।

फातिमा - जी मैडम।

राजसी - गेट अंदर से लॉक कर लेना, मेरे पास दूसरी चाबी है।

और हाँ रास्ते से दूध लेते जाना, चाय पीनी है, सर बहुत दर्द कर रहा है।

फातिमा - जी मैडम।

:- रात के 9:30 बज रहे हैं। काम करते करते राजसी को समय का ध्यान ही नहीं रहता। तभी वह जल्दी से निकलती है, पार्किंग से अपनी स्कूटी निकालती है, और घर के लिए निकल पड़ती है।

:- मौसम बहुत सुहाना था, ठंडी ठंडी हवा चल रही है, राजसी बस अपनी धुन मे आगे बढ़ी जा रही थी। चारो और अंधेरा छाया हुआ था। अचानक गाँव से कुछ पहले राजसी चौक जाती हैं। जैसे कोई साया राजसी के बालो को छूकर गया हो।

राजसी थोड़ा डर जाती है, स्पीड बढ़ाकर तेजी से गाँव की और बढ़ जाती है। घर पहुंचकर हॉर्न बजाती है, फातिमा थोड़ी देर बाद गेट खोलती है।

राजसी- क्या फातिमा, इतनी देर से हॉर्न बजा रही हूँ, इतनी देर से गेट खोला ?

फातिमा- कुछ नहीं मैडम, खाना बना रही थी और साथ मे गाने भी सुन रही थी।

राजसी - हे भगवान, कितने गाने सुनती है फातिमा। अच्छा आज खाने मे क्या बनाया है ?

फातिमा - गोश्त बनाया है, हाहाहा।

राजसी - फातिमा मज़ाक मत करो, मुझे पता है तुम vegetarian हो।

फातिमा- हाँ,, हाँ,, मुझे पता है मैं vegetarian हूँ, चलिए आप मुहँ हाथ धोकर आइए, खाना रेडी है।

राजसी - ओहो क्या बात है, आज तो बहुत अच्छी महक आ रही है, क्या बनाया है आज खाने में, फातिमा ने।

फातिमा - मैडम, आज बनाया है मैंने, मटर पनीर, नान, वेज बिरयानी, और गाजर का हलवा।

राजसी - वाह, क्या बात है,, फातिमा, मजा आ गया।

:- दोनों बैठकर खाना खाते हैं, तभी फातिमा का फोन बज उठता है, फातिमा फोन लेकर ऊपर अपने रूम मे चली जाती है। थोड़ी देर बाद आकर खाना खाने लग जाती है।

राजसी - आराम से बैठकर खाना तो खा लो फातिमा, क्या हर समय फोन पर लगी रहती हो। किससे बाते करती रहती हो।

फातिमा - कुछ नहीं मैडम, एक दूर के रिश्तेदार का फोन था।

:- दोनों खाना खाकर, ड्रॉइंग रूम मे सोफ़े पर बैठ कर टीवी देखने लगते हैं। राजसी फातिमा से एक कप चाय देने के लिए कहती है। थोड़ी देर बाद फातिमा चाय लेकर आती है। और दोनों चाय पीने लगते हैं।

राजसी - फातिमा तुम दूसरी शादी क्यों नहीं कर लेती हो, कब तक अकेले रहोगी ऐसे।

फातिमा - अब कौन मुझसे इस उम्र मे शादी करेगा, 32 साल की हो चुकी हूं।

राजसी - कोई तो होगा, जो तुझसे शादी करेगा, खुदा ने तेरे लिए भी किसी को बनाया होगा। देख लेना एक दिन जरूर आएगा तेरे सपनों का राजकुमार।

फातिमा - जी मैडम देखते हैं, अभी तो कोई नहीं आया, क्या होता है मेरी जिंदगी का।

राजसी - फातिमा अच्छा ये बताओ, तुम्हारा पहला पति कौन था, क्या करता था, वैसे क्या हुआ था उनको ?

फातिमा चौंकते हुए - क्क कुछ नहीं, बस एक एक्सीडेंट हुआ था, अच्छा मैडम सोते हैं अब, रात बहुत हो चुकी है।

राजसी - ओके फातिमा, शुभ रात्री।

:- दोनों अपने रूम मे चली जाती है। राजसी अपने रूम मे पहुंचकर पलंग पर बैठ जाती है, और फातिमा के बारे में सोचते हुए लेट जाती है। सोचते सोचते राजसी को कब नींद आ जाती है पता ही नहीं चलता।

:- रात के बारह बजे है, अचानक खिड़की पर कुछ आवाज हुई, राजसी की नींद खुल जाती है। राजसी खिड़की की ओर देखती है, खिड़की के बाहर उसे एक अजीब सी परछाई दिखाई देती है।

:- राजसी डरते डरते खिड़की की ओर जाती है, खिड़की खोलकर देखती है, पर कुछ दिखाई नहीं देता। दिखाई देता है तो बस दूर दूर तक काला स्याह अंधेरा। और दूर दूर तक फैला घना जंगल।

:- राजसी दोबारा सोने की कोशिश करती हैं, धीरे धीरे राजसी को नींद आ जाती है, रात के दो बज रहे हैं, अचानक फिर से खिड़की पर जोर का झटका लगता है, जैसे कोई खिड़की को बहुत जोर से पीट रहा हो।

:- राजसी की नींद अचानक से खुल जाती है, और उठकर बैठ जाती है, खिड़की के बाहर फिर वही काला साया दिखाई देता है। राजसी ज़ोर से चिल्लाती है, कौन है वहाँ, कौन है वहाँ ?

:- पर उधर से कोई आवाज नहीं आती, राजसी धीरे से बेड से उतरती है, कोने मे रखा डंडा उठाती है, और खिड़की की और जाती है।

:- डरते डरते आगे बढ़ती है, कौन है वहाँ, कौन है वहाँ, बोलता क्यों नहीं ? कौन है वहाँ ? पर कोई आवाज नहीं आती। राजसी आगे बढ़ती है और खिड़की खोलकर देखती है, पर फिर से उसे वहाँ कोई नजर नहीं आता।

:- खिड़की बंद करके जैसे ही राजसी पलटती है, अचानक से फिर एक जोर की आवाज आती है, और फिर वही काला साया नजर आता है। राजसी खिड़की खोलकर देखती है तो देखती ही रह जाती है।

:- एक भयानक काला साया खिड़की के उस पार हवा मे लहरा रहा है, पीली चमकती आंखे, एकटक राजसी को घूरते हुए।

राजसी चीखते हुए नीचे की और भागती है, फातिमा, फातिमा।

:- पर गेट लॉक जाता है, राजसी बहुत चिल्लाती है, उसके पास भागने का कोई रास्ता नहीं।  राजसी मन ही मन बजरंगबली का ध्यान करती है, और हनुमान चालीसा का जाप करती है।

:- सब कुछ शांत हो जाता है, राजसी उठकर खिड़की की तरफ जाती है, बाहर इधर उधर झाँकती है, पर वो साया कहीं नज़र नहीं आता, तभी ठीक सामने पेड़ों के झुरमुट मे वही साया नजर आता है। देखते ही देखते अंधेरे मे गायब हो जाता है।

:- अगली सुबह राजसी लेट उठती है, कुछ शांत दिखाई पड़ रही है, जल्दी से नहाकर, नाश्ता करती है। और दोनों ड्यूटी के लिए निकल पड़ती है।

:- शाम के आठ बजे है, फातिमा राजसी से पूछती है कि घर कब चलना है, हर बार की तरह राजसी का वही ज़वाब होता है, तुम चलो मैं आती हूँ। राजसी काम खत्म करके जल्दी से स्कूटी लेकर निकलती है।

:- वही अपनी धुन मे राजसी गुनगुनाते हुए जा रही थी, कि अचानक जोर का धमाका हुआ, स्कूटी मे पंक्चर हुआ था।

अब कैसे जाऊँगी घर, वैसे तो पहुँच ही गई हूं। पैदल ही चलती हूं।

:- राजसी पैदल ही चल देती है, जैसी ही थोड़ी आगे जाती है, तो वही जाना पहचाना हवा का झोंका राजसी के कानो के पास से होकर गुजर जाता है। राजसी डर जाती है। धीरे धीरे कदमों से आगे बढ़ रही होती है।

:- तभी वही रात वाला भयानक साया नजर आता है, जो राजसी से आगे कुछ दूर हवा मे लटका हुआ था। वही पीली आंखे, भयानक शक्ल, राजसी के होश उड़ जाते हैं। अब करे भी तो करे क्या करे। सुनसान सड़क, ऊपर से जंगल का एरिया।

:- राजसी आंखे बंद हनुमान चालीसा का जाप करती है, कुछ देर बाद देखती है तो वहाँ कोई नहीं था। जल्दी से स्कूटी को लेकर घर पहुंचती है।

:- फातिमा गेट पर ही खड़ी है, मैडम आप आज कहाँ रह गई थी, मैं इतनी देर से आपका इंतजार कर रही हूँ। राजसी कहती हैं अंदर चलो बताती हूँ सारी बात।

:- राजसी अंदर आकर फातिमा को पूरी बात बताती है, ये सुनकर फातिमा भी डर जाती है। और दोनों खाना खाकर सोने चले जाते हैं।

:- राजसी अपने साथ घटी घटना के बारे में सोचते सोचते सो जाती है, कि तभी अचानक खिड़की पर तेज आवाज होती है।

राजसी उठकर बैठ जाती है, धीरे से खिड़की की और बढ़ती है और खिड़की खोलकर देखती है, तो वही भयानक साया नजर आता है।

:- राजसी के देखते देखते वो काला साया जमीन पर उतरकर धीरे धीरे जंगल की तरफ चला जाता है। राजसी खड़ी ताकती रहती है। और मन मे सोचती है कि क्या राज है जो ये साया मुझे दिखाई देता है। कुछ तो बात जरूर है।

:- अगले दिन सुबह राजसी और फातिमा रेडी होकर फातिमा की स्कूटी से ड्यूटी जाते हैं, रस्ते में राजसी फातिमा से पूछती है कि वहाँ उस घने जंगल मे वो मिट्टी के टीले से क्या है। फातिमा राजसी को बताती है कि यहां बहुत पहले कब्रिस्तान हुआ करता था। पर अब वहाँ कोई नहीं जाता, क्योंकि लोगों का मानना है कि वहां जिन्न रहते हैं।

:- दोनों बाते करते करते अस्पताल पहुंच जाते हैं, लंच टाइम मे राजसी फातिमा से उसकी पिछली जिंदगी के बारे में पूछती है,

पर फातिमा टाल जाती है, राजसी फिर कहती हैं बताओ ना फातिमा। बार बार पूछने पर फातिमा यही बताती है कि कोई राहुल नाम का लड़का था।

:- राजसी चौंकते हुए,, क्या तुमने गैर बिरादरी मे शादी की थी।

फातिमा बोलती है कि हाँ हम दोनों ने कोर्ट Marriage की थी। अब्बू अम्मी के इंतकाल के बाद हम दोनों यही रहने लग गए थे। राजसी ने पूछा फिर क्या हुआ, फातिमा बताती है कि कुछ महिने पहले राहुल का एक्सीडेंट हुआ और.........

:- राजसी फातिमा से, सॉरी फातिमा, सब ठीक हो जाएगा।

फातिमा आँसू पोछते हुए, हूँ।

फातिमा - मैडम आज मुझे घर जल्दी जाना है,

राजसी - क्यों, क्या हुआ, क्यों जाना हैं जल्दी आज,,

फातिमा - एक दूर का रिश्तेदार है, आज वो मुझसे मिलने आने वाला है।

राजसी - ओके, चली जाना, मैं किसी और वाहन से आ जाऊँगी।

:- ये कहकर फातिमा चली जाती है। , राजसी फातिमा के बारे मे सोचते हुए..... फातिमा कुछ छिपा रही है मुझसे... पता करना होगा।

:- लगभग रात के 8:30 बज रहे हैं, राजसी स्टाफ के बंदे का स्कूटर लेकर घर के लिए निकल पड़ती है।

:- ठीक उसी जगह बिल्कुल.... एक जोर का धमाका होता है, स्कूटर मे पंक्चर हो जाता है, राजसी गिरने से बाल बाल बची।

स्कूटर को साइड मे लगाकर सड़क के किनारे खड़ी हो जाती है।

:- तभी राजसी के पास से वही जाना पहचाना हवा का झोंका गुजरा,, राजसी थोड़ा सिहर सी गई। राजसी ने अपने सामने देखा तो वही काला साया नजर आया,

:- जो धीरे धीरे जंगल की और बढ़ रहा था, ना चाहते हुए भी राजसी भी उस साए के पीछे पीछे चलने लगी, मन ही मन राजसी हनुमान चालीसा का जाप कर रही थी और आगे बढ़ रही थी।

:- चारो ओर घना अंधेरा था, झाड़, झाड़ियां, पेड़ों से होते हुए राजसी उस कब्रिस्तान मे पहुंच गई, वो काला साया एक कब्र के पास जाकर रुक गया।

:- राजसी धीरे धीरे उस कब्र के पास पहुची, वहाँ जाकर देखा तो हैरान रह गई, टॉर्च से कब्र पर लाइट जलाकर देखा तो

कब्र पर हरी घास उगी हुई थी। राजसी ने और बाकी कब्र पर टॉर्च मारकर देखी तो सब पर सूखी घास थी।

:- राजसी ने इधर उधर देखा तो वो साया भी कहीं नजर नहीं आया। अब राजसी को पूरा यकीन हो चला था कि कहीं ना कहीं कोई बात है, जो ये साया मुझे कुछ बताना चाहता है।

:- राजसी वापिस आने के बारे मे सोचने लगी, दो कदम ही बढाए थे कि उसका पैर किसी चीज़ से टकराया, टॉर्च से देखा तो एक फावड़ा था, जिससे राजसी को चोट भी लग गई थी।

:- अब राजसी ने निश्चय कर लिया था कि कुछ भी हो जाए वो सच्चाई का पता लगाकर रहेगी। राजसी ने फावड़ा उठाया और कब्र को खोदने लगी। राजसी ने महसूस किया कि कब्र की मिट्टी बहुत सॉफ्ट थी बल्कि और जगह की मिट्टी बहुत हार्ड थी।

:- थोड़ी देर मे ही राजसी ने पूरी कब्र खोद डाली, अचानक फावड़ा किसी चीज़ से टकराया, राजसी ने टॉर्च से देखा तो शव की हड्डियां थी और पास मे ही कुछ अजीब सी चीज़ पड़ी थी।

राजसी ने उठाकर देखा तो वो चाकू था।

:- तभी राजसी को एक चीज़ और नजर आई, वो कैमरा था।

राजसी कैमरा देखकर हैरान थी कि कैमरा बिल्कुल ठीक स्तिथि मे था, जैसे इतने दिन तक किसी अंजान शक्ति ने कैमरे की सुरक्षा की हो।

:- अब राजसी ने चाकू और कैमरे को अपने बैग मे रखा और घर की और चल दी। कुछ दूर चलने के बाद राजसी ने पीछे मुड़कर देखा तो वही साया नजर आया।

:- राजसी अपने स्कूटर के पास गई तो उसने देखा कि स्कूटर के जिस पहिये मे पंक्चर हुआ था वो बिल्कुल ठीक था। जल्दी से स्कूटर को स्टार्ट किया, और घर के लिए निकल पड़ी।

:- घर पहुंचकर राजसी ने आवाज लगाई, थोड़ी देर बाद किसी अजनबी ने दरवाजा खोला, अजनबी बोला आप कौन, तभी पीछे से फातिमा भी आ गई।

फातिमा - अरे मैडम कहाँ रह गई थी आप, मैं कितना परेशान हो रही थी, रात के बारह बज चुके हैं। चलो अंदर आओ जल्दी से।

राजसी - ये कौन है फातिमा, यहां कैसे आया, ओह अब समझी इसलिए तुम जल्दी आ गई थी आज।

फातिमा - मैडम ये अनीस है, दूर का एक रिश्तेदार है, हम दोनों एक दूसरे को चाहते हैं, और जल्द ही शादी करने वाले है।

राजसी :- फातिमा तुमने कभी बताया नहीं अनीस के बारे मे, और ये शादी करने का फैसला इतनी जल्द कैसे ?

फातिमा - मैडम जल्द कहाँ है, हम एक दूसरे को बहुत पहले से जानते हैं।  मैडम खाना नहीं खाना क्या।

राजसी :- नहीं फातिमा आज भूख नहीं है,, अब तो सुबह ही खाएंगे। ओके फातिमा अब जाकर सो जाओ, सुबह मिलते हैं।

:- राजसी अपने कमरे मे चली जाती है, थोड़ी देर सुकून से सोफ़े पर बैठती है। बहुत तरह के विचार राजसी के मन मे आ रहे थे, राजसी ने अपने बैग से कैमरा और चाकू निकाला और उनकी सेफ मे रख दिया।

:- यही सोचते सोचते राजसी को नींद आ गई, सुबह कब हुई पता ही नहीं चला। राजसी के रुम के बाहर किसी ने नॉक किया, राजसी बोली आ जाओ फातिमा, तो देखा अनीस हैं,

:- ओह आप, अनीस अजीब सी नजरों से राजसी को देखते हुए बोला, आपको नीचे फातिमा ने बुलाया है।

राजसी- आप चलिए मैं नीचे ही आती हूं। , अनीस नीचे चला जाता है।

फातिमा- मैडम हम इस संडे को ही शादी कर रहे हैं, वो क्या है ना अनीस का इस दुनिया मे कोई नहीं है, इसको हमेशा के लिए बुला है अपने पास।

राजसी - it's OK, मुझे क्या प्रॉब्लम हो सकती है, आप दोनों राजी है तो...... मैं अपना कहीं ओर देख लुंगी रहने का।

फातिमा - नहीं नहीं मैडम आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है, आप जब तक चाहे यहां रह सकती है। अनीस भी यही चाहता है।

राजसी - चलो देखते है, क्या होता है, जैसी ईश्वर की इच्छा।

:- राजसी नाश्ता करके जल्दी से ड्यूटी के लिए निकलती है, अस्पताल पहुंचकर स्टाफ के ही एक close फ्रेंड विजय को सब कुछ बताती है, ये सुनकर विजय भी चौंक जाता है, दोनों पूरा मामला पुलिस को बताने का निर्णय करते हैं।

:- विजय अपने जान पहचान के इंस्पेक्टर को कॉल करता है, और मिलने के लिए कहता है। दोपहर को इंस्पेक्टर भी आ जाता है, राजसी पूरी घटना इंस्पेक्टर को बताती है। ये सुनकर इंस्पेक्टर भी चौंक जाता है।

:- इंस्पेक्टर उस एरिया के थाना इंचार्ज को कॉल लगाता है और और पूरी घटना बताता है। अगले दिन राजसी, विजय, और इंस्पेक्टर तीनों उस एरिया के थाना इंचार्ज से मिलने जाते हैं।

:- राजसी, विजय, और इंस्पेक्टर थाना इंचार्ज से मिलने का इंतजार करते हैं। थोड़ी देर बाद थाना इंचार्ज मिलने आते हैं तो राजसी देखकर चौंक जाती है। अरे राज तुम, यहां कैसे....

राज.... राजसी तुम यहाँ कैसे...

:- राज तीनों को गेस्ट रूम मे ले जाता है, चाय पीने के बाद

राज,, राजसी अब बताइए,, क्या मैटर है.. तब राजसी राज को पूरा घटनाक्रम बताती है।

राज :- वो कैमरा और चाकू कहाँ हैं, राजसी अपने पर्स मे से कैमरा और चाकू निकालकर राज को देती हैं।

राज :- मैं इनको लैब मे भेज रहा हूं टेस्टिंग के लिए, क्या पता कोई सुराग मिल जाए। परसों मिलते हैं, तब तक रिपोर्ट भी आ जाएगी।

:- राजसी, विजय, इंस्पेक्टर तीनों राज से विदा लेते हैं। विजय और राजसी हॉस्पिटल आ जाते हैं। शाम को राजसी अपने घर चली जाती है।

:- राजसी अपने रूम मे लेटी हुई थी, रात के कोई 11:00 बज रहे थे। तभी राजसी को अंजान नंबर से कॉल आता है, हैलो राजसी मैं राज बोल रहा हूं।

राजसी :-, ओह तो आप है, इतनी रात को कॉल की कोई खास बात है क्या,, और मेरा नबंर किसने दिया राज आपको।

राज - वो विजय से ले लिया था,, आपको बहुत जरूरी बात बतानी थी, इसलिए कल आप सभी थाने आ जाइए। आपका शक सही निकला, मर्डर का ही केस है। रिपोर्ट आ गई है।

राजसी - ओके राज,, कल मिलते हैं, gud night....

फातिमा - मैडम, इतनी जल्दी मे कहाँ जा रहे हैं, नाश्ता तो करते जाइए।

राजसी - अभी बहुत जल्दी मे हूँ, शाम को मिलते हैं,,,

:- राजसी, विजय और इंस्पेक्टर तीनों राज से मिलने पहुंच जाते हैं,,, राज पहले से ही तीनों का इंतजार कर रहा था। राज तीनों को प्रोजेक्टर रूम मे ले जाता है,, वहाँ तीनों आराम से बैठ जाते हैं।

राज - राजसी तुम्हारी मेहनत सफल हुई, ये एक मर्डर केस है,,,,सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इतने दिनों के बाद भी कैमरे मे डिजिटल माइक्रो चिप बिल्कुल सही थी। जिसकी वजह से कातिल जल्द ही पकड़ा जाएगा।

:- राज माइक्रो चिप को अपने लैपटॉप मे लगाते हैं, और कुछ ही देर मे वीडियो शुरू हो जाती है।

राजसी :- OMG,,,,,,,,, ये तो फातिमा और और उसका बॉयफ्रेंड अनीस है, और ये किसको मार रहे गला दबाकर,,,

राज - ये राहुल नाम का शख्स है, जो कुछ महिने पहले लापता हो गया था, इसकी आज तक कोई खोज खबर नहीं मिली।

राजसी - अब पूरा मैटर मुझे समझ मे आ रहा है,, कि क्या क्या हुआ था....

राज - राजसी आप इनको कैसे जानते हैं,,????????

राजसी - क्योंकि मैं फातिमा के पास उसके ही घर मे रहती हूँ।

और अभी तीन दिन पहले अनीस भी आया है।

राज -। et's go,,,,,, आइए चलते हैं,,,कांस्टेबल जीप निकालो,,, और सभी फातिमा के घर की ओर निकल पड़ते हैं।

:- राजसी,, Doorbell बजाते हुए,,,,, फातिमा,,,, फातिमा,,,

:-अनीस गेट खोलता है,, पुलिस को सामने देखकर सन्न रह जाता है,,, और भागने की कोशिश करता है,, राज अनीस को गिरेबां से पकड़ लेता है,, और दो थप्पड़ मारते हुए बोलता है अब भागने से कोई फायदा नहीं।

:- इतने मे फातिमा भी अंदर से आ जाती है, पुलिस को देखकर रोने लगती है,

राजसी - फातिमा अब रोने से क्या फायदा,,, जब राहुल को जान से मारा था तब रोना नहीं आया। चल अब ये बता की राहुल को क्यों मारा।

फातिमा - रोते हुए,,,,, राहुल मुझे बहुत प्यार करता था, मेरे लिए अपना परिवार भी छोड़ दिया था,, पर मैंने ही उसके साथ धोखा किया था। एक दिन राहुल ड्यूटी से घर जल्दी आ गया तो उसने मुझे और अनीस को साथ मे देख लिया।

फातिमा - राहुल ने मुझे बोला तो कुछ नहीं, बस गुस्सा होकर अपने कमरे मे चला गया। तभी अनीस ने राहुल को मारने का प्लान बनाया। मैंने मना किया तो अनीस नहीं माना।

फातिमा - बार बार कहने पर मैं मान गई,,, हम दोनों राहुल के रूम मे गए,, वहाँ देखा राहुल कैमरे के साथ कुछ शूट कर रहा था। मैंने राहुल को बोला कि हमे कुछ बात करनी है।

फातिमा - पर राहुल नहीं माना,, और कहने लगा तुम लोग जाओ यहां से, अनीस और राहुल की बहस होने लगी। छीना झपटी मे कैमरा राहुल के हाथ से छूट गया, राहुल अनीस को बेतहाशा पीट रहा था, तो मुझसे देखा नहीं गया।

फातिमा - मैंने राहुल के सिर पर फ्लावर पोट दे मारा, राहुल बेहोश हो गया। अनीस ने राहुल के पेट पर चाकू से कई वार किए। राहुल ने वहीँ दम तोड़ दिया।

फातिमा - राहुल की लाश देखकर हम दोनों घबरा गए, और हम ने रात मे ही राहुल की लाश को कब्रिस्तान मे दफना दिया।

साथ मे चाकू और कैमरा भी कब्र मे ही दफना दिया। हमने सोचा किसी को पता नहीं चलेगा।

राजसी - कितनी बेग़ैरत औरत है तू,,, जिस पति ने तेरे लिए अपना सब कुछ छोड़ दिया तुमने उसको ही धोका दिया।

खैर अब जेल मे अपने गुनाहों की सजा काटना।

राज - कांस्टेबल दोनों को हथकड़ी लगा दो, और ले जाओ दोनों को। राजसी बहुत बहुत शुक्रिया आपका,, जो आपकी वज़ह से ये अनसुलझा केस सुलझ गया।

फातिमा - मैडम ये तो बता दीजिए की आपको कैसे पता चला हम दोनों के बारे मे।

राजसी - फातिमा बस ये समझ लो कि मैं इसी वजह से शायद तुम्हारी लाइफ मे आयी। और राजसी ने एक एक करके पूरी बात फातिमा को बताई। ये सुनकर फातिमा का मुहँ फटा का फटा रह गया।

राजसी - फातिमा वो कहते है ना खुदा के यहां देर है अंधेर नहीं। कर्मों का फल जरूर मिलता है,, फातिमा। राज एक विनती है राहुल की आत्मा भटक रही है,, उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाए।

राज - ये सही कहा आपने राजसी।

:- और सभी उस कब्रिस्तान मे जाते हैं,, और वहीँ पूरे विधि विधान से राहुल का अंतिम संस्कार करते हैं। आज राहुल की भटकती आत्मा को शान्ति मिलेगी। ओम शांति ओम।


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