जज़्बात
जज़्बात
मन उदास हैं या मैं ही इतनी मशरूफ़ हूँ,
पता नहीं।
तेरी याद आ रहीं हैं या तेरी यादो में खोई हूँ,
पता नहीं।
सोच में तुम हो या मैं सोचना तुम्हारे बारे में चाहती हूँ,
पता नहीं।
बात तुम से कर रहीं हूँ मैं या सारी बातें
दो दिलों के दरमियान में ही हो रहीं हैं,
पता नहीं।
बारिश में भीगना मुझे पसंद हैं
या तुमसे प्यार हो गया हैं,
पता नहीं।
अपने लफ्ज़ो में दिल का हाल ब्यान करना
या तुमसे इज़हार करना ठीक होगा,
पता नहीं।
क्या तुम मेरे हमसफर बनना पसंद करोगे
या मेरा प्यार ही एक तरफ़ा हैं,
पता नहीं।
मैं इतनी मदहोश क्यों हूँ तुम्हारे प्यार में
या मेरे जज़्बात तुम समझ पाओगे?
पता नहीं।
पल-पल तुम्हारे बारे में सोचती हूँ
या साँसे ही मेरी तुम्हीं से चलती हैं,
पता नहीं।
क्या ये मेरा पागलपन हैं तुम्हारे लिए
या सच्चा इश्क़ हैं तुमसे,
पता नहीं।