Archana Tiwary

Inspirational

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Archana Tiwary

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जन्मदिन

जन्मदिन

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शर्मा जी आज फिर अपने पसंदीदा होटल में चाय पीने आ गए। पिछले कुछ दिनों से वह यहां अक्सर चाय पीने आते थे क्योंकि यहाँ की मसाले वाली चाय उन्हें बहुत पसंद थी ।वेटर उनसे बिना पूछे ही उनकी मसाले वाली चाय देते हुए मुस्कुरा कर पूछा- "और कुछ लाऊँ साहब"? शर्मा जी ने सिर हिला कर ना कहते हुए चाय पीनी शुरू कर दी। 


तभी सामने टेबल पर उनकी नजर गई ।एक आदमी पुराने कपड़े पहने, एक छोटी लड़की के साथ बैठा था ।वह लड़की नए फ्रॉक पहनी थी। उसने वेटर को बुलाकर एक डोसा का आर्डर दिया। वेटर ने पूछा-" और क्या लाऊं"?   उसने मुस्कुराते हुए कहा -नहीं और कुछ नहीं, बस एक डोसा ही ले आओ। तभी उसके फोन की घंटी बज गई ।शर्मा जी को उसके फोन पर होने वाली बातें सुनाई दे रही थी क्योंकि उनका टेबल पास ही था और होटल में भी कम लोग थे। उसने फोन पर कहा- "मैं अपनी बेटी के साथ उसका जन्मदिन मनाने होटल में आया हूँ, मैंने उससे वादा किया था कि अगर तुम इस बार क्लास में फर्स्ट आओगी तो तुम्हारे जन्मदिन के दिन मैं होटल में ले चलूंगा ।फोन करते समय उसकी आंखों में खुशी झलक दिख रही थी। उसने बात करते हुए कहा- नहीं -नहीं, मैंने अपने लिए डोसा नहीं मंगाया है ।मेरे लिए तो दाल चावल घर पर बना हुआ है। दो डोसा के बिल मैं दे नहीं सकता । शायद वो अपने किसी दोस्त से बात कर रहा था। उसकी बातें सुनकर शर्मा जी बड़े भावुक हो गए ।उन्होंने चाय पीकर बिल का भुगतान किया और मैनेजर को बुलाकर कहा उस टेबल पर जो छोटी लड़की बैठी है, आज उसका जन्मदिन है इसलिए उन्हें दो डोसे भिजवा दो। मैं उसके पैसे दे रहा हूँ पर यह बात उन्हें बताना नहीं। मैनेजर बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहा था ।बात खत्म होते ही उसने कहा -आप फिक्र ना करें ,आज उन दोनों को हमारी तरफ से डोसे खिलाए जाएंगे। हमें भी तो पुण्य कमाने का मौका दीजिए। शर्मा जी सोचने लगे मेरे मन में भलाई का सिर्फ एक विचार आया और ईश्वर ने मैनेजर के मन में भीठीक उसी समय ऐसे विचार पैदा कर दिए। सच ही कहते हैं ,हम सबके मन के तार एक दूसरे से जुड़े रहते हैं और जोड़ने वाला वो ऊपर बैठा हमारी गतिविधियों पर नजर रखे हैं। जैसे उसके सामने दो डोसा लाया गया। उसने बड़े आश्चर्य से पूछा -"अरे, मैंने तो एक ही डोसा का आर्डर दिया था, यह दूसरा क्यों ले आए "? मेनेजर ने कहा-" आज बिटिया का जन्मदिन है तो हमारी तरफ से ये उपहार है"। उसने कहा -"मेरा डोसा पैक कर दो, मैं घर जाकर अपनी पत्नी के साथ खाऊंगा"। मैनेजर ने कहा-" आप यह डोसा खा लीजिए, आपके घर के लिए मैंने तीन डोसा और कुछ मिठाईयां पैक कर दी है "।आप घर जाकर धूमधाम से जन्मदिन मनाइएगा ।मेरी भी इसी उम्र की बेटी है और एक पिता के प्यार को मैं अच्छी तरह महसूस कर सकता हूँ ।उसने दोनों हाथ जोड़कर मैनेजर का धन्यवाद किया और बेटी को बड़े प्यार से डोसा खिलाया।  दूर खड़े शर्मा जी उन्हें देख खुश हो, ईश्वर का धन्यवाद करते हुए घर की तरफ चल पड़े।


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