Sarvesh Saxena

Romance

5.0  

Sarvesh Saxena

Romance

जन्म दिन की बधाई

जन्म दिन की बधाई

1 min
400


सुबह से अब शाम होने को आ चली थी, मेज़ पे रखे फूल भी तुम्हें बिना देखे मुरझाने लगे थे. बाहर हवा में घुली हल्की ठंडक दिल को बेचैन सुकून दे रही थी. मैंने फिर एक बार दरवाजे की ओर देखा और सोफे पे बैठ गया मानो मन ही मन में अपने सवालों का जवाब ढूंढने लगा. अब तक तो तुम्हें आ जाना चाहिए था..

मैं यूँही लेटे लेटे यादों के ग़ुबार मे कहीं खो गया और जब उस ग़ुबार से निकला तो देखा रात हो गई थी, मैंने केक पे कुछ मॉमबत्तियां जला दी और तुम्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देने लगा. मैं आज कोई गिफ्ट नहीं ला पाया शायद सोच नहीं सका क्या लूँ. मैंने अलमारी से कुछ निकाल कर कहा HAPPY BIRTHDAY TO YOU MY FRIEND..

रात खामोश थी.. मै भी यादों के समन्दर मे कहीं खो चुका था.. मेज पर रखे केक की मॉमबत्तियां पिघल कर थक चुकी थीं और पास रखा था तुम्हारा आज का तोह्फा,

हमारी आख़िरी तस्वीर।


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