MITHILESH NAG

Drama

5.0  

MITHILESH NAG

Drama

जिन्दगी कोई खेल नही

जिन्दगी कोई खेल नही

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नकुल कॉलेज के दिनों में बहुत ही अच्छा लेखक था,उसको हर समय लिखते ही देखा जाता रहा है। कोई क्या कर रहा है उसको तो कुछ पता ही नही ।

“नकुल चल यार, कुछ खाते है कैंटीन में बैठ कर” (कंधे पर हाथ रख कर)

“नही यार,अभी मेरा कही जाने का मन नही कर रहा है” (मुँह बनाकर)

“ठीक है, मैं जा रहा हूँ जब फ्री होना तो कैंटीन मिलना” ( बाहर जाते जाते )

“ठीक है,”

कैंटीन में....

सनी और सतीश बैठ कर चाय पी रहें हैं , और कुछ देर चाय की चुस्की लेते लेते सनी के दिमाग मे एक बात आया।

“अच्छा... सतीश एक बात नही समझ मे आ रहा है आखिर ये लिखता क्या है”?

“अबे! लिखेगा क्या?वही कहानी और क्या”।

“लेकिन ये तो पहले ऐसा नही था,पता नही क्यो अब ऐसा हो गया है”

कुछ देर तक उसका इंतजार करते करते बहुत टाइम हो जाने के बाद फिर वो कक्लास रूम आते है।

क्लास रूम में कुछ देर बाद.....

अभय जो एक अच्छे टीचर है,वो हिन्दी पढ़ते है। लेकिन साथ मे कुछ ऐसी भी बाते बोल देते है जो किसी की ज़िंदगी मे नए मोड़ ले आते है। बस आज ऐसा ही कुछ उन तीनों के साथ भी होता है।

“अच्छा.. सभी एक बच्चे एक बात बताइये, क्या आप को लगता है कि हम आने वाले 30 साल में कुछ कर सकते है कि नही । और अगर कर सकते है तो क्या और क्यो? ।

अभय सभी बच्चों से उनके आने वाले वक्त से जुड़ी बातें बता रहे है जो उनको आगे चल कर काम आएगा ।

“ये कैसे बोल सकते है, सर.. अभी तो हम ने सोचा ही नही की आखिर करना क्या है”( सतीश बोला)”।

“और क्या सर मैंने भी कुछ नही सोचा”( सनी हँसते हुए)

“लेकिन सर, मैंने सोचा है कि मुझे आगे चल कर करना क्या है”(नकुल बोला)

सभी उसकी ओर देखने लगे कि ये करना क्या चाहत है। अभय भी बड़ी खुशी से पूछता है।

“क्या करोगे” ( अभय पूछा)

“सर,मैं हमेशा से एक अच्छा लेखक बनना चाहता है,जो मेरी कलम की ताकत ही मेरी सब से बड़ी ताकत होगी”।

“बहुत अच्छा, नकुल”।

कुछ देर शान्त होने के बाद अभय कुछ बोलता है...

“देखो बच्चों हम अपनी एक औसत उम्र 60 साल मानते है ठीक....

लेकिन अभी जो 30 साल मेहनत करेंगे वो हमारे शरीर और भविष्य को एक सुनहरा जीवन जीने का मौका देता है।

लेकिन अगर यही पहले 30 साल बर्बाद कर दिया तो आने वाले 30 साल तो हमारे सोचने में चला जाएगा। क्यो अभी आप सब एक नवयुवक शक्ति हो अभी जो करोगे वो तूम से हो जाएगा लेकिन जब आप 30 से कही ज्यादा उम्र के हो जाएंगे तो फिर शरीर भी आपका साथ छोड़ने लगता है। 

तो इसलिए अभी जो करेंगे वही आप का है वरना आप सब से हार जाएंगे”

सतीश और सनी अभय सर की बात सुन कर पहले तो नकुल को देख रहे थे,लेकिन कुछ सेकेंड बाद हँसने लगे मुँह दबा कर।

“क्या यार नकुल, अभय सर बिल्कुल तुम्हारी तरह है, पहले से ही सब सोच कर बैठे है”।

“तुम लोग चाहे कुछ भी सोचो लेकिन मैं अपना आने वाला 30 साल पढ़ाई और लेखक के लिए लेखन करना शुरू करूँगा”।

“ठीक है, भाई तुम महात्मा ही बनो” ( फिर दोनों हँसने लगे)

कुछ देर में क्लास भी खत्म हो गयी है। सब क्लास से निकलते है घर जाने के लिए।

30 साल बाद....

अब कौन कहाँ है,किसी को कुछ नही पता । लेकिन कहते है ना कभी कभी बिन मांगी मुराद पूरी होती है ऐसा ही कुछ इन तीनो के साथ भी होता है।

सनी एक बाइक से होम डिलीवरी का काम करता है, और सतीश एक कैफ़े पर काम करता है,लेकिन नकुल के बारे में कुछ नही पता कि वो क्या करता है।

और ऐसा ही कुछ सनी के साथ भी होता है। वो किसी का पार्सल उसके घर दे कर आता है।और थके होने के वजह से वो उसी कैफ़े पर पहुँचता है।

“भइया जरा ठंडा पानी और एक कॉफी लेकर आओ”। (पसीना पोछते)

कुछ देर में एक वेटर पानी और कॉफी लेकर उसके टेबल पर रख देता है। लेकिन जैसे ही वो पानी पीने के गिलास पकड़ता है तो सतीश को देख कर चकित होता है।

“अरे ! सतीश तुम और यहां? और बैठ ... कैसे हो?” 

“ ठीक ही हूँ यार...” ( बुझे मन से)

“क्यो क्या हुआ?”

“यार कॉलेज टाइम में अच्छी पढ़ाई का नुकसान अब समझ मे आ रहा है वो भी 30 साल बीत जाने के बाद”।

“सच बोलू तो यार मेरा भी यही हाल है” अगर पहले 30 साल अच्छे से मेहनत किया होता तो आज बस उसको सही तरीके से चलाना होता”।

“हाँ यार, अच्छा नकुल का कुछ पता नही चला कहा है?” ( सतीश पूछा)

कुछ देर...

एक बड़ी गाड़ी कैफ़े के पास खड़ी होती है और एक 35 साल का लड़का कैफ़े में आता है। लेकिन उसकी नज़र उन दोनों पर पड़ती है।

“क्या बात है,आज ऐसा लगता है हम फिर से उसी कैंटीन में आ गए है।

“क्या बात है,नकुल और कहाँ और क्या कर रहे हो?” ( खुश होते दोनों)

नकुल एक बुक निकलता है और एक न्यूज़ पेपर दोनों टेबल पर रख देता है। दोनों की नजर उस पर पड़ती है जिस पर बेस्ट सेलर “नकुल’ लिखा है। दोनों को समझ मे आ गया कि आज नकुल कहाँ है और हम कहाँ है।

इसलिये ही तो बोला जाता है”” ज़िंदगी कोई खेल नही” होता कि जब चाहो कुछ भी कर लो,हमे हर पल एक मौका मिलता है जो समझ गया वो बन गया वरना मरते रहो ।।



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