VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

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जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम

जिंदगी जिंदादिली से जीने का नाम

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एक गांव में एक गरीब परिवार रहता था उस परिवार में कई लड़कियां थी उस गांव के पास एक नदी भी बहती थी गरीबी के कारण उन लड़कियों की पढ़ाई नहीं हो पाई, उनको अपने घर के कार्यों में हाथ बटाना पड़ता था तथा पास के जंगल से लकड़ियां लानी पड़ती थी उनसे ही उस परिवार की आजीविका चलती थी उनमें से एक बहन को दौड़ने का शौक था वह दौड़ने के लिए उस नदी के रेत पर दौड़ लगाती थी और वहीं पर प्रैक्टिस करती हुए उसने जिला स्तर तक की प्रतियोगिताएं जीती उसके जीतने का मकसद इनाम मिलना व उस इनाम से घर में सहायता करना थाउसकी छोटी बहन को लगा कि जब बड़ी बहन खेल में इतना सब कर सकती है तो क्यों ना मुझे भी खेल में अपने हाथ आजमाना चाहिए, उसने भी बिना संसाधनों के नदी के रेत पर अपनी प्रैक्टिस शुरू की काफी दूर तक वह दौड़ती तथा प्रैक्टिस करती थी उसकी बहनों ने अपने पापा से कहकर उसका प्रवेश गांव के एक स्कूल में करा दिया वह लड़की भी दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगी तथा छोटी उम्र में उसने जिला स्तर की प्रतियोगिताएं जीतनी शुरू की, उसकी योग्यता को देखकर उसके स्कूल के टीचर्स ने उसकी सहायता की तथा उसको पास के शहर के स्कूल में प्रवेश दिला दिया प्रवेश लेने के बाद भी उसने अपनी प्रैक्टिस जारी रखें तथा बड़ी बड़ी प्रतियोगिता में भाग लेने लगी उस लड़की ने अपनी प्रैक्टिस गरीबी के कारण होने वाले प्रभाव से भी नहीं छोड़ी तथा उपलब्ध संसाधनों से उसने प्रैक्टिस जारी रखी उसके पास दौड़ने के जूते भी नहीं थे ट्रैक सूट भी नहीं था उसके बावजूद बिना संसाधनों के उसने अपने प्रैक्टिस जारी रखी, उसके बाद वह लगातार प्रतियोगिता में भाग लेती रही इनाम जीतती रही वह प्रतियोगिताओं में इसलिए भाग लेती थी ताकि उसे इनाम मिले उसमें पैसा मिले और घर में वह कोई सहायता कर सके जब उसकी ख्याति बढ़ी तो उसको वहां के एक विश्वविद्यालय में अपना लिया तथा उसको फ्री एजुकेशन, फ्री संसाधन उपलब्ध कराएं और बच्ची को ट्रेनिंग भी दी बाद में वह स्टेट की तरफ से खेलने लगी तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने लगी उसने देश का नाम रोशन किया अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर उसने देश के लिए उपलब्धियां अर्जित की इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि यदि मन में इच्छा शक्ति है, यदि हम जीतना चाहते हैं, यदि जीतने के लिए दौड़ते हैं, यदि हम जीतने के लिए कार्य करते हैं तो कोई भी बाधा हमारा रास्ता नहीं रोक सकती है चाहे वह गरीबी हो या संसाधनों की कमी हो। हमें अपने अंदर की इच्छा शक्ति को जाग्रत करना है हमें अपनी प्रैक्टिस को लगातार करना है हमें अपने मन में यह सोचना है कि चाहे जो भी हो मुझे तो जीतना ही है तब दुनिया की कोई भी बाधा हमारा रास्ता नहीं रोक सकतीबालिका दिवस पर बालिका की यह कहानी बालिकाओं को अवश्य प्रेरणा देगी इसी विश्वास के साथ मैंने इसे लिखा।



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