झम्मन लाल लिलिपुट में
झम्मन लाल लिलिपुट में
झम्मन लाल को बोनो की नगरी में भटकते आज पूरा एक हफ्ता हो चुका है लेकिन अब तक उसे खजाने का नक्शा नहीं मिला है। दारोगा लक्कड़ सिंह उस दिन दिलदार सिंह से कह रहा था कि बोनो ने अपनी बस्ती में मशहूर चोर तेलु के खोये खजाने का नक्शा छिपा रखा है, अगर वो खजाना मिल जाए तो बल्ले-बल्ले हो जाएगी।
बोनो की यह बस्ती गुलफाम नगर से हजार मील दूर सुदूर रेगिस्तान के बीच थी। जब से वो यहाँ पहुँचा है बोने उसे घूर-घूर कर देखते है, उन्होंने उसके जैसा गोल-मटोल आदमी शायद ही कभी देखा हो।
बड़ी मुश्किल से उसकी दोस्ती मोल नाम के बोने से हो सकी वो भी दारू की पाँच बोतले उसे पिलाने के बाद।
"क्यों बे मोल तेलु चोर कभी तुम्हारी बस्ती में रहा है?" झम्मन लाल ने मोल से पूछा।
"तेलु....... हाँ वो मक्कार बूढ़ा यहाँ पूरे १० दिन रहा था, खूब दारू पीता था......." मोल ने जवाब दिया।
"क्या उसके पास कुछ माल......यानि बक्शा वगैरह भी था।" झम्मन लाल ने मोल से पूछा।
"हाँ माल तो था उसके पास, एक बड़ा सा बक्शा था जिसमे वो ताला लगाकर रखता था, कोई गलती से भी उसके बक्शे को छू देता तो उसे कुत्ते की तरह काटने को दौड़ता था। लेकिन एक अजीब बात है वो जब यहाँ से गया तो बक्शा उसके साथ नहीं था।" मोल ने जवाब दिया।
"क्या हुआ उस बख्से का?" झम्मन लाल ने पूछा।
"कहना मुश्किल है, लेकिन वो खलीफा के साथ रहता था, हो सकता है उसे कुछ पता हो, चर्चा तो यहाँ तक की है कि उस बख्से को कही छिपा कर तेलु एक नक्शा बनाकर खलीफा को दे गया था।" मोल ने जवाब दिया।
"हम आज रात ही वो नक्शा चोरी कर लेंगे और खजाना ढूँढ कर आधा-आधा बाँट लेंगे........" झम्मन लाल उत्साह के साथ बोला।
"अबे ऐसा मत कर यहाँ चोरी की बहुत भयंकर है.......पकडे गए तो सारे बोने तुम्हे मजा चखा देंगे।" मोल ने चिंतित स्वर में जवाब दिया।
"अबे ये अगर तुम लोगो का लिलिपुट है तो मैं तुम्हारे बाप गलिवर से बहुत खतरनाक हूँ, भुस भर दूँगा तुम सबकी खाल में।" झम्मन लाल गुर्रा कर बोला।
"अबे जा बड़ा आया खाल में भुस भरने वाला.....तेरी दारू पी है, इसलिए तुझे समझा रहा हूँ......मै चलता हूँ.....अब तुझे जो ठीक लगे वो कर।" कहकर मोल लड़खड़ाता हुआ चला गया।
अगले दिन
"ये आदमी मेरे घर में चोरी करने के लिए घुसा था.......लेकिन मैंने इसे जाल में फंसा लिया, अब इसको चोरी की सजा दी जाये।" खलीफा नाम के उस बोने ने रो-रो कर बोनो की पंचायत में कहा।
"तू रो मत खलीफा, इसको बेड़ियों में जकड़ कर बैल की जगह हल में जोत दो और पूरे गाँव की जमीन जुतवा लो फिर इसे पचास हंटर मार कर भगा दो यहाँ से।" पाँच पंचो ने एक स्वर में कहा।
उसी दिन झम्मन लाल को बेड़ियों में जकड़कर हल में बैल की जगह जुताई के काम में लगा दिया। पूरे एक महीने कठोर जमीन में हल चलाने से झम्मन लाल की हालत बिगड़ती चली गई और एक दिन वो मौका पाकर भाग निकला।
उस दिन बोनो की फिर पंचायत हुई और सर्वसम्मति से सबने दारोगा लक्कड़ सिंह की बड़ाई की और अपनी मशहूर दारू का एक पीपा उसके लिए शहर भेज कर उससे अनुरोध किया गया कि वो हर छटे महीने ऐसा ही कोई बेवकूफ उनके गाँव में भेजता रहे जो खजाने की चोरी के चक्कर में फंसकर उनके खेतो में बैल की जगह हल में जोता जा सके।