Rajesh Kumar Shrivastava

Comedy

4.5  

Rajesh Kumar Shrivastava

Comedy

इस्पेशल बम्ब माँगता है !

इस्पेशल बम्ब माँगता है !

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416


भोलू ने डोरबेल पुश किया। एक मिनट बाद दरवाजा खुला। चौंखट पर गोलू नमूदार हुआ। उसने हैरान-परेशान भोलू को देखा और जरा पीछे हटकर उसे भीतर आने का रास्ता देता हुआ बोला:-आ भोलू ! अपुन अब्बी तेरे कू याद कर रियेला था। 

काहे बास ! अपुन से कोई मिस्टेक होयेला बाप ?

नक्को रे ! -गोलू ने उसे कुर्सी पर बैठने का इशारा करते हुए कहा- पण अपुन सोच रियेला था कि अपना टेंशन वाला बिरादर किधर गायब हो गयेला है।

हे ! हे ! हे ! हे !बिजी था बास – उसने दाँत दिखाते हुए जवाब दिया- पहिली फुरसत मिलते ही इधर आया ।

बढ़िया – चहा पियेगा भीड़ू !

 – पी लूंगा बाप ! बोले तो अपुन अब्बी चहा पीने को ही सोच रियेला था बाप तुम अंतरयामी ! मन की बात जानता है।

बस बस ! ज्यास्ती मस्का नई मारने का है क्या– बोल भीड़ू किस वास्ते आया – गोलू ने कहा – पण अब्बी ठहर पहले चहा पी तब अपना टेंशन मेरे कू बोलना।

भोलू ने सहमति में सिर हिलाया। गोलू स्टील के दो कपों मे चाय ले आया। दोनों ने खामोशी से चाय खत्म किया।

अब बोल ! भीड़ू – तेरे कू फिर कोई टेंशन है ?

हे ! हे ! हे !! कैसे जाना बाप – भोलू ने कुछ झेंपते हुए कहा।

जैसे मैं तेरे कू जानता हैईच नहीं -गोलू ने कहा- बोले तो अपुन तुमेरे सात पुश्तों से वाकिफ है क्या ?

वो तो है बाप – पहली च बोला तू अंतर्यामी है बाप –

 बोला न ज्यास्ती मस्का नई मारने का – खाली पीली लम्बी-लम्बी हाँकने का हैईच नहीं क्या ?

समझ गया बाप – बरोबर समझ गया – भोलू ने कहा।

गुड - अब बोल भीड़ू ! तेरे कू कौन सा नवा टेंशन परेशान कर रिया है ?

बाप ! वो पाकिस्तान …

भीड़ू ! मैं तेरे कू पहले भी बोला – भोलू की बात काटकर गोलू बोला- पाकिस्तान का टेंशन लेने का तेरे को कोई जरुरत हैईच नहीं। 

बाप ! तू सुन तो सही -मैं काँटे का खबर लाया है तेरे वास्ते !

ऐसा ! तो शुरु हो जा भीड़ू – पाकिस्तान से तेरे कू कैसा टेंशन है ?

बाप – भोलू ने कहना शुरु किया – वो पाकिस्तान गवर्मेन्ट में कोई शेख रसीद करके भीड़ू है, जो रेलगाड़ी वाला महकमा देखता है।

शेख रशीद अहमद !

हा वहीच !

वो उधर रेल्वे मिनिस्टर होता है मालूम मेरे कू। भोलू तेरे भेजे मे जाला ! अरे पड़ोसी मुल्क के मिनिस्टर से कैसा टेंशन रे ? 

है ना बाप – गोलू ने जल्दी से कहा – अगर ये शेख करके भीड़ू का टेंशन नहीं होता तो मै इदर तुमेरे सामने नहीं होता। क्या ?

बोले तो

बाप ये शेख रशीद करके भीड़ू बोला -पाकिस्तान के साईंसदाँ जीनियस ! टाप आन दि वर्ल्ड। बाप जो काम अमेरिका, चाईना, जर्मनी, बरतानिया, रसिया,जैसा मुल्क के साईंसदान नहीं कर सकेला उसमें पाकिस्तानी भीड़ुओं ने कामयाबी हासिल करेला है।

अच्छा ! कौन सा तीर मारेला है इन टटपूँजियों ने ? गोलू ने पूछा।

 बाप ! पाकिस्तान ने ऐसा बम बनायेला है जो हिंदू-मुसलमान पहचान सकता है ! 

क्या -गोलू उछलकर खड़ा हो गया और भोलू को ऐसी ताज्जुब भरी नजरों से देखने लगा मानों वह किसी दूसरे ग्रह से आया हो या फिर जिसके भेजे का पुर्जा-पुर्जा हिल गया हो !

 भीड़ू बोले तो ऐसा होना इम्पासिबल – तेरे सुनने मे लोचा !

नक्को बाप ! ये खबर टी.वी. पर आ गयेला है, देख ले।

मेरे कू तुमेरे बात पर भरोसा – गोलू बोला-पण ऐसा होना कैसे मांगता। 

बाप ! अगर ये शेख रशीद करके भीड़ू की बात सच्ची तो मेरे कू टेंशन !

कैसा टेंशन ?

बाप – ये हिन्दू-मुसलमान पहिचानने वाला बम काम कैसे करेगा ? कौन भीड़ू हिन्दू-है कौन भीड़ू मुसलमान है ये कब पहिचानेगा फूटने से पहले या फिर फूटने के बाद ? 

तेरे कू क्या लगता है ?

अपुन को कुछ सूझता तो अपुन इदर किस वास्ते आता बाप – तू बहोत इंटेलिजेंट करके भीड़ू है -कुछ समझा हो तो अपुन कोसमझा बाप वरना सोच सोच के अपुन का वो क्या कहते हैं हाजमा खराब हो रियेला है।

भीड़ू ! ऐसा तो होईच नहीं सकता, पण मिनिस्टर बोला है तो होने को दुनिया मे क्या नहीं होने को सकता –पण ठहर मेरे कू याद करने दे -- गोलू सोचने लगा। कुछ देर बाद आगे बोला - ये वोहीच मिनिस्टर है भीड़ू ! जो एक दफे बोम मारा था कि पाकिस्तान ने एक पाव और आधा पाव साईज वाले एटम बम बनायेला है।

अपुन को याद नहीं बाप बोले तो अपुन तुमेरे जैसा इंटेलिजेंट नक्को।

भीड़ू – अपुन का दिल कहता है ये शेख रसीद करके भीड़ू खाली पीली बोम मारता है – बम हिन्दू मुसलमान किदर से पहचानेगा। पहले पहचाना तो फूटने पर उसको किधर से याद रखेगा कि ये भीड़ू हिन्दू और वो भीड़ू मुसलमान है। इस वास्ते टेंशन न ई लेने का क्या ?

वो तो है बाप – भोलू ने कहा -पण अगर वो मिनिस्टर करके भीडू सही हुआ तो –

तो क्या ?

मै सोच रियेला था कि अपने गौरमेंट को पाकिस्तान से कोई डील करने का कोशिश करने का है इससे पहले कि पाकिस्तान इदर वो हिन्दू मुस्लिम वाला बम फोडे ?

कैसा डील ?

देख बाप ! अगर ये खबर पक्की तो सोच ये पाकिस्तानी साईंसदाँ कितना इंटेलिजेंट हैं। जो भीड़ू हिन्दू मुसलमान टिरेस करने वाला बम बना सकता है, वो हमेरे लिए हमारे जरूरत का भी बम बना सकता है बोले तो रोकड़ा लेकर ?

भोलू तेरे बात में दम – पण अपुन के पास वो सारे बम्बस् का फुल स्टाक है। जो हमेरे को चाहिए अब कोन सा बम्ब खरीदने का बचा हे वो भी पाकिस्तान से।

बाप –भोलू ने कहा- जैसे पाकिस्तान के पास हिन्दू मुसलमान टिरेस करने वाला बम है, वैसीच अगर हमेरे पास देशभक्त और गद्दार टिरेस करने वाला बम हो, तो अपुन भी टेंशन फ्री हो सकता है .

ऐसा बम के वास्ते पाकिस्तान को आर्डर ?

हाँ बाप – जो मुल्क हिन्दू मुसलमान टिरेस करने वाला बम बना सकता है वो गद्दार टिरेस करने वाला बम्ब भी बना सकता है।

 भीड़ू -तेरे बात में दम है – गोलू बोला- अपुन तेरे कू सैल्यूट करता है – गद्दार पहचानने वाला बम्ब ! क्या आयडिया दिया भीडू ! ऐसीच बम्ब या फिर कोई आला बने जो देश मे छुपे गद्दारों को टिरेस कर सके तो बोले तो हमेरा आधी से ज्यास्ती मुसीबत खत्म हो जाने का क्या ?

बरोबर बोला बाप ! सौ टाँक सही- भोलू ने कहा !

भीड़ू तू आज अपुन को कोई टेंशन नई दिया इस वास्ते चल मै तेरे कू इस्पेशल करके वडा-पाव खिलाता है ..

मेरे कू मंजूर है बाप - भोलू बोला।

इसके साथ ही गोलू और भोलू वार्तालाप बंद करके बाजार की ओर रवाना हो गये।


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