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Navpreet Kaur

Drama Romance

4  

Navpreet Kaur

Drama Romance

इश्क़ की जंग भाग - 1

इश्क़ की जंग भाग - 1

6 mins
464

Location :- Madhavi Institute of Medical Sciences (काल्पनिक नाम), New Delhi

माधवी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस दिल्ली का सबसे जाना माना इंस्टिट्यूट था। यहां पर बड़े - बड़े खानदान के बच्चे पढ़ने आते हैं। और उन में से हमारी नायिका क़ायनात भी है। क़ायनात के भाईजान कबीर उन्हें छोड़ने आए थे। उन्होंने उसे बोला, "काया (क़ायनात के घर का नाम) बिल्कुल भी घबराना मत। अगर कोई आपको तंग करे तो फौरन हमें फोन कर लेना। हम चाहे जितने भी अपने काम में मशगूल हों, हम आपका फोन उठा लेंगे।" 

तो क़ायनात बोली, "भाईजान, हम जानते हैं आप हमारे लिए कब्र से भी निकल कर आ सकते हैं तो काम को छोड़कर आना आपके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। पर अब हम कॉलेज में हैं तो हमें अपने आप पर निर्भर होना पड़ेगा। हम नहीं चाहते हमारे कारण अबबू आपको ज़लील करें। "

तो कबीर भी मुस्करा पड़े और बोले," चल अब जा! जी ले अपनी कॉलेज लाइफ क्यूंकि ये जिंदगी तुझे वापिस नहीं मिलेगी। " क़ायनात ने हाँ में सिर हिलाया। और वो चल पड़ी अपनी नयी जिंदगी की ओर।कबीर ने भी गाड़ी को अपने ऑफिस की तरफ घुमाया और चले गए। क़ायनात अंदर से काफी डरी हुई थी क्यूंकि उसने अपनी भाईजान असीम से सुना था कि कॉलेज में सीनियर रैगिंग करते हैं और तो और मेडिकल कॉलेज में तो सबसे खतरनाक रैगिंग होती है। वो अभी अपनी सोच गुम चल ही रही थी कि वो किसी से टकरा गयी। उसके सामने उसी की उम्र की लड़की थी। उसके बाल सिर्फ कन्धे तक थे। चेहरे पर पूरी तरह से makeup किया हुआ था। व्हाइट सिंपल टॉप के साथ रेड जीन्स में वो केहर ढा रही थी। क़ायनात ने उसे बोला, "I am sorry. हमारी गलती थी।" 

उस लड़की ने क़ायनात को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा। 

(चलिए अब बात करते हैं क़ायनात की appearance की। 5"7 हाइट, काले रंग की गहरी आंखें जिन में कोई भी डूब जाए, उसकी आँखें उसके गोरे रंग पर फब रहीं थीं, सुर्ख गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठ और होंठ के नीचे का तिल माशाल्लाह!! क़ायनात ने feather cutting की हुई थी तो उसने बाल खुले ही छोड़े। उसके कमर तक आ रहे थे। उसने आज पिंक कलर का कुर्ता साथ में व्हाइट कलर का पालाजो डाला था। वो काफी खूबसूरत दिख रही थी। बिना make up के भी वो क़यामत लग रही थी।) 

उस लड़की को क़ायनात काफी सुंदर और समझदार लगी। वो अपना हाथ आगे कर बोली, "Hi! मेरा नाम श्रेया जैन है। Can we be friends?" 

तो क़ायनात ने उससे हाथ मिलाया और कहा, "Hi! मेरा नाम क़ायनात शेख है। और हम दोस्त बन सकते हैं।" 

तो श्रेया बोली, "अरे फिर गले लगो।" 

इतना बोल उसने उसे गले लगा लिया। क़ायनात बोली, "मैं एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर में हूँ। आप?!" 

श्रेया बोली, "मैं भी! चलो हम दोनों सैम ही क्लास से हैं।" 

तभी उनके पास एक लड़का आया। 6'1 हाइट, आंखों पर नजर का चश्मा, थोड़ा सा सांवला रंग, उसने व्हाइट colour की shirt साथ में blue colour की jeans डाली थी। 

वो बोला," चलो। "

तो क़ायनात और श्रेया असमंजस होकर बोलीं, "पर कहाँ? और आप हैं कौन? " 

वो लड़का बोला," that's not important sweethearts. ये जान लो कि मैं तुम दोनों का सीनियर हूं।" 

अब दोनों क़ायनात और श्रेया डर गयीं। और उसके पीछे - पीछे चलने लगी। जहां वो लड़का उन्हें लेकर आया था वहाँ 2 लड़के और 1 लड़की पहले से ही नजरें झुकाए खड़ीं थीं। उनके सामने 5 लोगों का ग्रुप था। जिसमें 2 लड़के थे और 3 लड़कियां। पांचो ही बड़े खानदान से थे। जो लड़का उन दोनों को लेकर आया था वो उन में से शायद अपने लीडर को बोला, "अक्षय, ये दोनों भी फर्स्ट ईयर से हैं।" 

अक्षय का ध्यान उन 3 तीनों पर था। उन्हीं की तरफ देखते हुए वो उस लड़के से बोला, "रॉनी, इन्हें बोल की अपनी नजरें नीचे कर लें। मुझे पसंद नहीं।" 

तो वो लड़का मतलब रॉनी क़ायनात और श्रेया से बोला, "चलो अपनी नजरें नीचे करो। हमारे अक्षय बाबु को पसन्द नहीं कि कोई उनकी आंखों में आंखें डाले।" 

इतना सुन श्रेया ने झट से अपनी नजरें नीचे कर लीं पर क़ायनात वैसी की वैसी ही रही। उस ग्रुप में से एक लड़का जिसका नाम नमन था वो आगे आया और क़ायनात को ऊपर से नीचे देखकर बोला, "लगता है समझ नहीं आया! It's ok! हम किस लिए हैं! Afterall सीनियर होते ही समझाने के लिए हैं।" 

वो लड़का उसके और करीब आने के लिए बढ़ा तो क़ायनात ने अपना हाथ आगे कर रोक कर बोली, "खबरदार! जो आप हमारे करीब भी आए।" 

उसकी ये धमकी सुन अक्षय को छोड़ सब हँसने लगे। और अक्षय कुछ सोच मुस्कराने लगा पर किसी ने देखा नहीं। उसने उन 3 जूनियर को जाने को कहा और क़ायनात और बाकी लोगों की तरफ मुड़ गया। श्रेया तो उसे आंखें फाड़कर देख रही थी। अरे भई हमारे अक्षय बाबु थे ही इतने attractive। 6'5 हाइट, भूरी रंग की गहरी आंखें, बाल माथे पर आ रहे थे जिससे वो बहुत ज्यादा क्यूट लग रहा था, एक कान में काले रंग की बाली, होठों पर मन मोह लेने वाली मुस्कराहट और उसका जिम में मेहनत करके बनाया हुआ शरीर। उसने आज ब्लैक कलर की टी शर्ट साथ में ब्लू कलर की जीन्स डाली हुईं थीं। अक्षय काफी handsome लग रहा था। 

क़ायनात और अक्षय तो जैसे एक दूसरे की आंखों में खो ही चुके थे। उनके ग्रुप में से एक लड़की जिसका नाम कनिष्का था उसे ये सब रास नहीं आया और आगे बढ़कर उसने अक्षय का हाथ कसकर पकड़ लिया। इससे से क़ायनात और अक्षय दोनों होश में आ गए। अक्षय को कनिष्का पर काफी गुस्सा आ रहा था। जिसे कनिष्का ने नोटिस कर लिया था पर फिर भी उसे इग्नोर करके क़ायनात से थोड़ा irritate होकर बोली, "एक बारी में समझ नहीं आता क्या तुम्हें। हम बोल रहे हैं न कि अपने नजरें नीचे करो!" 

क़ायनात शांत स्वर में बोली, "नजरें तब नीचे की जातीं हैं हैं मिस जब हमने कोई गुनाह किया हो या हम गलत हों। और ना ही मैंने कोई गुनाह किया और ना ही मैं गलत हूं तो हम क्यूँ अपनी नजरें नीचे करें भला?! "

उसका ये भाषण सुन ग्रुप की दूसरी लड़की जिसका नाम तन्वी था वो बोली, "ओह हैलो मैडम! बी इन युर लिमिट्स! पता भी है वो कौन है? पता नहीं कहाँ - कहाँ से आ जाते हैं तुम्हारे जैसे लोग। हमारी यूनिवर्सिटी का नाम बदनाम करने! "

क़ायनात बोली," सुनिए मिस हमने फीस कॉलेज वालों को दी है आपको नहीं तो आपके लिए यही अच्छा होगा कि आप चुप रहें। "

उसकी ये बात सब लोगों को गुस्सा आ गया। उन में से एक लड़की जिसका नाम रितिका था वो बोली," फीस रूम कॉलेज वालों को नहीं मेरे पापा को देती हो। वो यहां के ट्रस्टी मेंबर हैं। "

उसकी ये बात सुन क़ायनात को पता चल गया कि क्यु वो लोग इतनी अकड़ दिखा रहें हैं। उसने जल्दी - जल्दी में बोला, "अगर आपके पापा ट्रस्टी हैं तो हमारे अब्बू भी यहां के..........." 

आगे उसने कुछ नहीं कहा। तन्वी बोली," बोलो न बोलो तुम्हारे अब्बू क्या। "

कायनात कुछ भी नहीं बोली और श्रेया का हाथ पकड़ आगे बढ़ ही रही थी कि उसके सामने अचानक अक्षय आ गया। उसको देख क़ायनात के पैर वहीं जम गए। अक्षय उसकी आंखों मे देखकर बोला," मैडम अपना नाम तो बता दीजिए।" 

लेकिन क़ायनात ने उसे साइड पर धीरे से धक्का मारा और आगे बढ़ गयी श्रेया के साथ। 

CONTINUED........


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