इश्क अंधा जो होता है
इश्क अंधा जो होता है
देख विनी मैं कुछ सुनना नहीं चाहती, अगर तू नहीं आई तो मैं शादी के मंडप में नहीं बैठने वाली कह कर तानी ने फोन रख दिया। फ़ेशनडिज़ाइनिंग का कोर्स करने अमरिका गई विनी का अभी 6 महीने का कोर्स बाकी था, पर तानी की ज़िद के आगे झुकना पड़ा तो विनी बोली ओके बेबी I will coming..
विनी और तानी अरबपति बिज़नेस मैन मिस्टर शशांक चोपडा और वृंदा चोपडा की जुडवा बेटीयाँ थी... विनी दिखने में गोरी चिट्टी और बेहद सुंदर थी, पर तानी अपने पापा के उपर गई थी। नैन नक्श तेज़ तर्रार थे पर हल्के श्याम रंग ने तानी को विनी के मुकाबले दो कदम पीछे रख दिया ऐसा तानी का मानना था। विनी पढ़ने में भी अव्वल थी और तानी बस ग्रेजुएट करके संतोष मान लिया, तानी का पढ़ने में मन ही नहीं था तो शशांक जी ने अपने जिगर जान दोस्त विनोद वर्मा के बेटे तुषार से विनी का रिश्ता पक्का कर दिया। तुषार बेहद हैंडशम गोरा 6 फूट ऊँचा और घुँघराले बालों वाला किसी हिरो से कम नहीं था। विनोद वर्मा की छोटी सी बर्तनों की फैक्ट्री थी शशांक चोपडा के मुकाबले हैसियत में कुछ नहीं थे पर खानदान थे। तुषार को पैसे वाले ससुराल ने आकर्षित किया था इसलिए तानी उसकी पसंद ना होते हुए भी शादी के लिए राज़ी हो गया। तानी तुषार को पा कर बेहद खुश होते इतराती रहती।
तुषार ने विनी को देखा नहीं था, तानी अक्सर विनी की खूबसूरती और अक्लमंदी की बातें तुषार से करती तानी की बातों से तुषार विनी के प्रति आकर्षित हो रहा था। विनी ने भी तुषार को सिर्फ़ तस्वीर में देखा था एक दिन विनी का तीसरी टर्म का परिणाम था और विनी ने टाॅप किया था तो तानी ने विश करने के लिए विनी को विडियो काल लगाया, तुषार भी साथ ही था तानी ने तुषार और विनी का परिचय एक दूसरे से करवाया, तुषार तो पहली नज़र में ही विनी का दीवाना हो गया। आफ़ताब सा नूर और बिजली सी तेज, स्मार्ट, सुंदर विनी ने तुषार के दिलो दिमाग में हलचल मचा दी। इधर विनी भी तुषार की आभा से आकर्षित हो उठी पर बहन का मंगेतर जो था दिल को मोड़ दिया।
तुषार ने विनी का नं ले लिया और वाटसएप पर एड कर लिया। हल्की सी छेड़-छाड़ से शुरू हुआ जीजा साली का रिश्ता दो कदम आगे बढ़ गया। अब तो देर रात तक तुषार तानी के बदले विनी के साथ चैट करने लगा था।
अब तो विनी भी इंडिया आने के लिए तड़प उठी। तुषार ने ऐसे लपेटा की विनी भूल गई की तुषार उसकी बहन की अमानत है।
इधर तानी बेखबर तुषार के प्यार में पागल थी। समय बीत रहा था दो महीने बाद शादी थी तो तानी ने आज विनी को चेतावनी दे दी शादी में नहीं आई तो देखना। इधर विनी असमंजस में थी तुषार के साथ विनी का रिश्ता प्यार में बदल गया था, दोनों तरफ़ आग बराबर की लगी हुई थी। तुषार तानी कि ओर लापरवाह होता जा रहा था।
तानी शादी की शोपिंग में लगी हुई थी। तुषार को हर बार फोन करती चलो ना तुषार तुम्हारी पसंद की हर चीज़ लेना चाहती हूँ, पर तुषार का दिल विनी की खूबसूरती का कायल था तानी कहाँ अब भाती थी।
एक रात तुषार ने विडियो चैट पर विनी को बहकाकर सारी हदें पार कर दी विनी तुषार के प्यार में पागल एक-एक आवरण उतार चुकी। मन में एक डंख भी था की अपनी बहन को धोखा दे रही हूँ पर दिल के आगे बेबस थी, दूसरे दिन एक ठोस निर्णय के साथ इन्डिया जाने की टिकट करवा ली।
कहते है ना इश्क अंधा होता है बस यही उक्ति विनी और तुषार पर सार्थक बैठती थी। दो महीने बाद तानी और तुषार की शादी थी पर तुषार दोनों बहनों को अपनी ऊँगली पर नचा रहा था। खुद को भी पता नहीं था कि आगे क्या होने वाला है, और क्या चाहता है। शशांक चोपडा की दौलत और विनी के इश्क का नशा तो था पर तानी बीच में थोड़ा बनी थी। तुषार कुछ भी करके विनी को पाना चाहता था तो बस इसी फ़िराक में एक ख़तरनाक प्लान बना ड़ाला।
आज रविवार को तानी का जन्मदिन था तो तुषार तानी को शहर के बाहर जो झील थी वहाँ घुमाने ले गया। जगह काफ़ी सूनसान थी और कहा जाता है कि झील में ख़तरनाक मगरमच्छों का झुंड रहता है। तानी तुषार की दीवानी थी और थोड़ी भोली भी पागलपन की हद के आगे तानी को तुषार की नज़र अंदाज़ी और प्लान नज़र ही नहीं आ रहा था। तुषार की मीठी-मीठी बातों में आ गई। दोनों झील के किनारे पोपकोर्न खाते और बातें करते हुए टहल रहे थे। तानी खुशखुशाल आने वाले जीवन की कल्पना करते बातों में गुम थी, की तुषार ने हौले से तानी को धक्का दे दिया पानी में हलचल होते ही मगरमच्छों का झुंड सतेज हो गया, और पल भर में झील में उठा बवंडर शांत हो गया। तुषार मानों कुछ नहीं हुआ ऐसे बिंदास घर आ गया, और आते ही विनी से चैट पर इश्क फ़रमाने लगा, कि विनी ने सवाल किया। तुषार क्या हम सही कर रहे है ? इस प्रणय त्रिकोण की मंज़िल तुम्हें तय करनी है, मैं तुम्हें पाना चाहती हूँ पर अपनी बहन के अरमानों को रौंद कर नहीं, या तो मुझे तुम दोनों के बीच से हटना होगा या कोई और रास्ता निकालना होगा।
तुषार इसी फ़िराक में था फ़टाक से बोल गया तुम इसकी फ़िक्र मत करो हम दोनों के बीच की दीवार मैंने गिरा दी है, बस तुम जल्दी से इंडिया आ जाओ।
विनी का दिल राजधानी एक्सप्रेस की रफ़्तार से धड़कने लगा।
"what do u mean तुषार क्या किया तुमने"
तुषार ने पूरी कहानी बताई तो विनी आगबबूला हो गई। यू बास्टर्ड तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी बहन को मारने की। oh my God ये मैंने क्या कर दिया, क्यूँ तुम्हारी बातों में आकर तुमसे इश्क कर बैठी। माना कि मुझे तुमसे प्यार है पर कोई दूसरा रास्ता निकालते, तानी को समझाते, घरवालों को मनाते। पर ये, ये तो मैं सोच भी नहीं सकती। मैं अपनी बहन की कब्र पर अपना आशियाना नहीं बांध सकती और नांहि अपनी बहन के कातिल संग पूरी ज़िंदगी बिता सकती हूँ। और तुषार को बिना कुछ बताए विनी ने इंडिया में अपने कमिश्नर मामा जी मिस्टर मनोहर लोहिया जी को फोन लगाया। अब प्रणय त्रिकोण का एक कोण मिस्टर तुषार न घर का न घाट का लग्न मंडप की जगह तिहार जेल में चक्की पीस रहा है। प्रणय त्रिकोण का दूसरा कोण दुनिया को अलविदा कह गया और तीसरा कोण पश्चाताप की आग में तड़पते न खुद को माफ़ कर रहा है ना अपनी भोली-भाली बहन को भूला पा रहा है। आख़िर इश्क अंधा जो होता है।
