रहा है ना अपनी भोली-भाली बहन को भूला पा रहा है। आख़िर इश्क अंधा जो होता है। रहा है ना अपनी भोली-भाली बहन को भूला पा रहा है। आख़िर इश्क अंधा जो होता है।
यह सुनते ही सुधीर बहरा, गूंगा और अंधा हो गया। उसने कागज़ खोल कर देखा और फफक पड़ा। यह सुनते ही सुधीर बहरा, गूंगा और अंधा हो गया। उसने कागज़ खोल कर देखा और फफक पड़ा...
जिस कारण यहां की किसी झोपड़ी में कोई खिड़की नहीं है। जिस कारण यहां की किसी झोपड़ी में कोई खिड़की नहीं है।
यह बात सुनकर पड़ोसी की आँखों से आँसू छलक आए और वह लड़का वहाँ से उठकर चला गया....! यह बात सुनकर पड़ोसी की आँखों से आँसू छलक आए और वह लड़का वहाँ से उठकर चला गया.......
पहले प्यार के साथ अपनी ख्वाहिशें,अधूरापन और हक़ीक़त के टकराव की कहानी पहले प्यार के साथ अपनी ख्वाहिशें,अधूरापन और हक़ीक़त के टकराव की कहानी
मीरा जी समीर से पूछती है ...तुम बचपन से अंधे हो। मीरा जी समीर से पूछती है ...तुम बचपन से अंधे हो।