टिल्टेपक
टिल्टेपक


मित्रों, भारत का एक गांव है टिल्टेपक। यहां जोपोटेक नाम की जनजाति रहती है।
विचित्र बात यह है कि फनी इस जनजाति के सभी लोग अंधे हैं। इतना ही नहीं यहां के जानवर से लेकर पक्षी तक, सब की आंखों की रोशनी खत्म हो चुकी है। दरअसल, यह अंधापन पैदाइशी नहीं है। यहां पैदा होते वक्त तो सभी बच्चे सही-सलामत और स्वस्थ होते हैं, मगर कुछ दिन बाद ही वे दृष्टिहीन हो जाते हैं।
यहां के लोगों के अनुसार उनके अंधेपन का कारण एक श्रापित पेड़ है; लावजुएजा इस पेड़ को देखने के बाद इंसान से लेकर जानवर तक सब अंधे हो जाते हैं।
इस बात के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं पाए गए हैं। वैज्ञानिकों के मतानुसार यहां के अंधेपन की वजह एक खास किस्म की काली मक्खी है, जो काफी जहरीली होती है और इसके काटने पर उसका जहर शरीर में फैल जाता है। जिसका सबसे पहला असर आंखों की नसों पर पड़ता है, जिससे जानवर हो या इंसान जल्द ही अंधा हो जाता है।
इस गांव की एक और अजीबोगरीब बात है कि यहां किसी भी घर में खिड़कियां नहीं हैं। इस गांव में तकरीबन 70 झोपड़ियां है जिसमें करीब 300 लोग रहते हैं। लेकिन किसी भी घर में कोई खिड़की नहीं है। इसके पीछे की वजह भी इनका अंधापन है। आंखों की रोशनी चले जाने के बाद इन्हे सूरज की रोशनी से कोई फर्क नही पड़ता, जिस कारण यहां की किसी झोपड़ी में कोई खिड़की नहीं है।