ईर्ष्या
ईर्ष्या
यह वाकया है वर्ष 2004 का। जब हमारे पुत्र का एम बी बी एस में एडमिशन के लिए, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं रिसर्च इन्स्टीट्यूट (सिम्स), बिलासपुर (छत्तीसगढ़)में हमें काउंसिलिंग में बुलाया गया था।
एस सी कैटिगरी के काउंसिलिंग की जब रैंकिंग बोर्ड में, डिस्प्ले की गयी तो हमारे पुत्र से,पहले एक युवती का नाम था।
उस युवती के पिताजी से मैंने वार्तालाप किया और कहा"मित्र आप कहाँ के रहने वाले हैं और आप बताना चाहेंगे कि, आप कौन सा जाॅब करते हैं। "
युवती के पिताजी ने कहा "सर, मेरी लड़की पढ़ाई में बहुत ही अच्छी है और पहले ही टर्म में, उसने पी एम टी उत्तीर्ण की है। हम लोग ज्यादा पैसे वाले तो नहीं है और मेरी छोटी सी किराना दुकान है।हम लोग जांजगीर के पास एक गांव में रहते हैं। "
मानव स्वभाव होता है। उस युवती से,उस समय मुझे ईर्ष्या होने लगी कि,वह हमारे पुत्र से भी पढ़ाई में आगे है।हमारा लड़का भी तो पी एम टी में चयनित हुआ है।
खैर काउंसिलिंग में युवती और हमारे पुत्र को, एक साथ बुलाया गया। साथ ही दोनों बच्चों के पिताजी को भी,बुलवाया गया था।
सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन ने कहा"रिजर्व कैटिगरी एस सी में अब, एक ही सीट बची है। युवती को पहले अवसर दिया जायेगा।"
उन्होंने युवती के पिताजी से कहा"आप 7,5 लाख रूपये जमा कीजिए। 5लाख रूपये सुरक्षा राशि (जो बाद में वापस किया जायेगा)और 2,5लाख रूपये अभी फीस के। "
युवती के पिताजी ने चेयरमैन से कहा"सर हम लोग गरीब हैं। इतना पैसा तो अभी क्या,कभी भी नहीं दे सकते हैं। "
चेयरमैन "यह नियम है। यह तो करना ही होगा। आप चाहें तो, हम आपको आधा घंटा पैसे की, व्यवस्था करने दे सकते हैं। "
"ठीक है सर "कहा युवती के पिताजी ने। चेयरमैन ने हम दोनों को ही, बाहर जाने को कहा। मैंने चेयरमैन से बात की "सर अगर उनके फादर, पैसों की व्यवस्था ना कर पायें तो?"
चेयरमैन ने कहा "देखिये, आपके पुत्र का, युवती के बाद ही नंबर है।वह सीट हम आपके पुत्र को ही देंगे, क्योंकि पी एम टी कि रिजल्ट आपके पुत्र का, बहुत ही अच्छा है।लेडी से सिर्फ एक नंबर पीछे। आप टेंशन ना लेवें। आप लोगों की सीट हम, पेमेन्ट सीट में कन्वर्ट नहीं करेंगे।"
हम दोनों ही बाहर आ गये।मुझे अब भी उस युवती से, बड़ ईर्ष्या हो रही थी और खुशी भी कि लड़की आज लड़कों से किस क्षेत्र में पीछे है। मैंने विचार किया कि काश हमारी भी एकाध लड़की होती।
25 मिनट बाद कमेटी ने मुझे, पुत्र सहित अंदर बुलवाया। चेयरमैन ने कहा " पैसों की आपकी, तैयारी है या नहीं?क्योंकि आपके पुत्र का रिकार्ड, वेरिफिकेसन हो चुका है। युवती के पिताजी, पैसे जमा नहीं कर पाये हैं। "
मैंने कहा "जी सर,हमारी पूरी तैयारी है।" चेयरमैन "देन,काॅनग्रेट्स,बोल आफ यू"
मैंने अपने पुत्र से कहा"बेटा जो श्रेष्ठ होता है, उससे ईर्ष्या जरूर करनी चाहिए, ताकि तुम भी श्रेष्ठ बनने की कोशिश करते रहो।"
