हथियार
हथियार
उन्हें आते देख वो घबरा जाती हैं। लड़के पास आते हैं। उनमें से एक के हाव भाव ठीक नहीं। चेहरे पे कुटिल सी मुस्कान के साथ हाथ आगे बढ़ाता है- " इस से पहले तुम लोगों को इधर देखा नहीं। लगता है शहर में नई आयी हो।" ठिगना वाला लड़का उस कुटिल लड़के की पीठ पर धौल जमाता हुआ बोला" अरे अपना राजू भाई तो शहर में नयी आई उड़ती चिड़िया को भी पहचान लेता है, आप तो फिर लड़कियाँ हैं!","वो भी इतनी खूबसूरत!" तीसरे मरियल से लड़के ने अपना कमेंट जोड़ा। "तुम को किधर जाना है, अपने को बताओ, होटल चाहिए? अपने बड़े कांटेक्ट हैं,"पहला मक्कारी से बोला।
लंबी वाली लड़की जो दोनों में बड़ी थी बोली "अरे नहीं नहीं। आप कष्ट न करें। हम चली जायेगी। इंस्टीटूट की वैन आ ही रही है। हमने अभी इंस्टिट्यूट ऑफ मार्शल आर्ट्स जॉइन किया है एज़ एन इंस्ट्रक्टर। कराटे की नेशनल चैंपियन हूँ। 12 गोल्ड मैडल। आप ने हमारी इतनी फ़िक्र की, बहुत बहुत धन्यवाद। कहते कहते दोनों लड़कियों ने हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ा दिया। अब खिसियाने की बारी लड़कों की थी। चारों के हाथ प्रणाम की मुद्रा में जुड़ गये। दूसरा खीसें निपोरता बोला," हें हें। क्यों शर्मिंदा कर रही हैं बहन जी। ये तो हमारा फ़र्ज़ था। लगा कि आप शहर में नयी हैं तो सोचा कि कुछ मदद कसर दें । वो कहते हैं न अतिथि देवो भव !अच्छा नमस्ते। चलें भाई लोगो!
चारों दुम दबा कर चल दिए।
छोटी बोली," तुमने झूठ क्यों बोला ?
झूठ कहाँ बोला? हां, हम दोनों आज ही जॉइन कर रही हैं कराटे क्लास ...लेकिन...एज़ अ...स्टूडेंट। यही हमारा हथियार बनेगा।