STORYMIRROR

Mukul Kumar Singh

Inspirational

3  

Mukul Kumar Singh

Inspirational

हम हैं भविष्य के सपने

हम हैं भविष्य के सपने

2 mins
127

छोटा-सा पर बड़ा खोटा, परिवार व पाड़ा परेशान।

कुछ जानने के बदले, कुछ करने के अरमान।

सुबह की शूरुआत गंगा के तट पर, मल्लाहों के साथ।

कल कल जलधारा चचचच के ध्वनि पर प्रिय थी उनके मौखिक गीत।

प्रसन्नता से सीखा दिशा निर्देश,जब पतवार मिली हाथ।

दाखिला मिला प्राथमिक विद्यालय में एवं बन गया एक छात्र। 

उत्सुक निगाहें टिकी सहपाठियों पर,किचिर मिचिर-छटर पटर सभी एक समान मंच के पात्र।

आप सभी पर हमारी टिकी रहेंगी आशाएं,हेड मास्टर ने ध्वजारोहण के पश्चात कहा।

आप आने वाले समय डाक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, एडवोकेट होंगे। देश को उन्नति के पथ पर ले जाएंगे। सत्य एकदम सत्य यह कैसे संभव होगा एक डॉक्टर की भूमिका क्या एडवोकेट के पेशे के समान है, एक जीवन दान देने वाले एवं दूसरा अपराधी की जान बचाएगा।

ब्रीज आज उद्घाटन अगले हीं क्षण टूट कर नदी में बह जाएगा। देशी वैज्ञानिक का नया अनुसंधान विदेशी खोज के आगे गटर में सड़ जाएगा। भारतीयों को अपने देश से दिखावटी प्रेम है, मुंह में देश बगल में विदेश गंगा को गंदा कह वोल्गा बनी अपनी प्यारी मेम।

कहने को हम भविष्य के सपने कैसे भारत को उन्नत बनाएंगे जहां मातृभूमिके नींव में बोई भाषाई भेद,काले गोरे रंग में अभिषाप, रिश्वतखोरी - बेइमानों की हेरा फेरी। स्व संस्कृति को घृणित कहने की दिखाते दादागिरी। संभव ही नहीं असंभव है सुन्दर भविष्य का सृजन।

हृदय ने कहा अच्छा बुरा तो धरती अम्बर में भी दिखाई देता है पर सूर्योदय तो होता है।

अतः सत्कर्मों को अपनाकर दूष्कर्मों को त्यागें, सकारात्मक सोच हो नव नवीन करने का मन में जोश जगाएं।

हम सबका भारत सुखी समृद्ध बनेगा, एकता भ्रातृत्व की वर्षा होगी सारे भेद मिट जाएगा तब तो हम अवश्य भविष्य भारत के सुनहरे सपने को साकार बनाकर दिखलाएंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational