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Priyanka Saxena

Inspirational

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Priyanka Saxena

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हार नहीं मानूंगी मैं!

हार नहीं मानूंगी मैं!

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"निष्ठा, आज फिर तुम परेशान लग रही हो, तबीयत सही नहीं है क्या? ऐसा करते हैं कि कल फुल बाॅडी चैकअप के लिए ब्लड सैंपल देने के लिए लैब से अपाइंटमेंट ले लेता हूँ।"

"समीर, ऐसी कोई बात नहीं है बस ऑफिस में वर्क ज्यादा है, नेहा, मेरी कुलीग, छुट्टी पर गई है शायद इसलिए थकान लगती है आजकल। तुम टेंशन न लो, मुझे कोई टेस्ट नहीं करवाने हैं।"

"निष्ठा, कोई बहाना नहीं चलेगा। मैं देख पा रहा हूँ , रोजाना तुम्हारी तबीयत गिरी-गिरी सी लग रही है। एक बार मन की तसल्ली कर लेते हैं।"

"पर मैं अच्छी भली-चंगी हूँ ।"

"बस अब कोई बहस नहीं! सुबह चाय- वाय नहीं लेना, निहार मुंह टेस्ट के लिए ब्लड देकर ही कुछ खाना-पीना, समझी। सात बजे का अपाइंटमेंट बुक कर दिया है, अब सो जाओ।"

निष्ठा तो बिस्तर पर लेटते ही सो गई परंतु समीर की ऑ॑खों से नींद रूठ गई थी मानो... समीर देख रहा था कुछ दिनों से निष्ठा की गिरती तबीयत को, पूछने पर वो ही कोई न कोई बहाना निष्ठा कर देती कि वर्क ज्यादा है ... पर अब समीर को दिल में ही अच्छा नहीं लग रहा था कि हमेशा खिलखिलाती निष्ठा को कुछ दिनों से इतनी थकान क्यों रहने लगी है? समीर और निष्ठा को देखकर कोई भी धोखा खा सकता है कि उनका प्रेम विवाह हुआ है, दोनों में प्यार और ‌आपसी समझबूझ है ही ऐसी...

निष्ठा और समीर की अरेंज मैरिज है जिसमें शादी के बाद प्यार का ऐसा बंधन बंधा कि आज चौबीस साल बाद भी दोनों की लोग मिसाल दिया करते हैं। एक बेटी है तान्या जो बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स कर रही है , हाॅस्टल में रहती है। बेटा सार्थक छोटा है, इंजीनियरिंग का पहला साल है वो भी हाॅस्टल में पढ़ रहा है। निष्ठा के सास-ससुर को गुजरे छह साल हो गए। निष्ठा के माता-पिता भी इस दुनिया में नहीं रहें। निष्ठा की बड़ी बहन है जो अपनी गृहस्थी में व्यस्त है। समीर का कोई भाई-बहन नहीं है।

खैर, सुबह निष्ठा ने टेस्ट करवाया, कुछ रिपोर्ट शाम तक आ गई और कुछ तीन दिन बाद आईं। फैमिली फिजिशियन को रिपोर्ट्स दिखाएं तो उन्होंने निष्ठा की आयु को देखते हुए पैप स्मीयर और मैमोग्राम भी करवाने की सलाह दी।

फिजिशियन को जिसका डर था वो सच साबित हो गया, निष्ठा को कैंसर था। बाएं स्तन में गांठ थी, बायोप्सी ने ब्रेस्ट कैंसर कन्फर्म कर दिया।

समीर सुनकर एक बार तो हिम्मत हार गया फिर निष्ठा का मुंह देख कर उसने स्वयं को संयमित कर निष्ठा को सम्भाला। तान्या और सार्थक भी घर आ गए।तान्या का लास्ट सेमेस्टर था तो परीक्षा देने ही वो दस दिनों के लिए गई। सार्थक को वापस काॅलेज ज्वाइन करना पड़ा।

अब एक लम्बी लड़ाई आगे थी... इसके बाद तो समय का पता ही नहीं चल‌ रहा था, कितने टेस्ट हुए और फिर निष्ठा का ऑपरेशन हुआ, उसका बायां स्तन निकाल दिया गया। कैंसर पेशेंट को शारीरिक कष्ट के साथ मानसिक तनाव के चलते बहुत पीड़ा होती है, अपनी-अपनी सकारात्मक सोच और ऊर्जा दी सभी ने निष्ठा को, घर के माहौल को निराशाजनक नहीं बनने दिया। निष्ठा समझदार थी उसने इतनी परेशानी के बावजूद अपनी मुस्कान से नाता नहीं छोड़ा। बच्चे और समीर सभी उसके सामने नार्मल व्यवहार करते ताकि निष्ठा खुश रहे।

अभी कष्ट बाकी थे, ऑपरेशन के बाद इक्कीस दिन बाद कीमोथेरेपी हुई, जान ही निकल कर रह गई निष्ठा की। दो कीमोथेरेपी की जगह तीन कीमो करनी पड़ी, पच्चीस-पच्चीस दिन के अंतराल पर... तीसरी कीमो के बाद रेडिएशन भी देना पड़ा और उसके बाद दूसरा स्तन ( दायां) भी ऑपरेशन कर निकाल देना पड़ा।

हर कीमो के बाद निष्ठा की हालत खराब होती, जो खाती वो निकल जाता। शरीर की कमजोरी चेहरे पर भरपूर झलकती लेकिन निष्ठा को बच्चों और समीर के सामने कमजोर नहीं दिखाना था। पीले चेहरे पर सदाबहार मुस्कान जाने निष्ठा कैसे ले आती....

बाल झड़ने लगे थे रेडिएशन के बाद तो समीर से अपने लिए विग मंगवाई यह कहकर लगाई कि चोटी से परेशान हो गई थी, देखो कटे बाल में कैसी लगती हूँ ॽ

इन सब में पूरा साल गुजर गया...

निष्ठा के टेस्ट फिर से हुए, दो दिन तक चले टेस्ट में और चार दिन बाद आई बायोप्सी की रिपोर्ट ने निष्ठा को कैंसर से मुक्त घोषित किया। हां, हर तीन महीने पर सभी टेस्ट रिपीट करने होंगे, उम्र भर अब...

अपने हौसले, इच्छा शक्ति (विल पावर) और अपनों के साथ से निष्ठा कैंसर सर्वाइवर बन कर निकल पाई।

आज निष्ठा एक एन जी ओ चला रही है जो महिलाओं को कैंसर के प्रति जागरूक करने का काम करती है, गरीब महिलाओं के इलाज के लिए डोनेशन जुटाकर उनकी समुचित मदद करती है। बेटी तान्या , बेटा सार्थक और पति समीर के हर पल दिए सकारात्मक विचार, सोच, एनर्जी, साथ और हौसले से निष्ठा ने हौसला दिखाया और कैंसर पर जीत हासिल की।

दोस्तों, परेशानी कितनी भी बड़ी क्यों न हो यदि दिल में पाॅजिटिव सोच हों और अपनों का साथ हों तो परेशानी पर काबू पाया जा सकता है।

आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा।

धन्यवाद।



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