हाँ तुम ही तो हो
हाँ तुम ही तो हो
आज की कहानी अपने नायक मनु के लिये हाँ तुम ही तो हो जीवन के संवल,जीवन की आशा अभिलाषा, हमारे जीवन के सपने, हाँ तुम ही तो हो,कितनी बातें करूँ, कितनी तारीफ करूँ या पूरी गजल ही लिख दूँ,
यह संवाद तो इला के है हाँ इला ही तो है जो 52साल की बिंदास महिला जो हमेशा हँसती खिलखिलाती है और खुश रहने का भान करती हैं, हाँ वही तो इला जो सारे गमों को समेट कर बस बिंदास जीवन जीती है अब आगे कहानी या भावनाओं की तरह चले हाँ वह मनु ही तो है जिसको देखकर इला जीती हैं पर कभी मन सवाल कर जाता है कि मनु मैं ऐसाी कौन सी बात दिखती है तो इला का सीधा सा जबाब होता है कि हमारी नजर से देखो तो पता चलेगा कि मनु में कितनी खूबिया है।
मनु में तो खूबी ही खूबी है खामी तो है नहीं। शायद इला के हिसाब से चाहत इसी को कहते हैं। जब खामियाँ भी खूबी में शामिल हो जाये।
जी हाँ यही चाहत है चलिये कल और किसी जोड़े पर बात करेगें आज बस यही तक Happy Republic day।