Kumar Vikrant

Comedy

4  

Kumar Vikrant

Comedy

गुड नाइट- सुंदरता

गुड नाइट- सुंदरता

2 mins
647


१०:३०

"मक्खन जी मैं कैसी लगती हूँ?"

"आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो....."

"धत्त, अरे मैं सुंदर हूँ या नहीं?"

"अच्छा; अरे आप तो बहुत सुंदर हो।"

"थैंक्यू, गुडनाइट।" 

१०:३५

"दिलदार खान जी क्या मैं सुंदर हूँ?"

"अरे आप तो हुस्नपरी है।"

"धत्त, अरे मैं सुंदर हूँ या नहीं?"

"बहुत सुंदर हो हुस्न बानो।"

"थैंक्यू, गुडनाइट।" 

१०:४० 

"बाबू भाई मैं सुंदर हूँ या नहीं?"

"बाबू भाई क्यों कहती हो बाबू राव कहो न....."

"ये बोलते हुए मुझे शर्म आती है.....ये तो बहुत गंदी बात कहने के लिए कहा जाता है, बताओ न मैं सुंदर हूँ या नहीं?"

"बहुत सुंदर हो बुलबुल......."

"थैंक्यू, गुडनाइट।"

१०:४५

"डी पी (ढक्कन प्रसाद) जी क्या हाल है?"

"बस तुम्हारा ही ख्याल है मेरी मैना।"

"अरे इतने दीवाने न बनिए....क्या मैं सुंदर हूँ?"

"सुंदर बहुत हो मेरी मैना।"

"थैंक्यू, गुडनाइट।"

१०:५०

"झम्मन लाल जी क्या हाल है?"

"अपन तो मस्त है तू बोल कब आ रहेली है अपन की हवेली पे?"

"धत्त ऐसे भी प्रपोज़ करता है क्या कोई?"

"प्रपोज वो भी तेरे को, पागल हो रहेली है क्या?"

"बकवास छोड़ो बताओ न मैं सुंदर हूँ या नहीं?"

"मुझे क्या पता, रोज तो डी पी बदलती रहती हैं तू।"

"तुम तो पागल हो, अच्छा गुड़ बाय।"

"दफा हो सा.....हजारो बॉय फ्रेंड वाली। 

१०:५५

"कैसे हो मलखान जी?"

"मलखान सिंह बोल छमिया, ये तो हमारे गुलछर्रे उड़ाने का टाइम है तुम कहाँ से आ टपकती हो रोज?"

"डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी, गुडनाइट।"

११:००

"गुड इवनिंग छत्तर दादा।"

"क्या सारे नमूनों को सुला दिया? क्या अब मेरी बारी है?"

"हमेशा उखड़ी-उखड़ी बात करते हो, कभी भी मेरी सुंदरता की तारीफ नहीं करते हो?"

"दुनिया देखी है मल्लिका जी अब मैं इन फालतू बातो से दूर रहता हूँ, तुम्हे भी सलाह देता हूँ ये इनबॉक्स-इनबॉक्स भटकना छोड़ दो; किसी दिन किसी लफंडर के हत्ते चढ़ गई तो न अपने पति के लायक बचोगी और न इन ऑनलाइन सखाओ के....."

"बस-बस ज्यादा अक्ल न बधारो, गुडनाइट।"

११:१५

"कैसे हो घमंडी लाल जी।"

"मजे में मेरी जान......"


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