एलियन
एलियन
चेहरा थोड़ा अजीबो गरीब था उनका, आँखें इतनी बड़ी जैसे जानवरों की होती और एकदम गोल-मटोल आँखे, चेहरा त्रिकोण के जैसा , लम्बाई में मेरे जितना ही होगा समझ में नही आ रहा था ये कैसे लोग है, पहले कभी नहीं देखा था …. विराज की तरफ़ सब बहुत ध्यान से देख रहे थे और उसकी अजीबो-गरीब बातों पर ग़ौर कर रहे थे।
तभी वसु ने बीच में ही टोकते हुए कहा …. क्यू झूठ बोलते हो विराज , भला ऐसा भी कोई इंसान होगा। तभी विराज ने जवाब दिया…. अरे, मैं तो बताना ही भूल गया उनको इंसान नही एलियन कहते है। और वो हमारी प्रथ्वी पर नही रहते वो दूसरे ग्रह से आते हैं।
विराज की ये बात सुनकर सारे दोस्त विराज का मज़ाक़ उड़ाने लगे। तभी कक्षा में विज्ञान के अध्यापक जी आ गए। सबको हंसता देख अध्यापक जी ने पुछ ही लिया की क्या बात हैं जो इतना खुश हैं सारे बच्चे ।
तभी अनन्य बोल पड़ा …. अध्यापक जी विराज बोल रहा हैं की दूसरे ग्रह पर लोग रहते हैं इसी बात पर सब लोग हंस रहे हैं।
तभी अध्यापक ज़ी ने बच्चों को बताया हाँ ये सच बात हैं सब बच्चे ध्यान से सुनने लगे। अध्यापक जी आगे बताने लगे की ब्रह्मांड में बहुत से ग्रह हैं हों सकता हैं हमारी प्रथ्वी जैसे लोग उन पर भी रहते हों विज्ञान को एलियन के होने के अवशेष मिले हैं ।
दूसरे ग्रह पर जीवन सम्भव भी हो सकता हैं ये कोई बड़ी बात नहीं हैं। हमने अपने कई यान भेजें हैं दूसरे ग्रह पर इस बात का पता लगाने के लिए। आज के लिए इतना ही जैसे ही आगे कोई बात पता चलेगी तब तुम लोगों को ज़रूर बताऊँगा या हो सकता है बड़े होकर तुममें से ही कोई इस खोज पर निकल जाए। सारे बच्चे बहुत आश्चर्यचकित थे और दूसरे ग्रह पर जाने के ख़्वाबों में खो गए।
