दोस्ती वाला प्यार
दोस्ती वाला प्यार
नैना और अमन एक ही ओफिस में काम करते थे। दोनो में अच्छी मित्रता थी । समझ की बात हैं जब एक ही जगह साथ में काम करते हैं तो दिन भर का ज़्यादातर वक़्त साथ ही गुजारते हैं। घर की बहुत सी बातें एक दूसरे से करते हैं। नैना बहुत ही हँसमुख और समझदार लड़की थी। वही अमन मस्तमौला था।
धीरे धीरे वक़्त के बीतता गया। दोस्ती बहुत अच्छी हो गयी थी जैसे पारिवारिक रिश्ते होते हैं। कुछ दिन में फ़्रींडशिप ड़े आने वाला था। मतलब दोस्ती का दिन आने वाला था। अमन के लिए नैना ख़ास दोस्तों में एक थी उससे दिल की हर बात आराम से कर पाता था। chahee वो ओफिस के काम को लेकर हों या घर की परेशनियाँ।
अमन ने नैना के लिए इस ख़ास दिन के लिए एक चोकोलेट ले ली। नैना ने चोकोलेट को स्वीकार कर लिया। अमन को पता ही नही चला वो कब नैना को पसंद करने लगा।
नैना ३ दिन से ओफ़िस नहीं आ रही थी । नैना का रिश्ता दूसरे शहर में तय हो गया था नैना अपने नए रिश्ते से बहुत खुश थी। नैना के ओफ़िस नही आने से अमन को समझ आ गया की वो नैना से प्यार करने लगा है लेकिन जब नैना को इस बारे में पता चला तो उसने अमन को समझाया की हमारा दोस्ती का रिश्ता प्यार से बढ़कर है जो हमेशा रहेगा ।
अमन को समझ आ गया था नैना का प्यार दोस्ती वाला हैं जो हर रिश्ते से बेहतर रिश्ता हैं जिसने आपसी समझ और सम्मान की भावना भी होती हैं। अमन ग़लत कदम उठाके अपनी दोस्ती का रिश्ता खराब नही करना चाहता था और एक अच्छी दोस्त पाकर खुदको ख़ुश क़िस्मत समझ रहा था की नाराज़ होने वाली नही प्यार से समझाने वाली दोस्त मिली हैं।