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Vimla Jain

Tragedy

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Vimla Jain

Tragedy

एक तस्कर का ह्रदय परिवर्तन

एक तस्कर का ह्रदय परिवर्तन

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झोपड़पट्टी में रोज बच्चे गायब हो रहे थे। बच्चों के मां-बाप को समझ में नहीं आ रहा था कि बच्चों को कौन उठाकर ले जाता है। 5 मिनट पहले खेल रहे होते 5 मिनट बाद गायब हो जाते। एक दिन थोड़े बड़े बच्चों ने मिलकर के आपस में ग्रुप बनाया और तय किया कि ,बच्चे पकड़ने वाले लोगों को पकड़कर के पुलिस के हवाले करेंगे। फिर सोचा कि पुलिस तो कुछ करती ही नहीं है पुलिस तो उन बच्चों को मदद करने की जगह सामने वाले की मदद करेगी। क्योंकि वह तो यहां से भी पैसे लेकर जाती है ।

फिर ने उन बच्चों ने सोचा उनको पकड़ कर के हम ही सबक सिखाएंगे। उन लोगों ने उसके लिए छटका गोठवा कि किस तरह से गुनहगार लोगों को पकड़ना है। और जैसे ही वहां पर दो अनजान लोग उनको दिखे, उन बच्चों ने उन दोनों को घेर लिया पहले तो बहुत मारा। फिर तलाशी ली तो उनके पास में दो बच्चों की फोटो निकली। उनको उस दिन दो बच्चों को उठाना था। उन बच्चों ने उनको खूब मार कर के बांध दिया।

और उसका फोन लिया ,और उसको बोला कि तेरे बॉस को फोन कर पहले तो वह बहुत आनाकानी करने लगा। फिर उसने देखा यह बच्चे तो आज मारने मरने पर उतारू हो गए हैं ।उसमें से एक बच्चा बहुत बड़ा सा पत्थर लेकर आया और उसने कहा अगर नहीं करेगा तो मैं तेरा सिर फोड़ दूंगा।

आज मैं तेरे को जाने नहीं दूंगा तो फिर डरके मारे उन दोनों ने अपने बॉस को फोन करा। और उसको अपने वहां बुलायाजहां उनको बांध के रखा था। और बराबर उनको मारे जा रहे थे। झोपड़पट्टी में उस समय कोई बड़ा तो था नहीं, सब अपने अपने काम पर गए हुए थे ।खाली बच्चा पार्टी ही थी ।तो उनको बहुत बड़ा मैदान मिल गया था, उन लोगों को सबक सिखाने का। और बहुत दिनों से वह इस फिराक में ही थे। उन्होंने मार मार कर के यह उगल वालिया की बच्चे वहीं उठाकर ले गए हैं।फिर उनका बॉस आया वह उनको बंदूक दिखाने लगा ,कि मैं तुमको मार डालूंगा इन दोनों को छोड़ दो।

तो उन बच्चों का जो लीडर था ,वे थोड़ा दबंग टाइप का था और उसके फेस पर कान के नीचे बहुत बड़ा निशान था काला सा, वह जैसे ही बात करने आया तू है बदमाश बहुत बोलता है ,तुझे तो मैं देख लूंगा। तो उनका लीडर बोलता है कि, अगर तुम्हारे ऐसा कोई लड़का होता, तुम्हारा कोई बच्चा होता, और उसको कोई उठा कर ले जाता तो कैसा लगता । तो एकदम से उस बदमाश के मुंह पर दुख की छाया आई।

और वह ध्यान से उस लड़के को देखने लगा। और उसको बोलता है, इधर मेरे पास आ उस लड़के ने सोचा कि यह मेरे को मारेगा ,तो उसने कहा मैं क्यों आऊं मैं नहीं आऊंगा।

पहले तू बंदूक छोड़ तो ,उसने बंदूक नीचे रखी,और उसके पास गया लड़के के सिर पर हाथ फेरा और, उसको बोला कि तेरे पिताजी का नाम क्या है। उस लड़के ने अपने पिताजी का नाम बताया, फिर उसने से पूछा कि तेरे यह मुंह पर काला जो निशान है वह कहां से आया, यह तो मेरा जन्म से है फिर उस लड़के से बोला। तेरी मां का नाम क्या है उस लड़के ने कहा "मेरी मां तो नहीं है मर गई है ।"

उस आदमी की आंख में आंसू आ गए और वह वहीं बैठ गया बोला, "मैं तुम्हारे पिता से मिलना चाहता हूं ।"

उस लीडर को थोड़ा आश्चर्य तो हुआ मगर वह अपने पिता को काम पर से बुला कर लेकर आया। तो उसका पिता आया और उस बदमाश को देखकर भागने लगा। उस बदमाश ने उसको रोका बोला मैं तुमको कुछ नहीं कहूंगा, आओ और बताओ कि यह लड़का तुमको कहां से मिला। तो उसके पिता ने कहा, इसे मैंने आपके घर से उठाया था। मगर इस बच्चे के आने के बाद मेरी दुनिया बदल गई। और मैंने इसे अच्छी परवरिश देने का सोचा और ईमानदारी से काम करने का सोचा, और इस को बड़ा करने का।

मैंने इसे आगे नहीं बेचा और इससे पाल पोस कर बड़ा कर रहा हूं। स्कूल में पढ़ा रहा हूं। मैं मेहनत करता हूं ,तो पैसा आता है उससे उसकी परवरिश कर रहा हूं। वह बदमाश फफक फफक कर रोने लगा। कि मुझे माफ कर दो, तुमने तो यह काम छोड़ा और मैंने गुस्से में आकर यह काम पकड़ा। और आज मैं बच्चों की तस्करी करता हूं। मैं घर जाकर तहखाने में से सारे बच्चों को मुक्त कर दूंगा उनके घर पहुंचा दूंगा और अपने आप को पुलिस के हवाले कर देताहूं तुम पुलिस को फोन करो। उसी समय पुलिस को फोन किया जाता है। पुलिस आती है और वह आत्मसमर्पण कर देता है, अपनी टीम के साथ। और वह बच्चा जो लीडर है, वह बहुत खुश होता है देख कर कि सारे बच्चे आगए ।

और उसको अच्छा लगता है कि उसके पिता ने उसको उठाया मगर उन्होंने बहुत प्यारी बहुत अच्छी जिंदगी और बहुत अच्छी परवरिश दी है। सच है अगर समाज में ऐसा हो तो गुनहगार खत्म हो जाए।


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