Shalini Dikshit

Inspirational

4.0  

Shalini Dikshit

Inspirational

एक थी स्नो वाइट

एक थी स्नो वाइट

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रोजी !...हाँ, यही नाम तो रखा था उसका,उसके माता-पिता ने; क्यों रखा था यह नाम, इस बात को सोचकर उसका मन छलनी हो जाता है। क्योंकि वह रोज यानी कि गुलाब की तरह सुंदर और कोमल थी तो माता-पिता को कोई और नाम सूझा ही नहीं रोजी ही कहने लगे।

आज रोजी आईने में अपना चेहरा देखने से भी डरती है। अगर उस दिन प्रभु की कृपा ना हो गई होती उस पर, तो शायद कोई भी उसका चेहरा देखना पसंद नहीं करता।रवाजे की घंटी बजी रोजी समझ गई ईशान ऑफिस से आ गए हैं।उसने जल्दी से अपने चेहरे का सारा दर्द झटक दिया और दरवाजा खोलने चली गई।ईशान ने अपना बैग उसको पकड़ा दिया और खुद बाथरूम की तरफ चल दिए, क्योंकि अब तो ऑफिस से आते ही सीधा नहाने जाना जीवन का हिस्सा बन गया है; इसका कॅरोना के कारण।

रोजी ने बैग को सेनिटाइज किया, कमरे में रखा और चाय बनाने चली गई।

चाय पीते हुए इंसान ने पूछा -"चिंकी कहां है ?आज मेरे आने पर बाहर नहीं आई दिखाई नहीं दी।"

"दोपहर से ही कोई किताब पढ़ रही थी अपने कमरे में, मैं दो-तीन बार देखने भी गई तो कुछ उदास सी लग रही है;मैंने सोचा थकान हो गई होगी तो आराम करने दिया।"

"अरे ....क्या तबीयत तो ठीक है?"

"हाँ-हाँ तबीयत ठीक है, हो जाता है कभी-कभी कुछ थक गई होगी। आप चाय पी लीजिए फिर चलते हैं उसके पास।" रोजी बोली।

चिंकी बेटा! कहाँ है मेरा बच्चा !"-कहते हुए ईशान, रोजी के साथ कमरे में चले गए।

"अरे क्या हुआ रो क्यों रही हो?" ईशान ने घबराकर चिंकी से पूछा उसको रोता देख कर।

चिंकी कुछ नहीं बोली रोजी ने देखा सिरहाने स्नो वाइट की कहानी वाली किताब रखी है।

"अरे वाह तुम यह कहानी पढ़ रही थी।" रोजी बोली।

"पर इसमें रोने वाली क्या बात हो गई?"- ईशान ने कहा।

"मामा- पापा मैं कुछ पूछूं तो आप लोग गुस्सा तो नहीं करेंगे?"- चिंकी ने कहा।

हाँ-हाँ बेटा पूछो, नाउ यू आर बिग गर्ल पूरे पंद्रह साल की हो गई हो तुम, हम तुम्हें डांटेंगे नहीं तुमसे बात करेंगे जो पूछोगी उसका जवाब देंगे।"-रोजी बोली

"पूछो बेटा क्या पूछना है?"- इंसान ने कहा।

मम्मा स्नो वाइट की मम्मी सौतेली थी तभी उसकी ब्यूटी से जलती थी, उसको मारना चाहती थी।"- चिंकी ने सवाल किया।

" यह तो कहानी है इसको इतना क्यों सोच रही हो"

"मम्मा आप तो मेरी सगी माँ है, क्या आप भी मेरी ब्यूटी से जलती है?- चिंकी ने पूछा।

रोसी कुछ बोलती उससे पहले ही ईशान ने गुस्से में चिल्लाया-"चिंकी"

"आप थोड़ी देर आराम करिए जाकर हम माँ बेटी बातें करेंगे"- रोजी ने ईशान को समझाया।

ईशान समझ गया की बड़ी होती बेटी को माँ अच्छी तरह से समझा सकती है तभी वह उठकर चला गया।

"तुमको ऐसा क्यों लगा बेटा?" रोजी ने प्यार से पूछा।

चिंकी ने बोलना शुरू किया जब भी कोई कहता है कि "मैं बहुत प्यारी हूँ सुंदर हूँ आप उसकी बात काट देती हैं हमेशा यह कहती नहीं ऐसा कुछ नहीं है सभी बच्चे प्यारे ही होते हैं।मुझको सजने सवरने भी नहीं देती मेरे क्लास की सभी लड़कियां थ्रेडिंग करवाती हैं आप मुझे नहीं करवाने देती।कहीं ऐसा तो नहीं कि आपको लगता है कि मैं आपसे ज्यादा सुंदर ना लगने लग जाऊं स्नो वाइट की मामा की तरह आप को भी लगता।

रोजी जैसे धड़ाम से कहीं बहुत ऊपर से नीचे गिरी हो उसको ऐसा लगा, अब सब सच बताना पड़ेगा बेटी को उसने सोचा और बिना कुछ बोले अपनी शर्ट के ऊपर के दो तीन बटन खोल दिए" 

"अरे मामा यह क्या है "-चिंकी ने बहुत घबराई आवाज में चिल्लाई।

अपनी बहुत ही सुंदर चेहरे वाली माँ की गर्दन के नीचे के हिस्से की जली झुलसी खाल देखकर चिंकी डर गई थी।

"बेटा एक लड़का था वह मेरी सुंदरता पर मोहित हो गया वो दबंग परिवार से था मैंने उसका प्रपोजल मना कर दिया क्योंकि तब मैं तुम्हारी जितनी छोटी थी मेरा काम तो पढ़ाई पर ध्यान देना था प्रेम प्रसंग में पढ़ना नहीं था तो उसने मेरे चेहरे पर एसिड फिकवा दिया वह तो पता नहीं कहां से मुझे शक्ति आ गई और मैं पीछे हट गई और एसिड चेहरे की जगह गर्दन के नीचे पर गिरा ।

स्नो वाइट को कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि वह बहुत ब्यूटीफुल थी तुम भी बिलकुल स्नो वाइट जैसी ही हो बहुत सुंदर और इसी बात का मुझे डर है कि तुमको स्नो वाइट की तरह कभी भी मुश्किलों का सामना ना करना पड़े तभी तुमको मैं सात परतों तो मैं छुपा के रखना चाहती हूं अभी तुम्हें सिर्फ पढ़ाई पर अपने कैरियर पर ध्यान देना है। 

देखो अभी तुम एक कहानी पढ़ कर क्या क्या सोचने लगी क्योकि अभी तुमको इतनी समझ नही है तुम बच्ची हो ,जब तुम बड़ी होकर समझदार हो जाओगी तब मुझे तुम्हारी इतनी चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी तब मैं भी खुल कर बोलूंगी तुम बहुत प्यारी सुंदर हो।"

"सॉरी मम्मा! मैंने आपसे जो सब कहा मैं उसके लिए बहुत शर्मिंदा हूँ।"- चिंकी रोजी के गले लग गई और यही सोचने लगी कि स्नो वाइट की भी सगी मां जिंदा होती तो वह उसका कितना ध्यान रखती ,उसको इतनी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता हर मुश्किल से बचा लेती।"


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