एक सपना ऐसा भी
एक सपना ऐसा भी


अंधेरी रात में सुनसान सड़क पर नीरा किसी शेरनी की तरह शिकार करने निकली हो। बस मन में सोचती जा रही थी आज मुझे मजलूम औरतों की रक्षा करने से कोई रोक न पाएगा, अब उनकी मसीहा आ गई है
अचानक पीछे से नीरा को किसी ने पुकारा"नीरा ओ नीरा..उठ भी जा..कब तक सपना देखती रहेगी लेडी डॉन बनने का..उठ मेरी बच्ची, आज कालेज के दाखिले का फार्म भरना है.. देर हो जाएगी" माँ नीरा को जगाते हूए बोली
"माँ मुझे कराटे मास्टर बनना है, उस सुनसान सड़क को डराना है और औरतों की रक्षा करनी है, कालेज के साथ सपना भी पूरा करने दो।"