एक दिन का पहला प्यार
एक दिन का पहला प्यार
वह ठंड की सुनहरी धूप में उसके चेहरे को तलाश रहा था। वह अपने दिल की गहराई में उसकी धड़कन महसूस कर रहा था। इसी सुनहरी धूप में वह उससे पहली बार मिला था। दरअसल मिला नहीं था, उसे झलक भर देखा था। आज फिर वही सुनहरी धूप उसको सहला रही थी।
मृजल उस दिन बस के इंतजार में खड़ा था लेकिन एक बस निकल चुकी थी और दूसरी बस आने में बहुत वक्त बाकी था। वह इंतजार कर ही रहा था कि तभी एक लड़की वहाँ पर आ कर खड़ी हो गई। हल्का गुलाबी चेहरा, बड़ी-बड़ी आँखें, पतले होठ , सुराहीदार गर्दन, लम्बे और पतले हाथों की लम्बी उंगलियाँ मृजल की नजर में उसे दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की बना रहे थे। वह अनजाने में ही मृजल का पहला प्यार बन चुकी थी।
वह लड़की वहाँ पर खड़ी हुई किसी टेम्पो का इंतजार कर रही थी। हालांकि धूप इतनी घनी नहीं थी कि शरीर को जला दे लेकिन ज्यादा देर तक खड़े होने की वजह से पैरों में दर्द होने लगा था और वह दर्द उस लड़की की आँखों में साफ दिख रहा था। वह मन ही मन दुआ कर रही थी कि उसे एक टेम्पो मिल जाए। उसकी यह दुआ कुछ ही पल बाद पूरी हो गई जब उसे एक टेम्पो मिल गया। हालांकि मृजल भी खड़े-खड़े थक गया था लेकिन उस लड़की की परेशानी के बारे मे सोच कर पीछे रह गया। वह उसे किसी भी हालत में परेशान नहीं देख सकता था। वह लड़की टेम्पो में बैठकर चली गई।
मृजल ऑफ़िस में भी उसी के बारे में सोच रहा था। ऑफ़िस से लौटते हुए भी उसके दिमाग में उसी लड़की के बारे मे सवाल चल रहे थे। वह उस लड़की की पहचान जानना चाहता था। वह अपने घर पहुंचा तो बहुत थक चुका था। उसने जूते उतारे और टीवी खोल कर समाचार लगा दिये। वह कपड़े बदल ही रहा था कि एक खबर ने उसके होश उड़ा दिए। समाचार में किसी टेम्पो के दुर्घटनाग्रस्त होने की बात की जा रही थी जिसमें एक लड़की की मौत की पुष्टि की गई थी। समाचार चैनल पर उसकी पहचान के लिए तस्वीर दिखाई जा रही थी। जैसे ही मृजल ने तस्वीर देखी उसने तुरंत टीवी बंद कर दिया। उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी आगे कुछ सुन पाने की।
उसे लग रहा कि वह अपना कोई कीमती रिश्ता खो चुका था। वह बेजान हो कर बिस्तर पर लुढ़क गया।
उस एक दिन के पहले प्यार ने उसे इस कदर बदल दिया कि वह अपने जीवन मे किसी और को जगह नहीं दे पाया।

