Rashmi Sinha

Inspirational

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Rashmi Sinha

Inspirational

दस्तक

दस्तक

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अरे दादीजी, गाजर का कोई आचार बनाता है, मैंने गाजर हलुआ के लिए मंगाया है।॓॓अंश ने अपनी दादी पर नाराज हो कर कहा क्योंकि उन्हें पल्लव की दादी से गाजर की आचार बनाने की विधि पूछते देख लिया था। अंंश की दादी ने उसे डांटते हुए कहा कि ॔ तुम जाकर खेलो। अंंश बाॅल उठाकर चला गया।

    ठंड की धूप कई मायनेे में अच्छी होती है। एक तो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है दूूसरी परिवार के लोगों को और मोहल्ले के लोगों को एक जगह इकट्ठा कर दिया हैै। बातों के साथ खाना बनाने की विधि के ज्ञान का आदान-प्रदान हो रहा है। ठंड के दिनों में फल सब्जियां बहुत मिलते हैं। मन की सुकून के साथ साथ ठंडी की धूप में बैठकर बड़ी सी बड़ी समस्या का समाधान निकाल लिया जाता है। 

     आज रविवार हैै। पुरूष वर्ग अलग समूह में राजनीति के गरमागरम बहस में व्यस्त हैं। अंंश, पल्लव , विधू, चीनी, पलक, कावेरी सभी बच्चे वहीं पर खेल रहे हैं। उसी समय कलावती घर का काम करने आयी। अंश की दादी ने उसे चाय की प्याली ले जाने के लिए कहा। कलावती साड़ी के पल्लू से हाथ ढकते हुए चाय की प्याली उठानेे लगी। 

परन्तु सभी की नजर उसके हाथ पर लगे चोट पर गई। साड़ी की पल्लू हटा कर देखने पर सभी चकित रह गए। उसके हाथों में कई जख्म थे, पूछने पर गिर गई थी कह कर जाने लगी। पल््लव की दादी ने कहा कि ॔ तुुुम्हारेे जख्म तो कुछ और कहानी कह रहे है। सच्ची सच्ची बताओ ये जख्म कैसे आये ।॓॓

सबके जोर देने पर कलावती ने बताया कि ॔ उसका‌ पति शराब पीने के बाद मारपीट करता है।॓ वहां पर खेल रहे बच्चों ने देेेेखा वे दौड़ कर दवा ले आए। सबसे पहले उसके जख्म पर दवा लगा, उसके बाद सभी ने कहा कि ॔ पुलिस को बताओ, तभी सुधरेगा।॓

कलावती ने कहा कि ॔ चार दिन बाद छूूटकर आयेगा, अपना सारा गुुुस्सा मूूझ पर निकालेगा। ॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓॓

बहुत विचार विमर्श के बाद तय हूआ कि जब भी उसका पति उसके साथ मारपीट, झगड़ा करेगा वो तुुरंंत अंश की दादी के मोबाइल पर मिसकॉल करेेगी।॓॓ कलावती को ‌‌विश्वास दिलाया गया कि उसके पति से कोई भी एक शब्द नहीं कहेंगेे क्योंकि कलावती को डर था कि नशेेेे के हालत में या गुस्सा में 

उसके कारण मालकिन का अपमान न हो जाये। 

   रात में उसका पति शराब पी कर आया और  कलावती के साथ मारपीट करने लगा। कलावती धर्मसंकट में आकर हाथ में मोबाइल लेकर रख 

दी, पर मिसकॉल नही की। बच्चे सायकल चला रहे थे। सभी का ध्यान कलावती पर था अंश ने कहा कि ॔

कलावती ने अभी तक फोन नहीं किया, पास में ही उसका घर है, चलो देखेेंं क्या। ॓॓ 

सभी बच्चे तैयार हो गए और सायकल से कलावती के घर के बाहर खड़े थे तभी घर अंदर से आ रहे आवाज से उनका दिल कांंप उठा। कलावती के रोने का आवाज सुनकर उनसे रहा नहीं गया और वे बच्चे हिम्मत जुटा कर दरवाजा पर दस्तक दिए। कलावती का पति दरवाजा खोला फिर चुप चाप अंदर चला गया।  कलावती  ्बाहर निकली तब अंश ने कहा कि ॔॔॔॔दादी ने कुछ काम दिया था। आपने नहीं किया, बस इसीलिए आए हैं। ॓॓ वे लोग वहां से जा रहे थे तभी एक घर से किसी महिला की रोने की आवाज सुनकर 

रुक गए और उस घर के दरवाजे पर दस्तक दे भाग 

गए। अब बच्चे रोज एक चक्कर लगाते जब भी इस तरह की कोई आवाज सुनते दरवाजे पर दस्तक दे भाग जाते। एक दिन कलावती ने बताया कि ॔   दादीजी भईया लोग मुझे नई जिंदगी दिए हैं। मेेरी 

ही नही मेेरी सहेली का भी जीवन बच गया है। अब पीकर आता भी है तो चुपचाप सो जाता है। ॓॓

अंंश की बच्चों को बुलाया और नाराजगी जताई कि बड़ों के जानकारी के बिना क्यों गए और घरेलू हिंसा  के विरुद्ध उठाये ्कदम के लिए तारिफ की।


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