Rashmi Sinha

Children Stories

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Rashmi Sinha

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पतंग

पतंग

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अंश ,विधु, पल्लव, चीनी, पलक, कावेरी एक ही मोहल्ले में रहते हैं और उनके बीच अच्छी ‌दोस्ती है। सभी बच्चे मकरसंक्रांति पर पतंग उड़ाने के लिए पतंग खरीद कर ला रहे थे । जिसे देखकर अंश के दादा जी को पुराने दिन याद आ गया और याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम बच्चे थे तब हमारे पास पैसे नहीं होते थे और घर से पतंग के लिए पैसे मिलने की उम्मीद नहीं होती इसलिए हम लोग पतंग अपने से बना कर उड़ाते।

बीच में रोकते हुए पल्लव के दादा जी ने हंसते हुए कहा कि "खेेेलने ‌केे नाम पर पैैसा मिलने से रहा इसलिए जुगाड तंत्र में माहिर रहते थे। पतंग के लिए पैसे मांगना, मारने अवसर देने समान था। छत के कोने में छिपकर मांझा और पतंंग बनातेे फिर पतंग उड़ाते। मुझे पतंग उड़ाने का बहुत शौक और मेरे पिता जी को लगता कि मैं पतंग के कारण पढ़़ाई पर ध्यान नहीं दे रहा हूं जिससे मेरी जिंदगी खराब होने वाली है। कितने बार मेेेरी छड़़ी से पीटाई हुई है।" ॓॓

सभी ठहाका लगा कर खुुब हंसे।अंश के दादा जी ने कहा कि "अपना पड़ोसी बसंत एक नम्बर का पतंग बाज रहा , उसने किसकी पतंग नहीं काटी थी, पर उसकी पतंंग हम नही काट पाए। बसंत की पतंग कभी कटती तो उसे लुुुटने की होड़ लगती। सड़क पर भागते, छत से छत दौड़ जाते। पतंग के चक्कर में कितनी चोटें आईं, चोट पर दवा लगती ,साथ ही मार भी पड़ती।"

इन बच्चों के दादा जी अपनी अपनी यादें ताजा कर रहे थे और मज़ा भी ले रहे थे। अंश और सभी बच्चे ‌उनकी बातें सुनकर उनसे पतंग बनाने का तरीका पूछकर बनाने लगेे, चीनी ने सभी दोस्तों के लिए मुखौटा बनाया। चीनी का जीद था कि सब मुुुखौटा पहनकर उड़ायेंगे। अब मकरसंक्रांति पर पतंग उड़ाने लगेे। कावेेेेरी बिल्ली का ‌मु‌खौटा पहनकर छेड़ रही थी। विधु ‌पतंंग उड़ाने में ‌माहिर उसे फर्क नहीं पड़ा बल्कि बीच-बीच में कावेरी को चिढ़ा देे रहा था। उधर   पल्लव को बहुत सावधानी से पतंंग उड़़ा़ते देेख विधु को मस्ती सूझी उसने उसकी पतंंग काट दी।   

पल्लव  भौंचक्का सा रह गया। देखा, विधुु ने काटा, तब गुस्सा से तमतमा गया। विधु की ओर दौड़ा, विधु जल्दी से अपनी पतंग निचे उतारा, तब तक कावेरी पल्लव को रोकने की कोशिश की। विधु हंस रहा था और वो उसे गुस्से से मार रहा था। अंश ,कावेरी मिल दोनों को अलग किए। विधु ने बार बार माफी मांगा। पल्लव को बैठाया पर उसके आंखों में आंसू आ गए। अंश उसे समझाया तब उसने कहा कि "सबको पता है कि मैं मुुुश्किल से पतंग उड़ा पाता हूं । वो जानबूझकर मेरे साथ ऐसा करता है। मैं उसे नही छोडूंगा।" ॓॓ कहते हुए विधु के दौड़ा पर उसी समय एक पतंग कटकर जा रही थी। अंश चिल्ला कर पतंग के पीछे दौड़ा। अब पल्लव, विधु और सभी बच्चे भी दौड़़ गए। पल्लव ने पतंग पकड़ लिया और खुशी से चिल्लाते‌ दौड़  रहा था , सभी बच्चे उसके पीछे दौड़े।



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