Rashmi Sinha

Children Stories

3  

Rashmi Sinha

Children Stories

नयन का ठेला

नयन का ठेला

4 mins
577


अंश अपने दादा जी के साथ जीवन के ‌ढेला पर सुबह का नाश्ता लेने गया। देखा, ढेला नहीं आया है। अंश ने नाराज हो कर कहा कि "कल भी नहीं आया और आज भी नहीं आया। दादा जी, हम लोग अभी घर जायेंगे न, फिर वही रोटी, परांठे मिलेगा।"

दादा जी ने कहा कि "देखो, इसमें मेरी गलती नहीं है, 

मैं तो तुम्हें लेकर आया।"

अंश का दोस्त पल्लव सायकल से नयन के ठेला पर नाश्ता लेने आया उसने देखा ठेला नहीं आया तब उदास हो कर कहा कि ॔"नहीं आया है न। आमोद 

एकदम मनमर्जी का है, नयन भईया ठीक थे रोज ठेला लेकर आते।"

वहीं पर खड़े गुप्ता जी ने कहा कि " बच्चों घर का नाश्ता सबसे अच्छा रोज समय पर गरम गरम मिलता है।"

अंश और पल्लव पराठा याद कर मुंह बनाये। नयन के ‌ठेला का गरम गरम इडली छोला याद कर उनके मुंह में पानी आ गया।

    दरअसल चौक में नयन का ठेला आता। नयन नाम का व्यक्ति करीब 12- 15 साल से सुबह नाश्ते का ठेला लगाता। उसका ठेला "नयन का ठेला" के नाम से प्रसिद्ध है। सुबह 6 बजे ठेला और उस ठेला के ग्राहक साथ साथ पहुंच जाते। ऐसा लगता कि ग्राहक उसके आने के इंतजार में खड़े थे। नयन पहले ठेला खड़ा कर ठेला जमाता, सबसे पहले ठेला के ऊपर नीले रंग का प्लास्टिक डालकर ढंक लेता यानी कि छत बन जाता। बर्तन ठीक से  रखकर, गैस चालू कर छोला गर्म होने के लिए चूल्हे पर चढ़ा कर ठेला का पूजा करता। फिर ग्राहक को नाश्ता देता, तब तक ग्राहक इंतजार करते। पूरे समय इस ढेला पर कोई न कोई ग्राहक आते जाते रहते। नयन एक गंज छोला में मिर्च की चटनी और पानी डाल देता, उसे गरम कर इतने सारे ग्राहक को परोस देता और 1 बजे तक ढेला का पूरा सामान बेचकर वापस हो जाता। वापस होने से पहले उस जगह पर झाड़ू लगाकर साफ  करने के बाद ठेला लेकर घर जाता। गरम गरम स्वादिष्ट नाश्ता, हंसते ,मुसकुराते ,बातें करते हुए परोसता जो कि सभी को पसंद आता। इतना बेमेल नाश्ता इडली - छोला फिर भी सभी ग्राहक को पसंद है। जब छोला खत्म हो जाता तब इडली चाप- चटनी बनाता। सामान खत्म होने पर ग्राहकों को वापस भी करता पर कभी अपने सामान की मात्रा नहीं बढ़ाया। नयन अपना व्यवसाय जमा लिया तब अपने दोनों बेटों को भी ठेला पर लाने लगा। व्यापार अच्छा चल रहा था। बताते है कि घर पर महंगी समान ले लिया और दोनों बेटों की शादी कर दिया। बेटे अच्छे से ठेला सम्हाल लिए। नयन कभी आता पर देखने, जरूरत पड़ने पर बेटों की मदद कर देता। 

नयन के घर पर बहुत बड़ी बुराई घुस गई वो है नशा। नयन और उसके दोनों बेटे नशे में चूर रहने लगे। ठेला में मदद के लिए आमोद नाम का एक लड़का को काम पर रखा। अब नयन की पत्नी और बहु भी ठेला सम्हालने लगी। किस्मत को क्या कहें बड़ा लड़का को नशे के हालत में गिरने से चोटें आई जिससे उसकी मौत हो गई। कुछ समय के बाद नयन की पत्नी की मृत्यु हो गई। नयन अपने गांव वापस चला गया। छोटा बेटा और उसकी पत्नी ठेला सम्हालें पर उसके पास से ड्रग पकड़ में आया जिससे उसे जेल हो गया। कुछ दिन बाद आमोद अपना ठेला लगाने लगा। आमोद को नयन के ग्राहक पहचानते थे जिसका उसे फायदा मिला। आज भी आमोद अपना ही ठेला लगाता है उसने नयन से व्यवसाय के सारे गुण सीखने के साथ उसके व्यवसाय के तरीके और नियम का पालन करता जिससे उसे सफलता भी मिल रहा है। ग्राहक, आमोद के ठेला को "नयन का ठेला "  के नाम से जानते हैं।

अंश को भी नयन के ठेला का इडली छोला पसंद है। गुप्ता जी ने कहा कि "अंश बेटा घर जाकर नाश्ता कर लो। वैसे भी नयन अब नहीं बनाता है, अब आमोद बनाता है। सिर्फ नयन का नाम चल रहा है।"

अंश के दादा जी ने कहा कि "सही कहा आपने, नयन ने जो मेहनत किया और नाम कमाया उससे आज भी लोग अपना जीवन यापन कर रहे हैं।"

गुप्ता जी ने कहा कि "सबके हाथ का अपना स्वाद रहता है। उसके नाम का असर है कि आज भी ग्राहक बनें हुए है। वैसे ठेला रहता है तो यहां पर चहल-पहल बना रहता है। अच्छा भी लगता है। परन्तु नयन की कमी महसूस होती है रोज सुबह 6 बजे उसे देखने की आदत जो हो गई थी।"

अंश के दादा जी ने कहा कि "सफलता हर कोई नहीं पचा पाते। नयन का ठेला सफल हो कर इतनी जल्दी बरबाद होगा किसी ने नहीं सोचा था। ॓॓॓॓॓॓॓॓"

गुप्ता जी ने कहा कि "पैसे के साथ संस्कार होना चाहिए तभी सफलता का स्वाद सही तरीके से चखने को मिल पाता है।"

दादा जी ने अंश और पल्लव को समझाया कि "सुबह का नाश्ता घर पर जो बने खा लेना सही रहता है।"

दोनों घर जाकर नाश्ता करने के लिए तैयार हो गए। 

दूसरे दिन अंश अपने दोस्तों के साथ जाकर देखा कि नयन का ठेला आया है जब आमोद ठेला लेकर जाने लगा तब अंश ने आमोद से कहा कि "आमोद, तुम नयन के जिंदगी से सबक‌ जरूर लेना और अपनी सफलता को बनाये रखना।"

आमोद उसे ध्यान से देखा तब अंश ने कहा कि "मेरी बातों को आराम से सोचना समझ में आयेगा।"

आमोद सिर हिला कर स्वीकार किया।



Rate this content
Log in