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Rashmi Sinha

Children Stories

4  

Rashmi Sinha

Children Stories

चिढ़ाने का असर

चिढ़ाने का असर

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अंश, चीनी, पलक, कावेरी, पल्लव, विधु अपने मोहल्ले के गली में क्रिकेट खेलते हैं। गली के क्रिकेट टीम की विशेषता है कि इसमें खिलाड़ी छोटे - बड़े, लड़की - लड़का सब रहते हैं। इस टीम के नियम बनते बिगड़ते रहते हैं। यहां खेल कम झगड़ा अधिक होता है। कितना भी झगड़ा हो खेल के अंत में सभी कहते हैं कि"खेलने में मजा आया।"सच गली में खेलने का अपना मज़ा है। यहां पर विधू और कावेरी की बेटिंग आती। दोनों रन के लिए दौड़े पर कावेरी विधु के समान तेज नहीं भाग कर रन नहीं बना पाई तब विधु ने चिल्ला कर कहा कि "तेज दौड़ हाथी।"

कावेरी हांफते हुए खड़़ी हो गई फिर उसने कहा कि " चुुप कर छिपकली ।" 

चीनी ने दोनों को डांटकर चुप कराया। सभी बच्चे एक स्कूल में पढ़ने जाते हैं। अंश और विधु का सेेेक्शन एक हैै। इसलिए वे दोनों एक कक्षा में बैठते हैं। उनके कक्षा में देवांश नाम का नया लड़का आया है। दरअसल देेेेेवांश का पैर छोटा बड़ा है यानि कि दिव्यांग है। इस कमी के अलावा उसमें कोई कमी नहीं है,   आत्मबल मजबूत होने से सामन्य बच्चों की तरह हर क्षेत्र में आगे रहने की कोशिश करता है। हीनभावना उसे दूर दूर तक नही छूआ । चंंचल, हंसमुख देवांश के बहुत से दोस्त बन गए। परन्तु विधु और कूछ लड़के देेेवांश के शारीरिक कमी को निशाना बना कर

छेड़ा करते। मन कितना भी मजबूत हो चोट पहुंचा जाता है। स्कूल में टिफिन का समय था, विधु और उन लड़कों को सामने खड़ा देेखकर देेवांंश कक्षा में बैठकर उनके जाने का इंतजार करने लगा  जिससे वो खेेल  के मैदान में जाकर टिफिन खा सकेे। उसे हाथ में टिफिन बॉक्स लिए खिड़़की से बाहर झांकते देख अंंश समझ गया। अंश देवांश के पास जाकर कहा कि"चल टिफिन खाकर आते हैं।" देवांश ने मजाक में कहा कि"नहीं मैं नहीं जाऊंगा, तू अपना टिफिन खा लिया है अब मेरे टिफिन में नजर लगाया है।" दोनों  हंसते हुए खेेल के मैदान की ओर चल देते हैं।  पर पीछे से उन लड़कों की आवाज आती है। " उचक उचक लगंडू टब्क टब्क " अंश झगड़ा करने केे लिए  मुड़ता है पर देवांश रोकता है। फिर हंसते हुए   टिफिन खाता है । देवाांश कहा कि"छोड़ न यार, टिफिन का मजा ले। हम जैैसे लोगों के लिए येे समान्य बात है। पता है, मेरी मम्मी आलू परांठा बहुत अच्छा बनातीं हैै, कल तेरे लिए भी ले कर आऊंगा।"

अंश उसके संघर्ष को देख परेशान था पर उसके साथ  हंसने बात करने लगा। थोड़ी ही देर में भूूलकर खेलने लगे। 

 घर आने पर शाम को अंंश ने पल्लव,चीनी, कावेरी, पलक को स्कूल की सारी बातें बताई। पल्लव

ने कहा कि"अंश सही कह रहा है, मैंने भी देखा है देवांश के साथ वे लोग गलत व्यवहार करते हैं। वेे लोग नीति को चश्मीश कहकर बुलाते हैं। उन लोगों को देख कर बेचारी अपना चश्मा उतार देेेती है।"

चीनी ने कहा कि"तुुम लोग विधु को उसी समय क्यों नहीं मारें। "

पल्लव ने कहा कि"एक दिन मैं कोशिश किया तो मुुझे ही भालूू कह दिया। मैंने सोचा कि मेेरा बाल बढ़ गया है शायद इसीलिए कहा रहा है मैंने बाल छोटा छोटा कटवा लिया फिर भी चिढ़ाया। मैं समझ गया कि जैैसे लोगों के साथ दोस्ती किया है कुछ भी कहना बेेेकार है।"

सभी खुुब हंसे कि"विधु के कहने से बाल कटवा लिया।" पलक ने कहा कि"विधु अपने आप को

ज्यादा होशियार समझ रहा है न। चलो, मिलकर सबक सिखाते हैं। फिर मजाक उड़ाना जिन्दगी में भूल जाएगा।"

चीनी ने कहा कि"तूू ठीक कह रही है। दादी कहती हैं कि" हम सबको भगवान ने बनाया हैै॓॓ ॓ फिर हम भगवान के रचना हुए और जो भी शारीरिक कमी पर मजाक उड़ायेंगा उसे भगवान कभी माफ नहीं करेेंगे।"

"सभी बच्चे मिलकर तय करते हैं कि विधुु को तब तक चिढायेेगेे जब तक उसे अपनी गलती महसूस नही कर लेता। सभी बच्चे विधु को लड्डू गोपाल कहने लगे।वो परेशान हो गया। सबसे झगड़ा किया। बड़ों से  शिकायत भी किया। फिर भी लड्डू गोपाल कहना नहीं छोड़़े। अब विधु सबसे अलग अलग रहने लगा और गुमसुम सा हो गया। एक दिन सभी बच्चे विधु को पकड़ कर बैठाये और उसे बताए कि" हम तुम्हें समझाना चाहते थे कि तुम कितनी गलती कर रहे हो,  साथ ही तुम महसूस करो, उनकी तकलीफ़ जिन लोगों को तुमने चिढ़ाया है ।यही हमारा उद्देश्य था।"

विधु ने अपनी गलती महसूस किया और अपनी गलती मान कर सभी से माफी मांगी । स्कूल में देेेेवांंश से माफी मांगी और दोनों अच्छे दोस्त बन गए।



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