नये साल की पार्टी
नये साल की पार्टी
अपने मोहल्ले में अंश, पल्लव, वीधू, कावेरी और चीनी खेल रहे थे तभी अंश ने कहा कि "दोस्तों नया साल आने वाला है।"
पल्लव ने उत्साहित होकर कहा कि "सही है, कुछ प्रोग्राम बनाते है। अपने स्कूल का प्रतीक शर्मा वो अपने परिवार के साथ घूमने जाने वाला है।"
अंश ने उसे समझाया कि "दूसरे का देखा सीखी नहीं करना चाहिए।"
पल्लव ने कहा कि "मैं समझता हूं भाई, मैं कह रहा हूं कि अपन सब मिलकर यही कुछ प्रोग्राम बनाते है।"
पल्लव की बातें सभी को समझ आयी और मन उत्साहित हो गया। अब बड़ों को पार्टी के लिए कैसे मनाया जाए इस पर बातें होने लगी। जो बच्चे आस पास खेल रहे थे वे भी आकर खड़े हो गए। चीनी ने कहा कि "कोई फायदा नहींं, अपने काम का लम्बा चौड़ा सूची थमा देंगे और अंंत में डांट पड़ेगी कि अपने पढ़ाई पर ध्यान दो।"
अंश ने कहा कि "अच्छे काम के लिए प्रयास निश्चित करेंगे।"
सभी एकमत से सहमत हो गए। घर पर सभी ने मनाने का प्रयास किया किन्तु उन्हें डांटकर चुप करा दिया गया। बच्चे मायूस हो गए। उनमें ज़ि़द हो गया कि हम पार्टी करेंगे। किन्तु कैसे समझ नहीं पा रहे थे। सजावट के बिना पार्टी कैसे? फिर पैसे किसी के पास नहीं है।
चीनी ने कहा कि "सारा कुछ अपने पास है। बस जरा सा दिमाग लगाने की बात है।"
कावेरी ने कहा कि "सही है, झालर अपने पास है, रंग-बिरंगे पेपर से झंडी, फूल बनाकर सजा देंगे। सवाल ये है कि पार्टी करेंगे कहां पर ॽ"
पल्लव ने कहा कि " मेरे घर के बरामदे में ठीक रहेगा।"
अंश ने कहा कि "तेरे घर का बरामदा बड़ा है पर मेरे घर के बरामदे के सामने बगीचे में पौधे पर झालर लगाने से अच्छा लगेगा। क्या कहते हो तुम सब।"
सभी को सही लगा और यह तय हुआ कि सभी अपनी मम्मी से एक एक नाश्ता बनवाकर ले आएंगे। अब 31दिसम्बर को सवेरे से ही बच्चे अंश के बरामदे की सजावट के तैयारी में व्यस्त हो गए। उनकी लगन देखकर बच्चों के दादा जी खुश हो गए। सभी दादाजी बच्चों को बाजार ले जाकर उनके पसंद का सामान खरिद कर दे दिए। जिससे बच्चों में उत्साह और बढ़ गया। शाम होते ही बहुत सुंदर सजा लिए साथ ही म्यूजिक सिस्टम भी चालू कर दिए। गाने के साथ बच्चोंं की हँसी और खुशी पार्टी में चार चांद लगा दिए। अब उनके पापा और मम्मी आ गए। अंंश के पापा ने कहा कि "तुम लोग हमें अपने पार्टी में शामिल करोगे।"
पल्लव के पापा ने कहा कि "बोलो तैयार हो न। हम चंंदा देने के लिए तैयार हैं।"
अंश ने कहा कि "चंंदा देने से क्या होगा। अपने लिए तो मम्मी को मुश्किल से मनाया है। तब जाकर खाने की व्यवस्था हो पाया।"
तभी सभी बच्चों की मम्मी खाने का डोंगा लेकर खड़ी हो गई और बोली कि "खाने चिंता मत करो, हम लोग ने सभी के लिए बनाया है।"
कावेरी ने नाराज हो कर कहा कि "पापा जी आपने तो कहा था कि पार्टी समय की बरबादी है, एकदम फालतू काम। "
कावेरी के पापा ने कहा कि "पर बेटा तुमने ही समझाया था कि घूमने जाना, पार्टी करना, खेलना समय की बरबादी नहीं है। इसमें मजा आता है, कभी कभी ऐसा करना चाहिए।" अब बात समझ आ गई। बच्चों ने कहा कि "ठीक है आइए।" फिर सभी ने मिलकर बहुत मजा किया।